Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में जा रहे हैं तो जानिए कि किस साधु के कैंप में जाने से क्या मिलेगा लाभ

WD Feature Desk
शुक्रवार, 24 जनवरी 2025 (12:26 IST)
Saints camp in Maha kumbh mela 2025: प्रयागराज महाकुंभ 2025 एक विशाल धार्मिक आयोजन है, जहां विभिन्न प्रकार के साधु-संत अपने शिविर लगाते हैं। प्रत्येक शिविर का अपना महत्व और विशेषता होती है। इसलिए, यह कहना मुश्किल है कि किस विशेष साधु के शिविर में जाने से लाभ मिलेगा, क्योंकि यह व्यक्ति की अपनी आस्था, उद्देश्य और आवश्यकताओं पर निर्भर करता है। हालांकि, कुछ सामान्य बातें हैं जो आपको विभिन्न शिविरों और उनमें जाने से संभावित लाभों को समझने में मदद कर सकती हैं:-ALSO READ: Mahakumbh Mela 2025: महाकुंभ में कितने और कौन-कौनसे चमत्कारिक बाबा हैं?
 
विभिन्न अखाड़े: महाकुंभ में विभिन्न अखाड़ों के शिविर होते हैं, जैसे कि जूना अखाड़ा, निरंजनी अखाड़ा, महानिर्वाणी अखाड़ा आदि। प्रत्येक अखाड़े की अपनी परंपराएं और शिक्षाएं होती हैं। यदि आप किसी विशेष अखाड़े के बारे में जानने या उनकी दीक्षा लेने में रुचि रखते हैं, तो आप उनके शिविर में जा सकते हैं। हर अखाड़ा और साधु अपनी विशेषता, परंपरा, और साधना के तरीके के लिए जाना जाता है। किस साधु या अखाड़े के कैंप में जाना चाहिए, यह आपकी आध्यात्मिक प्राथमिकताओं, जिज्ञासा और उद्देश्य पर निर्भर करता है।
 
1. शैव अखाड़े (शिव के उपासक): 
अखाड़ा: शैवपंथ के साधुओं और उनके कैंप की संख्‍या अधिक है। शैव संन्यासी संप्रदाय के 7 अखाड़े हैं। इनमें प्रमुख 3 है- 1. जूना अखाड़ा, 2.अग्नि अखाड़ा, 3. निरंजनी अखाड़ा। इन तीन के अंतर्गत ही 7 अखाड़े हैं- 
1. श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी- दारागंज प्रयाग (उत्तर प्रदेश)।
2. श्री पंच अटल अखाड़ा- चैक हनुमान, वाराणसी (उत्तर प्रदेश)।
3. श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी- दारागंज, प्रयाग (उत्तर प्रदेश)।
4. श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा पंचायती- त्रंब्यकेश्वर, नासिक (महाराष्ट्र)
5. श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा- बाबा हनुमान घाट, वाराणसी (उत्तर प्रदेश)।
6. श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा- दशाश्वमेघ घाट, वाराणसी (उत्तर प्रदेश)।
7. श्री पंचदशनाम पंच अग्नि अखाड़ा- गिरीनगर, भवनाथ, जूनागढ़ (गुजरात)
 
शैव अखाड़े के कैंप में जाने के लाभ: शिव भक्तों के लिए आदर्श। ध्यान, तंत्र, और योग साधना के लिए उत्तम। चमत्कारिक साधुओं के दर्शन के लिए भी यह उत्तम है। सांसारिक लाभ या मनोकामना की पूर्ति हेतु भी इनके अखाड़े में जा सकते हैं।ALSO READ: महाकुंभ में अघोरियों का डेरा, जानिए इनकी 10 खास रोचक बातें
 
2. वैष्णव अखाड़े (विष्णु के उपासक):
वैष्णव पंथ के मुख्य 3 अखाड़े हैं:-
1. श्री दिगम्बर अनी अखाड़ा- शामलाजी खाकचौक मंदिर, सांभर कांथा (गुजरात)।
2. श्री निर्वानी आनी अखाड़ा- हनुमान गादी, अयोध्या (उत्तर प्रदेश)।
3. श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा- धीर समीर मंदिर बंसीवट, वृंदावन, मथुरा (उत्तर प्रदेश)।
 
वैष्णव कैंप में जाने के लाभ: भक्ति और वैदिक ज्ञान की यहां गंगा बह रही है। संसारिक और गृहस्थों के लिए इन अखाड़ों के कैंप में जाने चाहिए। यहां भगवान विष्णु और उनके अवतारों की महीमा का ज्ञान और पूजा होती है। इसी के साथ ही आपकी समस्याओं का समाधान भी मिलता है। कलयुग में भक्ति सर्वोपरि बताई गई है।ALSO READ: तन पर एक भी कपड़ा नहीं पहनती हैं ये महिला नागा साधु, जानिए कहां रहती हैं
 
