हरिवंश नारायण सिंह : प्रोफाइल

Webdunia
राज्यसभा के उपसभापति पद के चुनाव में एनडीए उम्मीदवार हरिवंश नारायण‍ सिंह विजयी घोषित किए गए। उन्होंने यूपीए के  हरिप्रसाद को हराया।  वरिष्ठ प‍त्रकार और जदयू के राज्यसभा सांसद हरिवंश नारायण सिंह का जन्म उत्तरप्रदेश के बलिया जिले के सिताबदियारा गांव में 30 जून 1956 को हुआ था।

वरिष्ठ पत्रकारों में शुमार हरिवंश जद (यू) के महासचिव भी हैं। हरिवंश को बिहार के मुख्यमंत्री और जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार का बेहद करीबी माना जाता है। हरिवंश प्रसाद 1990-91 में प्रधानमंत्री कार्यालय में सहायक सूचना सलाहकार (संयुक्त सचिव) के पद पर रहे थे।
 
जदयू ने वर्ष 2014 में हरिवंश नारायण सिंह को उच्च सदन भेजा। हरिवंश को जयप्रकाश नारायण (जेपी) ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में डिप्लोमा के दौरान ही 'टाइम्स ऑफ इंडिया' समूह मुंबई में प्रशिक्षु पत्रकार के रूप में 1977-78 में उनका चयन हुआ।
 
हरिवंश नारायण सिंह ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया है। इसके बाद वे टाइम्स समूह की साप्ताहिक पत्रिका 'धर्मयुग' में 1981 तक उपसंपादक रहे। 1981-84 तक हैदराबाद एवं पटना में बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी की। 1984 में इन्होंने पत्रकारिता में वापसी की और 1989 अक्टूबर तक 'आनंद बाजार पत्रिका' समूह से प्रकाशित 'रविवार' साप्ताहिक पत्रिका में सहायक संपादक रहे।

वे वर्ल्ड एडीटर्स फोरम (डब्लूइएफ), एडीटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, एशियाई विकास शोध संस्थान (आद्री), राष्ट्रमंडल मानवाधिकार पहल (सीएचआरआई) जैसी कई महत्वपूर्ण संस्थाओं के सदस्य भी रहे हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

कहां हैं पंचेन लामा? तिब्बतियों ने मांगी भारत से मदद

राजीव गांधी ने क्यों खत्म किया था विरासत टैक्स? BJP- कांग्रेस में घमासान जारी

स्त्री धन का उपयोग कर सकता है पति, सुप्रीम कोर्ट का आदेश, लेकिन

भाजपा में शामिल हुए मनीष कश्यप, मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

मोदी ने साधा कांग्रेस और सपा पर निशाना, कहा- OBC का हक छीन रहीं दोनों पार्टियां

Haryana Congress Candidate List : हरियाणा की 8 सीटों पर कांग्रेस की लिस्ट, कुमारी शैलजा और दीपेंद्र हुड्डा को टिकट

राजीव गांधी ने क्यों खत्म किया था विरासत टैक्स? BJP- कांग्रेस में घमासान जारी

भारत ने मानवाधिकारों के हनन वाली अमेरिकी रिपोर्ट को नकारा, बताया पक्षपातपूर्ण

इंदौर कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति की मुश्किलें बढ़ी, दर्ज हुआ हत्या के प्रयास का प्रकरण, 17 साल पुराना मामला

स्त्री धन का उपयोग कर सकता है पति, सुप्रीम कोर्ट का आदेश, लेकिन

अगला लेख