Mahakumbh: क्या रहस्यमयी लोक ज्ञानगंज के संन्यासी भी आए हैं कुंभ मेले में गंगा स्नान करने?

WD Feature Desk
शुक्रवार, 31 जनवरी 2025 (14:29 IST)
ज्ञानगंज कहां है यह कोई नहीं जानता। यह हिमालय में स्थित एक रहस्यमयी स्थान है। इसके बारे में परमहंस योगानन्द द्वारा द्वारा लिखी किताब 'योगी कथामृत - परमहंस योगानंद की आत्मकथा' में इस क्षेत्र के बारे में उल्लेख मिलता है। ऐसी मान्यता है कि यहां पर सिर्फ सिद्ध ऋषि मुनि, महात्मा और साधु संत ही रहते हैं। यह किस रूप में रहते हैं इसको लेकर भी सभी में जिज्ञासा है। जो भी हो, ऐसी भी मान्यता है कि इस सिद्ध क्षेत्र से महाकुंभ में स्नान करने के लिए सिद्ध संत चुपचाप आते हैं और चुपचाप चले जाते हैं। इन्हें सिर्फ अच्छे लोग और संत लोग ही पहचान सकते हैं या कहें कि वे अच्‍छे लोगों को ही दर्शन देते हैं। ALSO READ: Mahakumbh: महाकुंभ का तीसरा शाही स्नान बसंत पंचमी पर, जानें ब्रह्म मुहूर्त के अलावा अन्य स्नान मुहूर्त और किसे कहते हैं शाही स्नान?
 
कहा जाता है कि ज्ञानगंज का निर्माण विश्वकर्मा जी ने किया था। यहां एक आश्रम है, जहां हजारों वर्षों से सिद्ध पुरुष तपस्यारत हैं। कहा जाता है कि ज्ञानगंज में समय ठहरा हुआ है। यहां रहने वाले सिद्ध पुरुषों को अमरता का वरदान प्राप्त है। ऐसी मान्यता है कि ज्ञानगंज के तपस्वी टेलीपैथी के जरिए अपने गुरुओं से बात करते हैं। ज्ञानगंज को शांग्री ला और शंभाला के नाम से भी जाना जाता है।ALSO READ: कैसे बनते हैं अघोरी साधु?
ज्ञानगंज का सटीक स्थान अभी भी ज्ञात नहीं है। कुछ लोग इसे नेपाल, तिब्बत, उत्तराखंड या हिमाचल के किसी गुप्त स्थान में मानते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह कैलाश पर्वत क्षेत्र में कहीं स्थित है। अधिकतर मानते हैं कि यह तिब्बत में पहाड़ों में ही कहीं पर स्थित है। कई लोग ऐसे हैं जो भूल से ज्ञानगंज के क्षेत्र में पहुंच गए थे और वे समय के एक ऐसे आयाम में पहुंच गए थे जहां पर समय ठहरा हुआ है। कई लोग यहां से लौट नहीं पाए। जो लोग यहां से लौट पाए उन्होंने अपने अनुभव सुनाए थे।ALSO READ: तन पर एक भी कपड़ा नहीं पहनती हैं ये महिला नागा साधु, जानिए कहां रहती हैं
 
कहते हैं ज्ञानगंज से कई साधु हरिद्वार और प्रयाग के कुंभ मेले में जरूर आते हैं। कहते हैं कि उन संतों को कुछ लोग ही देख पाते हैं। जैसे किसी साधु के कैंप में चार संत बैठे है और आप यदि वहां उनके दर्शन करने या प्रवचन सुनने गए हैं तो हो सकता है कि उन चार में से आपको तीन संत ही नजर आए बाकी जो एक संत जो ज्ञानगंज से आए हैं वे आपको नजर न आए। ऐसी मान्यता के चलते ही जानकार लोग ऐसे संतों से मिलने के लिए ही साधुओं के शिविर में दर्शन करने के लिए जाते रहते हैं और कुछ तो कल्पवास का संकल्प लेकर उन्हें ढूंढते हैं।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

बसंत पंचमी का दूसरा नाम क्या है? जानें कैसे मनाएं सरस्वती जयंती

gupt navratri 2025: माघ गुप्त नवरात्रि में कौनसी साधना करना चाहिए?

मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए बसंत पंचमी पर लगाएं इन 5 चीजों का भोग?

जया और विजया एकादशी में क्या है अंतर?

फरवरी 2025 के प्रमुख व्रत एवं त्योहारों की लिस्ट

सभी देखें

नवीनतम

क्या अब सीबीआई करेगी महाकुंभ भगदड़ की जांच?

कौन हैं किन्नर अखाड़े का गठन करने वाले अजय दास, ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को महामंडलेश्वर क्या कहकर हटाया

झूंसी का 'सच' क्यों छिपा रहा है कुंभ प्रशासन? प्रयागराज महाकुंभ की दूसरी भगदड़ का खुलासा!

महाकुंभ का पलट प्रवाह होने से काशी में उमड़ी भीड़, लोगों से अपील- अभी गंगा आरती में शामिल होने से बचें

क्यों नहीं डूबते महाकुंभ में बने पीपे के पुल, जानिए किस तकनीक से बने हैं पांटून के पुल