Kolkata Gangrape case : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में लॉ कॉलेज की प्रथम वर्ष की 24 वर्षीय छात्रा से संस्थान के भीतर एक पूर्व छात्र और दो वरिष्ठ छात्रों ने गैंगरेप किया। पुलिस ने इस मामले में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया है। कोर्ट ने उन्हें 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा का तृणमूल कांग्रेस से कनेक्शन पता चलने के बाद राज्य की सियासत भी गरमा गई है। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। ALSO READ: मैं रोई, गिड़गिड़ाई लेकिन दरिंदों ने नहीं बख्शा, दुष्कर्म का वीडियो भी बनाया, कोलकाता गैंगरेप पीड़िता की आपबीती
क्या है मुख्य आरोपी का टीएमसी कनेक्शन : मुख्य आरोपी के सोशल मीडिया हैंडल से पता चला है कि वह कॉलेज की तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद इकाई का पूर्व अध्यक्ष और तृणमूल कांग्रेस के छात्र संगठन की दक्षिण कोलकाता शाखा का संगठन सचिव है। उसे हाल में 45 दिनों की अनुबंध अवधि के लिए संस्थान में अस्थायी गैर-शिक्षण कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया था।
तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (टीएमसीपी) के अध्यक्ष त्रिनंकुर भट्टाचार्य ने आरोपियों के लिए कड़ी सजा की मांग करते हुए कहा कि मुख्य आरोपी कभी भी संस्थान में संगठन का इकाई अध्यक्ष नहीं रहा है, क्योंकि वहां छात्रसंघ पिछले कुछ वर्षों से निष्क्रिय पड़ा है।
क्या बोले मंत्री शशि पांजा : पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री शशि पांजा ने कहा कि राज्य सरकार छात्रा और उसके परिवार के साथ पूरी तरह खड़ी है। यह घटना बेहद दर्दनाक है। कोलकाता पुलिस ने पहले ही कार्रवाई शुरू कर दी है और जांच से जुड़ी सभी जानकारी जनता के लिए उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि पीड़िता को राजनीति का मैदान बनाने के बजाय, उसके दर्द को समझा जाना चाहिए, उसका सम्मान किया जाना चाहिए तथा शीघ्र और बिना शर्त न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
केंद्रीय मंत्रियों का ममता सरकार पर हमला : केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कोलकाता में कथित गैंगरेप मामले पर कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है और तुष्टिकरण की राजनीति के कारण यह और खराब हो रही है जिसका परिणाम हमें दिख रहा है... मुझे जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार इस तरह की घटनाएं तुष्टिकरण के कारण ज्यादा हो रही हैं, यह बंगाल के लिए कलंक है।
केंद्रीय मंत्री सुकांता मजूमदार ने कहा कि दोनों ही घटनाएं (आरजी कर की घटना और लॉ कॉलेज में गैंगरेप) शैक्षणिक संस्थानों के अंदर हुई हैं। अगर शैक्षणिक संस्थानों के अंदर ऐसी घटनाएं हो रही हैं और आप उन्हें रोकने में असमर्थ हैं, तो यह एक दयनीय विफलता है। यह राज्य प्रशासन और राज्य की गृह मंत्री ममता बनर्जी की विफलता है और शैक्षणिक संस्थानों पर भी एक धब्बा है। किसी को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी... मुद्दा यह है कि आप शैक्षणिक संस्थानों में सुरक्षित माहौल देने में असमर्थ हैं। यह आपकी विफलता है। इसे स्वीकार करें। आपको अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
आरोपियों ने पीड़िता को धमकाया : पीड़िता द्वारा कस्बा पुलिस थाने में दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार जब उसने मुख्य आरोपी के विवाह प्रस्ताव को ठुकरा दिया तो तीनों ने मिलकर उसके साथ मारपीट की। इसके बाद उसे सुरक्षाकर्मी के कमरे में घसीटा गया और मुख्य आरोपी ने उसके साथ बलात्कार किया, जबकि उसके 2 साथी इस कृत्य में उसकी सहायता कर रहे थे और पहरा दे रहे थे। आरोपियों ने रात करीब 10:30 बजे तक उसके साथ बलात्कार किया। हमने कमरे को सील कर दिया है।
पीड़िता का आरोप है कि आरोपियों ने धमकी दी कि अगर उसने कुछ कहा तो वे फुटेज इंटरनेट पर जारी कर देंगे। आरोपियों ने पीड़िता के प्रेमी को नुकसान पहुंचाने और उसके माता-पिता को झूठे मामलों में फंसाने की भी धमकी दी।
साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में हुई इस वीभत्स घटना ने पिछले साल अगस्त में शहर के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ हुई बलात्कार और हत्या की घटना की भयावह यादें ताजा कर दीं। चिकित्सा परीक्षण से पता चला है कि पीड़िता के साथ बलात्कार हुआ था। पीड़िता के शरीर पर उसके साथ जबरदस्ती करने, काटने के निशान और नाखून से खरोंच के निशान पाए गए हैं।