Leh Ladakh violence case : आखिर वही हुआ है जिसका डर था। लेह में हिंसा और उसके परिणामस्वरूप पर्यावरणविद सोनम वांगचुक की रासुका के तहत गिरफ्तारी ने लद्दाख के पर्यटन की वाट लगा दी है। यह आशंका उसी दिन प्रकट की जाने लगी थी जब वांगचुक को हिरासत में लेकर जोधपुर जेल भेजा गया था। लद्दाख से मिलने वालो समाचारों के मुताबिक, विंटर टूरिज्म की 50 परसेंट से अधिक बुकिंग कैंसिल हो गई हैं। जो पर्यटक अभी लेह में हैं वे किसी तरह से अपने घरों को लौट जाना चाहते हैं। दरअसल, कर्फ्यू के दौरान इन पर्यटकों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।
याद रहे स्टेटहुड की मांग पर बर्फीले रेगिस्तान लद्दाख में हुई हिंसा, जिसमें 4 लोगों की मौत के उपरांत कर्फ्यू लागू कर देना पड़ा, ने लद्दाख के टूरिज्म पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया था। यह इससे भी स्पष्ट था कि इस हिंसा के कारण लद्दाख फेस्टिवल को भी बीच रास्ते में खत्म कर देना पड़ा था।
ऐसा पहली बार है कि लद्दाख में इस प्रकार की हिंसा हुई हो। अभी तक लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिलवाने के लिए लद्दाखियों ने जो आंदोलन 30 सालों तक चलाया था उस दौरान भी ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला था। यही नहीं इस तीस साल के आंदोलन के दौरान लद्दाख में टूरिस्टों का आना कभी थमा नहीं था।
पर अब सबके माथे पर जो चिंता की लकीरें दिखी थीं वे अब साफ होने लगी हैं। एक सप्ताह से लेह कर्फ्यू पाबंदियों से जूझ रहा है और होटलों में रूके पर्यटकों को इन पाबंदियों की तपश को सहन करना पड़ा रहा है। होटल मालिकों ने भी सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए हाथ खड़े कर दिए हैं। अधिकतर पर्यटक अपने घरों को लौटने के लिए हवाई जहाज की टिकटों के लिए बहुत ज्यादा कीमतें भी चुका रहे हैं।
जानकारी के लिए लद्दाख के विंटर टूरिज्म का सबसे प्रमुख आकर्षण चद्दर ट्रेक के अतिरिक्त कई और अन्य गतिविधियां भी होती हैं। इसके लिए बुंकिग अभी से होनी आरंभ हुई थीं, पर ताजा घटनाक्रम के बाद टूर ऑपरेटरों के पास स्थिति के प्रति जानकारी लेने के लिए आए फोन अब बुकिंग रद्द करने में बदल चुके हैं।
वैसे 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के उपरांत यह दूसरा अवसर है जब लद्दाख को भी पर्यटकों की राह देखनी पड़ रही है। पहलगाम के हमले से कश्मीर अभी तक नहीं उभर पाया है और अब लेह की हिंसा, कर्फ्यू और सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी लद्दाखियों के लिए भारी साबित होने जा रही है।
Edited By : Chetan Gour