भिलवाड़ा में बिजौलियां से 14 किलोमीटर दूर सीता कुंड महादेव मंदिर के पास हुई घटना पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई। घटना वीडियो खूब वायरल हो रहा है। क्रूरता की ऐसी कहानी पढ़कर हर किसी की रूह कांप जाए। जन्म को 15 दिन ही हुए थे कि नवजात मौत से संघर्ष करके बाहर आ गया। संघर्ष भी ऐसा कि देखना तो दूर सुनकर भी रूह कांप उठे। चिलचिलाती धूप और आग उगलते पत्थरों के बीच नन्ही-सी जान को जैसे ही ग्रामीणों ने देखा दिल दहल गया।
मासूम के मुंह में छोटे पत्थर ठूंस रखे थे और होठों को फेवीक्विक से चिपका रखा था। गर्म पत्थरों पर पैर रखा था। बंद आंखों से झकझोर देने वाली पीड़ा सहन कर रहे बच्चे के मुंह से जैसे ही पत्थर निकाले, उसकी चीख निकल गई। मासूम के साथ ये सब करने वालों ने हैवानियत की हद तो यह कर दी थी कि उसकी चीखों के दबाने के लिए उसके मुंह में एक पत्थर डालकर फेवी क्विक से चिपका दिया गया। पर कहा जाता है ना कि जाको राखे साइंया मार सके न कोई।
मीडिया खबरों के मुताबिक पत्थरों के पास ही अपने मवेशी चराने आए चरवाहे को जब मासूम की हल्की आवाज सुनाई दी तो उसने तुंरत ग्रामीणों को सुचित किया। इससे समय रहते मासूम की जान को बचाया। हालांकि मासूम की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। Edited by : Sudhir Sharma