4 सितंबर को मोरयाई छठ, यह व्रत देता है अश्वमेध यज्ञ जितना फल, जानें कैसे करें सूर्य देव का पूजन

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*  कैसे मनाएं मोरयाई छठ
 
4 सितंबर 2019, बुधवार को मोरयाई छठ व्रत मनाया जा रहा है। यह व्रत भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को भारत में किया जाता है। भगवान सूर्य को समर्पित यह दिन सूर्य उपासना एवं व्रत रखने के लिए विशेष महत्व रखता है। इसे सूर्य षष्ठी व्रत या मोर छठ के नाम से भी जाना जाता है। 
 
कैसे करें सूर्य देव का पूजन-

भगवान सूर्य देव को लाल रंग अधिक प्रिय है, अत: इस दिन उन्हें गुलाल, लाल चंदन, लाल पुष्प, केसर, लाल कपड़ा, लाल फल, लाल रंग की मिठाई अर्पित करके प्रसन्न करने का प्रयत्न करना चाहिए।
 
पुराणों के अनुसार हर महीने में आने वाली शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को हर मनुष्य को सूर्य देव का यह व्रत अवश्य करना चाहिए। खास कर भाद्रपद मास के शुक्ल षष्ठी के दिन यह व्रत करने से मनुष्य को अश्वमेध यज्ञ जितना फल प्राप्त होता है। 
 
ऐसे करें सूर्य देवता को प्रसन्न- 
 
* मोरयाई छठ व्रत हर व्रतधारी को पूर्ण श्रद्धा एवं भक्तिपूर्वक रखना चाहिए। 
 
* इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है, लेकिन अगर किसी कारणवश गंगा स्नान संभव न हो तो घर पर ही नहाने के पानी में कुछेक मात्रा में गंगा जल डालकर स्नान किया जा सकता है।   
 
* इस दिन सूर्य के उदय होते ही भगवान सूर्य देव की उपासना करना चाहिए। 
 
* भाद्रपद शुक्ल षष्ठी तिथि को जब तक सूर्य देवता प्रत्यक्ष रूप दिखाई न दें, तब तक सूर्य उपासना नहीं करना चाहिए। 
 
* इस दिन सूर्य देव के विभिन्न नाम तथा सूर्य मंत्रों का जप अवश्य करना चाहिए। 
 
* इस दिन पंचगव्य का सेवन अवश्य करना चाहिए। 
 
* दिन भर में एक बार नमक रहित भोजन करना चाहिए।
 
यह व्रत करने वालों पर सूर्य देव प्रसन्न होकर उन्हें सभी तरह के सुख, ऐश्वर्य तथा अश्वमेध यज्ञ का फल देते हैं। मोरयाई छठ पर सूर्य देव उ परोक्त विधिनुसार पूजन करने से सूर्य देव शीघ्र ही प्रसन्न होकर शुभाशीष प्रदान करते हैं।

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