यहां भी सबसे पहले शिव की पूजा करते हैं अश्वत्थामा...

अवनीश कुमार
ऐसी अविश्वसनीय घटना पर पहले मुझे भी विश्वास नहीं हो रहा था, लेकिन जब मौके पर पहुंचकर इस मंदिर की सच्चाई वहां पर मौजूद लोगों के मुंह से सुनी तो एक बार मुझे भी यकीन हो गया। आइए हम आपको बताते हैं कौन है वह भक्त जो अपने आराध्य की पूजा करने सबसे पहले मंदिर में जाता है और पूजा करके चला भी जाता है, लेकिन फिर भी इस भक्त के दर्शन कोई भी आज तक कर नहीं पाया है।
 
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर कानपुर नगर के शिवराजपुर में खेरेश्वरधाम मंदिर है, जो शिवराजपुर में गंगा नदी से लगभग 2 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां के पुजारी आकाश पुरी गोस्वामी ने बताया कि महाभारत काल से संबंधित इस मंदिर के शिवलिंग पर केवल गंगा जल ही चढ़ता है। मान्यता है कि मंदिर को गुरु द्रोणाचार्य द्वारा बनवाया गया था और यहीं उनके पुत्र अश्वत्थामा का जन्म भी हुआ था।
 
ऐसी मान्यता है कि मंदिर में रोजाना द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा पूजा करने के लिए आते हैं, जिसका प्रमाण यह है कि मंदिर बंद होने के बाद जब सुबह 4 बजे मन्दिर के पट खुलते हैं तो यहां स्थित भोलेनाथ के मुख्य शिवलिंग की पूजा-अर्चना पहले ही हो चुकी होती है। ताजे फूलों के साथ शिवलिंग का अभिषेक भी हो चुका होता है। ऐसा यहां पर हर रोज सुबह देखने को मिलता है।
 
पुजारी ने बताया कि मेरी कई पीढ़ियां इस मंदिर की देखभाल कर चुकी है और मैंने अपने पिता व बाबा के मुंह से जो सुना वही सत्य पाया था। पहले मुझे भी यकीन नहीं होता था, लेकिन जब मुझे मंदिर की देखभाल करने का मौका मिला तो जब रोज-रोज मैंने मंदिर में मौजूद भोलेनाथ के शिवलिंग की पूजा अन्य भक्तों से पहले होती हुई देखी तो मुझे भी यकीन हो गया कि मेरे पिताजी बताया करते थे वह सब सत्य था। 
 
गोस्वामी ने बताया कि इस मंदिर में बहुत दूर-दूर से लोग दर्शन करने के लिए आते हैं और सच्चे मन से अगर कोई मन्नत मांगता है तो वह पूरी भी होती है और जब पूरी हो जाती है तो वापस लौटकर बाबा भोलेनाथ के दर्शन करने आते हैं। हालांकि भोलेनाथ के अनन्य भक्त अश्वत्थामा को अब तक न तो किसी ने देखा है और ना ही किसी ने उनका अहसास किया है। लेकिन, मान्यता तो यही है कि हर रोज अश्वत्थामा यहां पूजा करने आते हैं।
 
पुजारी ने बताया कि कुछ लोगों ने इस सत्य से पर्दा हटाने का प्रयास किया और वह मंदिर में देर रात रुक गए। उन्हें किसी शख्स के आने का अहसास तो हुआ, लेकिन उनकी आंखों की रोशनी चली गई और आज तक वह देख नहीं सकते हैं। ऐसी घटना घटित होने के बाद से फिर किसी ने कभी इस प्रकार की हिम्मत करने की कोशिश नहीं की। पुजारी ने बताया महाशिवरात्रि हो या फिर कोई अन्य दिन, दूर-दूर से लोगों का आने का सिलसिला बना रहता है।
 
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में स्थित असीरगढ़ के किले में भी एक शिव मंदिर है। इस मंदिर के बारे में भी कहा जाता है कि यहां भी रोज सबसे पहले द्रोणपुत्र अश्वत्थामा शिव की पूजा करते हैं। 
Show comments

जरूर पढ़ें

PM Modi Speech : जकूजी, स्टाइलिश बाथरूम और शीशमहल, लोकसभा में 1 घंटे 36 मिनट का PM मोदी का भाषण, जानिए प्रमुख बिंदु

आतिशी की बढ़ीं मुश्किलें, मानहानि मामले में BJP नेता की याचिका पर नोटिस जारी

हरियाणा के CM सैनी का दावा, अनिल विज मुझसे नाराज नहीं

दिल्ली चुनाव 2025: त्रिकोणीय मुकाबला या बहुमत का संकट? कौन बनेगा सत्ता का असली दावेदार?

इतना है भारतीय महिलाओं का गोल्ड पावर कि कई देशों का गोल्ड रिजर्व भी है इनसे पीछे, जानिए पूरी डीटेल

सभी देखें

नवीनतम

Rupee vs Dollar : डॉलर के मुकाबले रुपया 36 पैसे लुढ़का, 87.43 के नए निचले स्तर पर पहुंचा

चारधाम यात्रा करने वालों के लिए खुशखबरी, इस बार ऑफलाइन भी कर सकेंगे पंजीकरण

Delhi Election 2025 Voting: 60 प्रतिशत से ज्यादा मतदान, एक्जिट पोल में 27 साल बाद खिलेगा कमल, अब इंतजार 8 फरवरी का

Prayagraj Mahakumbh : 25000 आदिवासी लगाएंगे महाकुंभ में डुबकी, धर्म की रक्षा का लेंगे संकल्प

शेख हसीना को भारत से वापस लाने का प्रयास कर रही बांग्लादेश सरकार

अगला लेख