आतंकियों की चेतावनी, स्वतंत्रता दिवस के समारोह से दूर रहें स्कूली बच्चे, लोगों में दहशत

सुरेश एस डुग्गर
रविवार, 12 अगस्त 2018 (10:13 IST)
श्रीनगर। स्वतंत्रता दिवस को कश्मीर में प्रलय के दिन के रूप में लिया जा रहा है। उसकी उल्टी गिनती भी शुरू हो गई है। 15 अगस्त को लेकर आतंकवादियों की चेतावनी के बाद लोग दहशत में हैं। सुरक्षा बलों ने अपने तलाशी अभियानों को तेज कर दिया है।
 
 
स्वतंत्रता दिवस को लेकर कश्मीर में जारी कशमकश के बीच आतंकी और अलगाववादी गुटों ने स्कूली बच्चों से कहा है कि वे स्वतंत्रता दिवस समारोह में शिरकत न करें। इसके लिए स्कूल के प्रबंधकों को परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गई है जबकि सुरक्षाबलों ने स्वतंत्रता दिवस को घटनारहित बनाने की जो कवायद छेड़ी है उसमें उन्होंने आतंकियों को भगा देने की मुहिम छेड़कर तलाशी अभियानों को तेज कर दिया है।
 
ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फेंस के चेयरमैन और अलगाववादी नेता सईद अली शाह गिलानी ने फिर स्वतंत्रता दिवस पर कश्मीर बंद का आह्वान किया है। उसने बच्चों से भी सरकारी कार्यक्रमों का बहिष्कार करने को कहा। श्रीनगर में गिलानी ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। 15 अगस्त को हर साल स्वतंत्रता दिवस मनाता है। लेकिन जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है तो यहां के लोगों को 6 दशकों से उनके अधिकारों से वंचित रखा गया है। उसने कहा कि कश्मीर के लोग न तो भारत के खिलाफ हैं और न ही वहां पर रहने वाले लोगों के। यही नहीं, वे स्वतंत्रता दिवस के खिलाफ भी नहीं हैं।
 
आतंकवादियों की दहशत के कारण आतंकवादग्रस्त दूरस्थ दुर्गम इलाकों से कई उन गांवों के लोगों ने अस्थायी तौर पर पलायन किया है जिन्हें आतंकवादियों ने पोस्टर लगाकर 15 अगस्त की बजाय 14 अगस्त को आजादी का दिन मनाने के लिए कहा है। सूत्रों के मुताबिक फिलहाल इस मामले को सभी के द्वारा छुपाया जा रहा है। बताया जाता है कि हिज्बुल मुजाहिदीन तथा लश्करे तोइबा के आतंकियों की ओर से धमकीभरे पोस्टर लगाकर लोगों को 15 अगस्त मनाने से मना करते हुए 14 अगस्त को जश्ने आजादी मनाने के लिए कहा गया है। 14 अगस्त पाकिस्तान की आजादी का दिन होता है।
 
ऐसे ही पोस्टर कश्मीर वादी के अतिरिक्त जम्मू संभाग में भी दिखे हैं। नतीजतन जहां-जहां 15 अगस्त को न मनाने तथा 14 अगस्त मनाने की धमकियां आतंकियों की ओर से जारी हुई हैं, वहां दहशत के माहौल ने लोगों ने पलायन की धमकी दी है। पिछले कई दिनों से कश्मीरियों को गहन तलाशी अभियानों के दौर से गुजरना पड़ रहा है। लंबी-लंबी कतारों में खड़े कश्मीरियों को तलाशी के दौर से गुजरना पड़ रहा है। हालत यह है कि कई स्थानों पर सुरक्षाकर्मी राहगीरों से एक-दूसरे की तलाशी लेने पर जोर इसलिए डालते थे, क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं कोई मानव बम न हो और वह फूट न जाए।
 
कश्मीरियों के लिए स्वतंत्रता दिवस किसी प्रलय दिवस से कम नहीं है। उनके लिए सुरक्षाकर्मियों के तलाशी अभियान किसी प्रलय से कम नहीं लग रहे हैं। एक सुरक्षाधिकारी का कहना था कि हम तलाशी अभियान छेड़ने पर मजबूर हैं, क्योंकि आतंकी खतरा बहुत ज्यादा है इस बार। सबसे बुरी स्थिति शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम के आसपास के इलाकों में रहने वालों की है। बार-बार के तलाशी अभियानों से तंग आकर लोगों ने अपने घरों का अस्थायी तौर पर त्याग कर दिया है। कई मुहल्लों को सुरक्षाबलों ने खतरे के नाम पर आप ही खाली करवा लिया है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Aadhaar Card की नहीं पड़ेगी जरूरत, QR से मिलेगी डिटेल, क्या है Aadhaar Authentication App जुड़े सवालों के जवाब

कहां गई 56 इंच की छाती, Waqf law संविधान विरोधी, अहमदाबाद अधिवेशन में राहुल गांधी की चेतावनी- देश में आने वाला है आर्थिक तूफान

Tariff War : चीन ने अमेरिका पर लगाया 84% टैरिफ; ट्रंप को दे दी खुली चेतावनी- झुकेंगे नहीं

मोदी के गढ़ गुजरात से राहुल गांधी की जाति जनगणना की हुंकार, OBC वोटर्स को साधने की कवायद

क्या अमेरिका के जाल में फंस रहा है भारत, अर्थशास्त्री की चेतावनी - न बने चीन का मोहरा

सभी देखें

नवीनतम

मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को तिहाड़ जेल में रखने की संभावना

J&K में आतंकवाद को लेकर CM उमर अब्दुल्ला ने दिया यह बयान

भारत ने म्यांमार को कितनी राहत सहायता भेजी, रणधीर जायसवाल ने दिया यह बयान

Weather Update : देश में 26 स्थानों पर पारा 43 डिग्री के पार, लू को लेकर IMD ने जताया यह अनुमान

कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन से क्या निकला

अगला लेख