Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Ramadan 2021 : रहमत और बरकत वाला पवित्र माह रमजान जारी, होगी अल्लाह की इबादत

हमें फॉलो करें Ramadan 2021 : रहमत और बरकत वाला पवित्र माह रमजान जारी, होगी अल्लाह की इबादत
Ramadan 2021
 
 
 
रमजान-उल-मुबारक इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना है। इस माह को अरबी में माह-ए-सियाम भी कहते हैं। यह रहमतों वाला, बरकतों वाला महीना है, जिसमें अल्लाह शैतान को कैद कर देता है, जिससे वह लोगों की इबादत में खलल न डाले। दुनिया भर में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजे के इस महीने को बलिदान का महीना मानते हैं। रमजान की शुरुआत चांद देखने के बाद होती है। रमजान-उल-मुबारक में हर नेकी का सवाब 70 गुना कर दिया जाता है। हर नवाफिल का सवाब सुन्नतों के बराबर और हर सुन्नत का सवाब फर्ज के बराबर कर दिया जाता है। इस तरह सभी फर्ज का सवाब 70 गुना कर दिया जाता है। मतलब यह कि इस माहे-मुबारक में अल्लाह की रहमत खुलकर अपने बन्दों पर बरसती है। 
 
इस बार 14 अप्रैल से रमजान का पाक महीना शुरू हो गया है। आज से रोजे रखने की शुरुआत होगी। चांद दिखने के हिसाब से रमजान का महीना कभी 29 तो कभी 30 दिन का होता है। रमजान में ही पाक कुरआन शरीफ उतारा गया। हजरत मुहम्मद पैगंबर (सल्ल.) रमजान में अपनी इबादत बढ़ा दिया करते थे। हालांकि अल्लाह के रसूल पैगंबर साहब बख्शे-बख्शाए थे, लेकिन वे दिन भर रोजा रखते और रात भर इबादत में गुजारते थे।
 
पूरे रमजान माह को 3 अशरों में बांटा गया है। रमजान के पहले दस दिनों को पहला अशरा, दूसरे दस दिनों को दूसरा अशरा और आखिरी दस दिनों को तीसरा अशरा का जाता है। यानी पहले रोजे से 10वें रोजे तक पहला अशरा, 11वें रोजे से 20वें रोजे तक दूसरा अशरा और 21 वें रोजे से 30वें रोजे तक तीसरा अशरा।
 
पैगंबर साहब (सल्ल.) की एक हदीस है जिसका मफूम है कि रमजान का पहला अशरा रहमत वाला है, दूसरा अशरा अपने गुनाहों की माफी मांगने का है और तीसरा अशरा जहन्नम की आग से अल्लाह की पनाह चाहने वाला है। (मफूम)
 
रमजान के पहले अशरे में अल्लाह की रहमत के लिए ज्यादा से ज्यादा इबादत की जानी चाहिए। इसी तरह रमजान के दूसरे अशरे में अल्लाह से अपने गुनाहों की रो-‍रोकर माफी मांगनी चाहिए। रमजान की तीसरा अशरा जहन्नम की आग से अल्लाह की पनाह मांगने का है। रमजान के महीने में इशा की नमाज के बाद मस्जिदों में 'तरावीह' होती है, जिसमें बीस रकात नमाज में इमाम साहब कुरान मजीद की तिलावत करते हैं। यह माह अल्लाह की इबादत का पर्व है। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Chaitra Navratri 2021 : नवरात्र में क्यों जलाते अखंड ज्योत, जानिए महत्व