3. उदासीन अखाड़े (निरपेक्ष साधु)
उदासीन संप्रदाय के मुख्य 3 अखाड़े हैं:-
1. श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा- कृष्णनगर, कीटगंज, प्रयाग (उत्तर प्रदेश)।
2. श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन- कनखल, हरिद्वार (उत्तराखंड)।
3. श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा- कनखल, हरिद्वार (उत्तराखंड)।
 
उदासीय अखाड़े में जाने लाभ: योग और ध्यान में रुचि रखने वालों के लिए। ये साधु समाज और धर्म को जोड़ने का काम करते हैं। यह मूल रूप से निराकार ब्रह्म को मानते हैं। यदि आप भी निराकार ईश्‍वर के उपासक हैं तो यहां जाकर सत्संग का लाभ ले सकते हैं।
इसके अलावा भी सिख, वैष्णव और शैव साधु-संतों के अखाड़े हैं जो कुंभ स्नान में भाग लेते हैं।
* शैव संप्रदाय- आवाह्न, अटल, आनंद, निरंजनी, महानिर्वाणी, अग्नि, जूना, गुदद।
* वैष्णव संप्रदाय- निर्मोही, दिगंबर, निर्वाणी।
* उदासीन संप्रदाय- बड़ा उदासीन, नया उदासीन निर्मल संप्रदाय- निर्मल अखाड़ा।
 
4. नागा साधु (अति कठोर साधना करने वाले):
लाभ: आत्मशक्ति और त्याग की गहरी झलक मिलती है। ये साधु कठिन तपस्या और निरंतर ध्यान के लिए प्रसिद्ध हैं।
 
5. महामंडलेश्वर और व्यक्तिगत साधु
लाभ: कुछ विशेष साधु या गुरु व्यक्तिगत ध्यान, साधना, या ज्ञान के लिए मार्गदर्शन देते हैं। यदि आप किसी विशिष्ट गुरु या परंपरा का अनुसरण करते हैं, तो उनके कैंप में जाने से लाभ होगा।
 
6. संन्यासी संत और गुरुकुल कैंप
लाभ: वैदिक ज्ञान, शास्त्र अध्ययन और पारंपरिक भारतीय जीवन शैली का अनुभव।ALSO READ: कैसे बनती हैं कोई महिला नागा साधु?
 
विशेषज्ञता वाले साधु:-
कुछ साधु किसी विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञ होते हैं, जैसे कि योग, ध्यान, ज्योतिष, आयुर्वेद आदि। यदि आप किसी विशेष विषय में मार्गदर्शन या ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप उस क्षेत्र के विशेषज्ञ साधु के शिविर में जा सकते हैं। ऐसे साधु आपको शैवपंथी अखाड़ों में मिल जाएंगे।
 
नागा साधु: नागा साधु अपने तप और त्याग के लिए जाने जाते हैं। उनका जीवन रहस्यमयी होता है और वे अक्सर लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होते हैं। यदि आप उनके जीवन और साधना के बारे में जानने में रुचि रखते हैं, तो आप उनके शिविर में जा सकते हैं। इसी के साथ ही हो सकता है कि उनमें से कुछ साधु आपके जीवन की समस्या का हल भी कर सकते हों।
 
शिविर में जाने से संभावित लाभ:
1. आध्यात्मिक ज्ञान: साधु-संतों के प्रवचन और उपदेश सुनकर आप आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। इसी के साथ ही आप हिंदू सनातन धर्म के बारे में जान सकते हैं।
 
2. मार्गदर्शन: शिविर में जाने से संत आपको जीवन की समस्याओं और चुनौतियों का सामना करने में मार्गदर्शन कर सकते हैं और समस्या का समाधान भी बता सकते हैं। 
 
3. प्रेरणा: उनका तप और त्याग आपको प्रेरित कर सकता है। यदि आप भी उनकी तरह गृहस्थ रहकर ही अध्यात्म के मार्ग पर चलना चाहते हैं तो जरूर  शिविर में जाएं।
 
4. शांति और सुकून: शिविरों का वातावरण शांत और सुकून भरा होता है, जो आपको तनाव और चिंता से मुक्ति दिला सकता है। यदि आप किसी चिंता से घिरे हैं तो सत्संग का लाभ जरूर लें।ALSO READ: महाकुंभ 2025: कौन होते हैं नागा साधु, जानिए क्या है इनके अद्भुत जीवन का रहस्य?
 
शिविर में जाने से पहले सुझाव जरूर पढ़ें:- 

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