sankashti chaturthi 2021 : संकष्टी चतुर्थी के दिन नहीं करना चाहिए ये 9 कार्य

Webdunia
कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं।
शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।
भगवान गणेशजी को चतुर्थी को किसी भी दिन तुलसी नहीं चढ़ाना चाहिए।
चतुर्थी के दिन झूठ बोलने से नौकरी और व्यापार में नुकसान होता है।
 
प्रत्येक माह में दो चतुर्थी होती है। इस तरह 24 चतुर्थी और प्रत्येक तीन वर्ष बाद अधिमास की मिलाकर 26 चतुर्थी होती है। सभी चतुर्थी की महिमा और महत्व अलग-अलग है। चतुर्थी के दिन कुछ वर्जित कार्य भी रहते हैं। 
 
आइए जानते हैं संकष्टी चतुर्थी के दिन क्या नहीं करना चाहिए -
 
1. अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं और पूर्णिमा के बाद कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं।
 
2. चतुर्थी तिथि की दिशा नैऋत्य है। चतुर्थी खला तिथि हैं। तिथि ‘‘रिक्ता संज्ञक’’ कहलाती है। अतः इसमें शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं।
 
3. यदि चतुर्थी गुरुवार को हो तो मृत्युदा होती है और शनिवार की चतुर्थी सिद्धिदा होती है और चतुर्थी के श्रिक्ताश् होने का दोष उस विशेष स्थिति में लगभग समाप्त हो जाता है।
 
4. भगवान गणेशजी को चतुर्थी तो क्या किसी भी दिन तुलसी नहीं चढ़ाना चाहिए।
 
5. इस दिन प्याज, लहसुन, शराब और मांस का सेवन नहीं करना चाहिए।
 
6. भगवान गणेश के इस पवित्र दिन पर शारीरिक संबंध बनाना वर्जित माना जाता है।
 
7. चतुर्थी के दिन किसी भी पशु या पक्षी को न तो सताना चाहिए और न ही मारना चाहिए।
 
8. इस दिन किसी बुजुर्ग या ब्राह्मण का अपमान नहीं करना चाहिए। वैसे तो किसी भी दिन नहीं करना चाहिए।
 
9. चतुर्थी के दिन झूठ बोलने से नौकरी और व्यापार में नुकसान होता है।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

साप्ताहिक पंचांग 31 से 06 तक, जानें अप्रैल 2025 के पहले सप्ताह के शुभ मुहूर्त

Uttarakhand : चारधाम तीर्थयात्रियों के लिए स्वास्थ्य परामर्श जारी, श्रद्धालुओं से आवश्यक दवाइयां रखने को कहा

नवरात्रि की चतुर्थ देवी मां कूष्मांडा की कथा

नवरात्रि की पांचवीं देवी मां स्कंदमाता की कथा

नवरात्रि की छठी देवी मां कात्यायनी की कथा

सभी देखें

धर्म संसार

01 अप्रैल 2025 : आपका जन्मदिन

हर युग में प्रासंगिक है भगवान श्रीराम का जीवन चरित्र, मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम पर निबंध 600 शब्द में

01 अप्रैल 2025, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

1000 बार हनुमान चालीसा पढ़ने से क्या होगा?

प्रभु श्रीराम के जन्म के 5 प्रामाणिक सबूत

अगला लेख