CM सिद्धारमैया ने बताई अपनी प्रेम कहानी, क्या उन्हें मिल पाया अपना प्यार?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 24 मई 2024 (22:22 IST)
Chief Minister Siddaramaiah told his love story : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने समाज में जातिवाद के कारण असफल रही अपनी 'प्रेम कहानी' को याद करते हुए गुरुवार रात को यहां एक कार्यक्रम में जनता के सामने अपने मन की बात खुलकर रखी।
ALSO READ: कर्नाटक: पीएम मोदी की लोकप्रियता या सीएम सिद्धारमैया की योजनाएं, कौन पड़ेगा भारी?
अंतरजातीय विवाह करना चाहता था : ‘बुद्धपूर्णिमा’ के अवसर पर अंतर-जातीय विवाह के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कॉलेज के अपने पुराने दिनों को याद किया। ‘बुद्धपूर्णिमा’ के दिन गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। सिद्धारमैया ने कहा, मैं अंतर-जातीय विवाह करना चाहता था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। लड़की ने (विवाह का) प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया।
ALSO READ: जब CM सिद्धारमैया को मिली फ्री बस टिकट से बनी माला
उन्होंने अपनी बात और स्पष्ट करते हुए कहा, जब मैं पढ़ रहा था तो मुझे एक लड़की से प्यार हो गया था। मुझे गलत न समझें। मैंने उससे शादी करने की सोची थी, लेकिन उसके परिवार वाले और खुद लड़की भी राजी नहीं हुई। इसलिए शादी नहीं हो पाई।
 
अंतरजातीय विवाहों के लिए मिलेगी सभी सहायता : मुख्यमंत्री ने कहा, एक ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई कि मुझे अपनी ही जाति की लड़की से शादी करनी पड़ी। मेरा विवाह मेरे समुदाय (जाति) में ही हुआ। दर्शकों ने तालियां बजाकर और हंसी-ठहाकों के साथ मुख्यमंत्री की स्वीकारोक्ति की सराहना की। अंतर-जातीय शादियों के लिए पूर्ण सहयोग एवं समर्थन का हाथ बढ़ाते हुए सिद्धारमैया ने वादा किया कि उनकी सरकार अंतर-जातीय विवाहों के लिए सभी सहायता प्रदान करेगी।
 
समाज सुधारकों की कोशिशों का प्रतिफल नहीं मिला : उनके अनुसार, जातिवाद को समाप्त करने तथा समाज में समानता स्थापित करने की कोशिश गौतमबुद्ध के काल से तथा कर्नाटक में 12वीं सदी में समाज सुधारक भगवान बसवेश्वर के दौर से ही होती आ रही है। उन्होंने अफसोस जताया कि समानता आधारित समाज के निर्माण की कई समाज सुधारकों की कोशिशों का अब तक प्रतिफल नहीं मिला।
ALSO READ: प्रज्वल रेवन्ना मामले में राहुल गांधी का CM सिद्धारमैया को पत्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज से जातिवाद की बुराई दूर करने के महज दो तरीके हैं। उन्होंने कहा, जातिवाद को समाप्त करने के दो तरीके हैं- एक अंतर-जातीय विवाह और दूसरा सभी समुदायों में सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण। समाज में सामाजिक समानता बिना सामाजिक-आर्थिक उत्थान के नहीं हो सकती है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Gold Prices : शादी सीजन में सोने ने फिर बढ़ाई टेंशन, 84000 के करीब पहुंचा, चांदी भी चमकी

संजय राउत गुस्से में, उठाए चुनाव परिणाम पर सवाल, जनता के बारे में कही ये बात

टमाटर अब नहीं होगा महंगा, जनता को मिलेगी राहत, सरकार ने बनाया यह प्लान

'गौतम सर ने कहा था कि तेज गेंदों का ऐसे सामना करो जैसे देश के लिए गोली खानी हो': नीतिश रेड्डी

पोस्‍टमार्टम और डीप फ्रीजर में ढाई घंटे रखने के बाद भी चिता पर जिंदा हो गया शख्‍स, राजस्‍थान में कैसे हुआ ये चमत्‍कार

सभी देखें

नवीनतम

Sharad Pawar : महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों से राजनीतिक विरासत के अस्तित्व पर सवाल?

LIVE: PM मोदी बोले- महाराष्ट्र ने कुर्सी फर्स्ट को नकारा, कोई ताकत 370 वापस नहीं ला सकती

15 राज्यों की 46 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के नतीजे

UP : दुनिया के सामने उजागर हुआ BJP का हथकंडा, करारी हार के बाद बोले अखिलेश, चुनाव को बनाया भ्रष्टाचार का पर्याय

LIVE: महाराष्ट्र में महायुति की जीत को उद्धव ठाकरे ने बताया सुनामी

अगला लेख