सोशल मीडिया की लत को कम करेगा ‘स्क्रॉल फ्री सितंबर’अभियान

प्रीति सोनी
सोशल मीडिया सुविधा से ज्यादा एक लत है, जो धूम्रपान और शराब से ज्यादा खबरनाक है। इस लत से बचने या इसे कम करने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है जिसे‘स्क्रॉल फ्री सितंबर’नाम दिया गया है। यह अभियान बिल्कुल वैसा ही है जैसे शराब की लत को कम करने के लिए‘ड्राई जनवरी’शुरु किया गया था। और धूम्रपान की लत को कम करने या छुड़ाने के लिए अक्टूबर माह में ‘स्टॉपटोबर’ अभियान चलाया जाता है।  
 
सोशल मीडिया के खतरों से आगाह करने और इसकी लत को कम करने के लिए स्क्रॉल फ्री सितंबर’ अपनी तरह का अब तक का पहला अभियान है, जिसमें भाग लेने के लिए ‘रॉयल सोसायटी ऑफ पब्लिक हेल्थ’लोगों को प्रेरित कर रहा है। 
 
इस अभियान को शुरु करने वालों को यह उम्मीद है कि ‘स्क्रॉल फ्री सितंबर’के माध्यम से लोगों में सोशल मीडिया की आदत कम होने में मदद मिलेगी। स्क्रॉल फ्री सितंबर’अभियान में पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा भाग ले रही हैं। इस अभियान के तहत प्रतिभागियों को एक महीने तक फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, ट्विटर और यूट्यूब से दूर रहना है। 
 
हालांकि इस बारे में विशेषज्ञों का कहा है कि जागकरूकता के माध्यम से सोशल मीडिया के साथ एक संतुलित संबंध बनाया जा सकता है। लेकिन यह चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि सोशल मीडिया की लत से छुटकारा पाना बहुत ही मुश्किल है। 
 
विशेषज्ञों के अनुसार कई शोध में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि सोशल मीडिया के ज्यादा प्रयोग से तनाव और डिप्रेशन बढ़ता है। सोने से पहले जब आप मोबाइल फोन पर स्क्रॉल करते हैं तो यह आपकी नींद और दिमाग दोनों को प्रभावित करता है। कई बार यह आपके आत्मविश्वास में कमी भी लाता है और यहां तक कि यह आपकी नींद तक उड़ा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक सोशल मीडिया की वजह से आप वर्तमान में रहना छोड़ देते हैं। 

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