अखिलेश यादव फिर से बने फिर से सपा मुखिया, जारी है पारिवारिक कलह

Webdunia
गुरुवार, 5 अक्टूबर 2017 (08:03 IST)
पारिवारिक कलह के बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव फिर से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष चुन लिए गए हैं। सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया है। दोबारा अध्यक्ष चुने जाने के बाद अखिलेश ने कहा कि पिता मुलायम सिंह का उन्हें आशीर्वाद हासिल है।
 
अखिलेश के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने का ऐलान राम गोपाल यादव ने किया। अखिलेश यादव को अगले पांच साल के लिए समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। 
 
इस राजनीतिक घटनाक्रम के बीच अखिलेश के चाचा शिवपाल सिंह यादव अलग-थलग पड़ चुके हैं। उनके इस अधिवेशन में नहीं मौजूद होना इस बात का सबूत है। इस अधिवेशन से पहले खबर थी कि पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी शामिल होंगे लेकिन वो नहीं गए। हालांकि मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद पाने का दावा जरूर किया जा रहा है। अखिलेश इस बात का दावा कर चुके हैं।
 
इस मौके पर अखिलेश ने कहा कि हमने नेताजी (मुलायम सिंह यादव) को बुलाया था। आज सुबह फोन पर बात भी हुई। उन्होंने आशीर्वाद दिया है।
 
आगरा में अखिलेश यादव ने भाजपा पर जमकर हमला बोला। अखिलेश ने कहा, 'आगरा हमारे लिए शुभ है, आने वाले वक्त में हम और मजबूर होंगे। देश में जो हालात पैदा कर दिए गए हैं, वो किसी से छुपे नहीं है। हर वर्ग के लोग निराश हैं।' मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए अखिलेश ने कहा, 'अच्छे दिन की बात करने वालों से किसान दुखी है। नौजवानों को नौकरी नहीं मिल रही है। भाजपा के झूठ का पर्दाफाश करेंगे।'
 
अखिलेश ने कहा, 'नोटबंदी ने आर्थिक संकट पैदा कर दिया, ये सबसे बड़ा धोखा है। जीएसटी जिस रूप में लागू किया गया उससे व्यापारी परेशान हैं।'
 
अखिलेश ने पिछले दिनों पिता मुलायम सिंह यादव को राष्ट्रीय अधिवेशन का न्योता देने के बाद दावा किया था कि उन्हें सपा संरक्षक का आशीर्वाद प्राप्त है। मुलायम ने भी गत 25 सितम्बर को संवाददाता सम्मेलन में अखिलेश के विरोधी शिवपाल सिंह यादव के धड़े को झटका देते हुए कहा था कि पिता होने के नाते उनका आशीर्वाद पुत्र के साथ है। 
 
अखिलेश गत एक जनवरी को लखनऊ में आयोजित राष्‍ट्रीय अधिवेशन में मुलायम की जगह सपा के अध्‍यक्ष बने थे। उसमें मुलायम को पार्टी का ‘सर्वोच्‍च’ बना दिया गया था। साथ ही शिवपाल को सपा के प्रांतीय अध्‍यक्ष पद से हटा दिया गया था।
 
पहले ऐसा माना जा रहा था कि मुलायम 25 सितंबर को लखनऊ में हुए संवाददाता सममेलन में अलग पार्टी या मोर्चे के गठन का एलान करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मुलायम के सहारे ‘समाजवादी सेक्‍युलर मोर्चे’ के गठन की उम्‍मीद लगाए शिवपाल पर अब अपनी राह चुनने का दबाव है। शिवपाल के करीबियों का कहना है कि सपा के राष्‍ट्रीय अधिवेशन के बाद वह कोई फैसला ले सकते हैं। पिछली 23 सितंबर को लखनऊ में आयोजित सपा के प्रांतीय अधिवेशन में अखिलेश ने शिवपाल यादव गुट को 'बनावटी समाजवादी' की संज्ञा देते हुए समर्थक कार्यकर्ताओं को ‘बनावटी समाजवादियों’ के प्रति आगाह किया था।
 
अखिलेश ने सपा के आठवें प्रांतीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा था, 'कई बार लोग सवाल उठाते हैं...मैं उनसे यही कहना चाहता हूं कि नेताजी (मुलायम) हमारे पिता तो रहेंगे ही, उनका आशीर्वाद भी बना रहेगा, तो हम समाजवादी आंदोलन को बढ़ाएंगे और नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे।' (एजेंसी)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख