देहरादून। शुक्रवार को उत्तराखंड राजभवन में राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने तीरथ केबिनेट के मंत्रियों पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। कार्यक्रम में राज्यपाल ने मंत्री सतपाल महाराज, हरकसिंह रावत, यशपाल आर्य, सुबोध उनियाल, अरविंद पांडेय, बंशीधर भगत, गणेश जोशी, बिशन सिंह चुफाल को कैबिनेट मंत्री एवं रेखा आर्य, धनसिंह रावत और स्वामी यतीश्वरानंद को राज्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री रावत ने सभी कैबिनेट एवं राज्यमंत्रियों को बधाई देते हुए कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि मंत्रिमंडल के सभी सहयोगी आपसी समन्वय के साथ प्रदेश के विकास में प्रतिबद्धता के साथ काम करेंगे और एक नए उत्तराखंड का निर्माण करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को विकास के पथ पर निरंतर अग्रसर बनाए रखने के लिए आपका सहयोग मिलता रहेगा, इसका मुझे पूरा विश्वास है। प्रदेश के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है। सकारात्मक ऊर्जा के साथ समन्वय और सहयोग से हम सभी प्रदेश के विकास के नए प्रतिमान स्थापित करेंगे। आज बने मंत्रियों में 6 मंत्री गढ़वाल मंडल से और 5 मंत्री कुमाऊं मंडल से आते हैं।
पिछली त्रिवेंद्र केबिनेट में मंत्री रहे एक को छोड़कर सभी 7 मंत्रियों कों तीरथ मंत्रिमंडल में जगह मिली है। एक मंत्री मदन कौशिक को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि भाजपा के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत कों कैबिनेट में लिया गया है।
नए मंत्रियों में गणेश जोशी जो मसूरी के विधायक हैं, पर पिछली हरीश सरकार में विधानसभा घेराव के दौरान एक पुलिस के घोड़े शक्तिमान की टांग तोड़ने का आरोप लगा था। पशु क्रूरता के लिए काम करने वाले स्वैच्छिक संगठनों ने उनके खिलाफ पशु क्रूरता अधिनयम के तहत मुकदमे भी दर्ज कराए। कुछ दिन गणेश जोशी जेल भी रहे बाद में भाजपा के सत्ता में आने के बाद त्रिवेंद्र सरकार ने उनके मुकदमे वापस ले लिए। पुलिस के घोड़े शक्तिमान की टांग तोड़ने के मामले ने अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरी थीं।
आज के शपथ ग्रहण की एक खासियत यह भी रही कि अरविन्द पांडे ने इस शपथ ग्रहण समारोह में अपनी शपथ संस्कृत में ग्रहण कर चौंकाया, जबकि रेखा आर्य कुमाऊंनी परिधान से सजधज कर समरोह में शपथ ग्रहण करने आईं।
हरीश रावत की पदयात्रा : पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने नंदा की चौकी, पौंधा व खारा खेत गांव के नमक सत्याग्रह स्थल तक पदयात्रा की। महात्मा गांधी को नमन करते हुए उन्होंने नमक सत्याग्रह के स्मारक पर स्वतंत्रता आंदोलन में अपने प्राणों की आहूति देने वाले शहीदों को याद करते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस दौरान सर्वोदय आंदोलन से जुड़े लोगों को सम्मनित किया गया। इस अवसर महात्मा गांधी की दांडी यात्रा के युवा आंदोलनकारी खड़क बहादुर बिष्ट व ज्योतिराम काड़पाल भी शामिल थे।