Jhanda Ji Mela 2023 : देहरादून के ऐतिहासिक झंडे मेले की आज से हुई शुरुआत

एन. पांडेय
रविवार, 12 मार्च 2023 (21:07 IST)
देहरादून। देहरादून के ऐतिहासिक झंडे मेले की रविवार को शुरुआत हो गई है। श्री झंडे जी मेले में शामिल होने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में संगतें श्री दरबार साहिब पहुंच गईं। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान सहित देश के अलग-अलग हिस्सों से भारी संख्या में श्रद्धालु श्री दरबार साहिब पहुंच गए। विदेशों से भी काफी संख्या में संगतों के आगमन का सिलसिला जारी है।

रविवार सुबह झंडे जी को संगतों ने जयकारों के बीच लकड़ी की कैंचियों के सहारे उतारा। उसके बाद श्रद्धालुओं ने झंडे जी को दूध, दही, शहद आदि से स्नान कराकर उस पर गिलाफ चढ़ाया। आस्था के महाकुंभ का साक्षी बनने के लिए श्री दरबार साहिब में रविवार को श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। लाखों संगतों व दूनवासी श्री झंडे जी के सम्मुख श्रद्धा के साथ शीश नवाए व हाथ जोड़े खड़े रहे।

इस बार गिलाफ चढ़ाने का सौभाग्य जिन संसार सिंह को मिला उन्‍होंने 30 साल पहले श्री झंडे जी पर गिलाफ चढ़ाने की मन्नत मांगी थी।संसार सिंह इस समय अपनी बेटी के पास अमेरिका में हैं। उन्हें जब पता चला कि इस बार गिलाफ चढ़ाने के लिए उनके परिवार का नंबर आया है तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने अमेरिका से ही झंडे जी के आरोहण का लाइव प्रसारण देखा।

इस अवसर पर हर कोई श्री झंडा साहिब के समक्ष मत्था टेकने और श्री गुरु राम राय जी महाराज के दर्शन को बेताब रहा। श्री दरबार साहिब परिसर व आसपास के क्षेत्रों में तिल रखने भर की भी जगह नहीं थी। जैसे-जैसे श्री झंडे जी पर गिलाफ के आवरण चढ़ाने का क्रम बढ़ता जाता, संगतों व दूनवासियों का उत्साह भी पराकाष्ठा तक पहुंचता जाता।

दर्शनी गिलाफ के चढ़ते ही व श्री झण्डे जी के आरोहण की प्रक्रिया प्रारम्भ होते ही श्री गुरु राम राय महाराज जी के जयकारों की ध्वनि तेज हो उठी।श्री झण्डे जी (पवित्र ध्वज दण्ड) को संगतों ने सुबह दूध, घी, शहद, गंगाजल व पंचगब्यों से स्नान करवाया। 90 फुट ऊंचे श्री झण्डे जी पर पहले सादे और शनील के गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हुई। खास बात यह कि इस दौरान श्री झण्डे जी को ज़मीन पर नहीं रखा जाता। संगतें अपने हाथों पर श्री झण्डे जी को थामे रहती हैं।

दोपहर करीब 12:30 बजे श्री झण्डे जी पर दर्शनी गिलाफ चढ़ाया गया। यह दृश्य देखते हुए संगतों व दूनवासियों के श्रद्धाभाव आंखों से छलक आए। हर कोई दर्शनी गिलाफ को छूकर पुण्य अर्जित करने के लिए उत्सुक दिखा। 2 बजकर 5 मिनट पर नए मखमली और सुनहरे गोटों से सुसज्जित गिलाफों (वस्त्रो) द्वारा श्री झण्डे जी के आरोहण की प्रक्रिया आरंभ हुई।

श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज के दिशा-निर्देशन में श्री झण्डे जी के नीचे लगी लकड़ी की कैंचियों को थामे श्रद्धालुजन श्री झण्डे जी को उठा रहे थे। शाम 4 बजकर 12 मिनट पर श्री झण्डे जी का आरोहण हुआ।

श्री झण्डे जी पर तीन तरह के गिलाफों का आवरण होता है। सबसे भीतर की ओर सादे गिलाफ चढ़ाए जाते हैं। इनकी संख्या 41 (इकतालीस) होती है। मध्य भाग में शनील के गिलाफ चढ़ाए जाते हैं। इनकी संख्या 21 (इक्कीस) होती है। सबसे बाहर की ओर दर्शनी गिलाफ चढ़ाया जाता है। इनकी संख्या 1 (एक) होती है।
Edited By : Chetan Gour

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख