मौना पंचमी का व्रत कब रखा जाएगा, क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त और 3 उपाय

WD Feature Desk
गुरुवार, 3 जुलाई 2025 (14:59 IST)
mauna panchami worship of lord shiva: हिन्दू पंचांग कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष मौना पंचमी का व्रत 15 जुलाई 2025, मंगलवार को रखा जाएगा। यह श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार मौना पंचमी व्रत का पालन मन, शरीर और आत्मा को शांति देने वाला होता है। इस विशेष दिन पर संयम, श्रद्धा और पूजा के साथ भाव से व्रत करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।ALSO READ: सावन सोमवार से संबंधित आरती चालीसा सहित महत्वपूर्ण जानकारी
 
मान्यतानुसार मौना पंचमी को भगवान शिव और नाग देवता की पूजा हमें सांसारिक जहर से बचने का संकेत देती हैं। जहां मौन व्रत व्यक्ति को मानसिक रूप से संयम और धैर्य रखना सिखाता है, वहीं यह मौन शारीरिक ऊर्जा भी बचाने में मददगार है। इस दिन भारत के कई क्षेत्रों में आम के बीज, नींबू तथा अनार के साथ नीम के पत्ते चबाने की मान्यता है, इस संबंध ऐसा माना जाता है कि ये पत्ते शरीर से जहर हटाने में काफी हद तक मददगार साबित होते हैं।ALSO READ: आषाढ़ अष्टाह्निका विधान क्या है, क्यों मनाया जाता है जैन धर्म में यह पर्व
 
आइए जानते हैं इस दिन के पूजन के शुभ मुहूर्त और खास 3 उपाय के बारे में जानकारी...
 
पूजा का शुभ मुहूर्त: मंगलवार, जुलाई 15, 2025
तिथि : श्रावण कृष्ण पंचमी 
लाभ- 10:44 ए एम से 12:27 पी एम
अभिजित मुहूर्त- 11:59 ए एम से 12:55 पी एम
अमृत- 12:27 पी एम से 02:10 पी एम
शुभ- 03:54 पी एम से 05:37 पी एम
अमृत काल- 09:59 पी एम से 11:33 पी एम
 
मौना पंचमी के दिन करें ये 3 उपाय:
 
1. मौन व्रत का पालन: इस दिन मौन रहने का विशेष महत्व है। मौन रहकर आप मानसिक, वैचारिक और शारीरिक हिंसा पर नियंत्रण कर सकते हैं। यह मन को शांत करने और आत्म-चिंतन करने में मदद करता है।
 
2. भगवान शिव और नाग देवता की पूजा: मौना पंचमी पर भगवान शिव के साथ नाग देवता की विधिवत पूजा करें। उन्हें दूध, घी, सूखे फल, फूल और माला अर्पित करें। ऐसा करने से घर-परिवार पर आने वाली सभी बाधाएं समाप्त होती हैं और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।
 
3. दान और स्नान: इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने का विशेष महत्व है। इससे पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है। यदि पवित्र नदी में स्नान संभव न हो तो घर पर ही स्नान करते समय पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।

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