Assam : मुख्यमंत्री सरमा के साथ बैठक में जनसंख्या नियंत्रण पर राजी हुए असम के मुस्लिम बुद्धिजीवी

Webdunia
सोमवार, 5 जुलाई 2021 (08:35 IST)
गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने रविवार को विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी 150 से अधिक मुस्लिम हस्तियों से मुलाकात की और कहा कि वे सभी इस बात पर सहमत थे कि जनसंख्या वृद्धि राज्य के विकास के लिए खतरा है। सरमा ने बैठक के बाद यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अल्पसंख्यकों के विकास से संबंधित उपाय सुझाने के लिए 8 उप समूह बनाए जाएंगे जिनमें सदस्य के रूप में राज्य के जातीय मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल होंगे।

ALSO READ: बिहार में सियासत का सुपर मंडे : रामविलास पासवान की जयंती पर चाचा-भतीजे का शक्ति प्रदर्शन, RJD के रजत जयंती समारोह को संबोधित करेंगे लालू यादव
 
उन्होंने कहा कि आज मैंने 150 से अधिक बुद्धिजीवियों, लेखकों, डॉक्टरों, कलाकारों, इतिहासकारों और प्रोफेसरों तथा अन्य क्षेत्रों से जुड़े लोगों से मुलाकात की। हमने असम के अल्पसंख्यक लोगों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक में शामिल हुए सभी लोग इस बात पर सहमत थे कि असम के कुछ हिस्सों में 'जनसंख्या विस्फोट'राज्य के विकास के लिए खतरा उत्पन्न कर रहा है।

ALSO READ: मैं विष्‍णु का 10वां अवतार, सरकार में बैठे राक्षस कर रहे परेशान', पूर्व कर्मचारी के दावे ने किया सबको हैरान, बोले- ला दूंगा धरती पर सूखा
 
सरमा ने कहा कि यदि असम भारत के 5 शीर्ष राज्यों में से एक बनना चाहता है तो हमें अपने जनसंख्या विस्फोट को प्रबंधित करना होगा। इस बात पर सभी सहमत हुए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार राज्य के जातीय मुस्लिम समुदाय के लोगों की सदस्यता वाले 8 उप-समूह गठित करेगी, जो समुदाय के विकास पर अगले 3 महीने में रिपोर्ट पेश करेंगे।
 
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण, सांस्कृतिक पहचान, जनसंख्या स्थिरीकरण और वित्तीय समायोजन के लिए 3 उप समूहों का गठन किया जाएगा। सरमा ने कहा कि ये उप समूह अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े हर मुद्दे पर चर्चा करेंगे। रिपोर्ट संकलन के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के विकास के लिए एक मसौदा तैयार किया जाएगा। हम अगले पांच साल में मसौदे के अनुरूप काम करेंगे। 
 
उन्होंने कहा कि हर उप समूह में समुदाय से एक अध्यक्ष होगा और सरकार की तरफ से एक सदस्य सचिव होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगले दौर की बैठकों में अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित राजनीतिक नेता और छात्र संगठन शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिन में, मैं प्रवासी मुसलमानों या उन मुसलमानों के साथ बैठक करूंगा जिनका मूल पूर्वी बंगाल से है। दोनों मुस्लिम समुदायों (राज्य के मूल निवासी और पूर्वी बंगाल से ताल्लुक रखने वालों) के बीच विशिष्ट सांस्कृतिक अंतर है और हम उसका सम्मान करते हैं। 
 
बैठक में मौजूद अधिकारियों ने कहा कि जातीय मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों ने 'अल्पसंख्यक' कहे जाने पर आपत्ति जताई और सरकार से आग्रह किया कि उन्हें 'असम के निवासी' कहा जाए। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि बैठक में सरमा ने कहा कि असम सरकार ने बातचीत कार्यक्रम का आयोजन किया ताकि राज्य में समग्र विकास किया जा सके।
 
इसमें कहा गया कि जातीय मुस्लिम आबादी असम के समाज का अभिन्न अंग हैं जिन्हें तीव्र विकास की जरूरत है ताकि समुदाय राज्य में विकास में बड़ी भूमिका निभा सके और अपनी सांस्कृतिक पहचान भी अक्षुण्ण रख सके। पद्मश्री पुरस्कार से नवाजे गए डॉ. इलियास अली और अली अहमद उन प्रमुख हस्तियों में शामिल थे जिन्होंने बैठक में हिस्सा लिया, वहीं सरकार की तरफ से सरमा के साथ अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री चंद्रमोहन पटवारी तथा शिक्षा मंत्री रनोज पेगु ने शिरकत की।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख