फड़णवीस ने भंडारा-गोंदिया उपचुनाव में हार का ठीकरा खराब ईवीएम और सूखे पर फोड़ा

Webdunia
गुरुवार, 31 मई 2018 (23:37 IST)
मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने भंडारा-गोंदिया लोकसभा उपचुनाव में भाजपा की हार के लिए गुरुवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में गड़बड़ी और सूखे को जिम्मेदार ठहराया। फड़णवीस ने कहा कि ज्यादातर भाजपा मतदाता शिक्षित मतदाता हैं, जो सुबह में ही मतदान केंद्र पर चले जाते हैं। उनमें से कई (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में गड़बड़ी के चलते) वोट नहीं डाल पाए। उन्हें वापस जाना पड़ा और दिन में बाद में वे (मतदान केंद्र पर) नहीं लौटे।
 
 
मुख्यमंत्री ने यहां भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि अतएव भाजपा को ईवीएम में गड़बड़ी का खामियाजा उठाना पड़ा। उन्होंने दावा किया कि भंडारा-गोंदिया क्षेत्र में पिछले 4-5 सालों की तुलना में इस बार भीषण सूखा रहा जिससे मतदाताओं में सत्ताविरोधी मूड बन गया। सूखे के कारण अपनी फसल का नुकसान उठा चुके किसानों में सरकार चुनाव आयोग की आपत्ति के चलते वित्तीय राहत नहीं बांट पाई। यदि चुनाव मानसून में होता तो भाजपा अवश्य ही चुनाव जीतती।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम 2019 में भंडारा-गोंदिया सीट से जीतेंगे। भाजपा और उसके सहयोगी दल शिवसेना के बीच कटु प्रचार अभियान के विषय पर उन्होंने कहा कि इसे टाला जा सकता था। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख