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राजस्थान चुनाव: जोधपुर में कांग्रेस, भाजपा के लिए सिरदर्द बने बागी

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जोधपुर , गुरुवार, 29 नवंबर 2018 (16:47 IST)
जोधपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है, लेकिन जोधपुर संभाग के छह जिलों में बागियों ने दोनों पार्टियों के लिए सिरदर्दी पैदा कर दी है। दोनों दलों की मान-मनौव्वल की तमाम कोशिशों के बावजूद इस संभाग की ऐसी कई सीटें हैं जहां बागी चुनावी मैदान में ताल ठोंक रहे हैं।
 
जोधपुर संभाग की कुल 33 सीटों में से करीब 10 ऐसी सीटें हैं जहां कांग्रेस के बागी नेता पार्टी उम्मीदवारों को चुनौती दे रहे हैं।
 
जोधपुर जिले की ओसिया सीट से कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने से नाराज महेंद्र सिंह भाटी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं और वह स्थानीय स्तर पर प्रभावशाली माने जाते हैं।
 
इसी जिले की बेलाडा, फलौदी और गोपालगढ़ सीटों पर भी बागियों ने कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर रखी हैं। बेलाडा से कांग्रेस से बागी हुए बीरेंद्र सिंह झाला राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) से चुनावी मैदान में उतरे हैं।
 
फलौदी से टिकट न मिलने से नाराज कोम्भ सिंह पतावत निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। बागी होने की वजह से कांग्रेस ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी से बाहर निकाल दिया। वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य थे। गोपालगढ़ सीट पर कांग्रेस के बागी पुखराज गर्ग रालोपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
 
पाली जिले की शहर सीट से भीमराज भाटी, पाली जिले की जयतारण सीट से राजेश कुमावत, बाड़मेर जिले की शिवाड़ा से बालाराम चौधरी, बायतू से उमेदा राम और जालोर जिले की आहोर सीट से जगदीश चौधरी से कांग्रेस से बागी हो कर चुनाव लड़ रहे हैं।
 
कांग्रेस के सह-प्रभारी एवं राष्ट्रीय सचिव विवेक बंसल ने यह स्वीकार किया कि बागियों ने चुनौती पैदा की है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी की संभावनाओं पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
 
बंसल ने कहा, 'बागियों से असर तो पड़ता है लेकिन इस बार माहौल कांग्रेस के पक्ष में है और लोग पार्टी को वोट दे रहे हैं। हमने कई बागियों को मनाया है और कई के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है।' 
 
दूसरी तरफ, जोधपुर संभाग के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता डॉक्टर दामोदर व्यास का कहना है, 'बागियों से कोई अंतर नहीं आने वाला है क्योंकि इस बार भाजपा के खिलाफ जनता चुनाव लड़ रही है और जनता कांग्रेस के पक्ष में मन बना चुकी है।' 
 
जोधपुर संभाग की कई ऐसी सीटें हैं जहां बागियों ने भाजपा की भी मुश्किलें बढ़ा रखी हैं। पाली जिले की जयतारण सीट से वसुंधरा सरकार में कद्दावर मंत्री रहे सुरेंद्र गोयल टिकट कटने से बागी हो गए। वह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
 
पाली जिले की मारवाड़ जंक्शन सीट से भी पूर्व मंत्री लक्ष्मी नारायण दवे भी बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
 
जालोर जिले सांचोर विधानसभा क्षेत्र में भी बागी ने भाजपा के लिए दिक्कत पैदा कर रखी है। यहां से पूर्व विधायक जीवा राम चौधरी भी निर्दलीय ताल ठोंक रहे हैं।
 
बागियों से मिल रही चुनौती के बारे में पूछे जाने पर जोधपुर के भाजपा अध्यक्ष देवेन्द्र जोशी ने कहा, 'भाजपा कैडर आधारित पार्टी है। हमारे लोग पार्टी और विचारधारा के लिए वोट करते हैं। इसलिए बागियों से कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि लोग भाजपा को सत्ता में बनाए रखना चाहते हैं। (भाषा)

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