हाथी घोड़े के साथ निकली जूना और अग्नि अखाड़े की पेशवाई

Webdunia
मंगलवार, 25 दिसंबर 2018 (18:54 IST)
प्रयागराज। संगम के तट पर अगले महीने से होने जा रहे कुम्भ के लिए मंगलवार को हाथी घोड़े के साथ पंच दशनाम जूना अखाड़ा और श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़ा की पेशवाई निकली। पेशवाई में चांदी के हौदों पर अखाड़ा के आचार्य पीठाधीश्वर, महामंडलेश्वर और अन्य साधु संत सवार थे।
 
पेशवाई एक धार्मिक शोभा यात्रा है जिसमें अखाड़ों के आचार्य, पीठाधीश्वर, महामंडलेश्वर, साधु-संत और नागा साधुओं का एक बड़ा समूह हाथी, घोड़ा, ऊंट और पालकी पर सवार होकर गंगा के किनारे बनी छावनी में पहुंचता है। पेशवाई के दौरान नागा साधुओं ने तलवार और फरसा भांजते हुए भव्य प्रदर्शन किया।
 
जूना अखाड़ा की पेशवाई निकलने से पहले यमुना तट स्थित मौजगिरि आश्रम में भगवान दत्तात्रेय और त्रिशूल का वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजन किया गया। इसके बाद पेशवाई शुरू हुई जिसमें सबसे आगे हाथी घोड़े चल रहे थे और उसके बाद जूना अखाड़ा का ध्वज ले जाया जा रहा था। ध्वज के पीछे पालकी में विराजमान भगवान दत्तात्रेय थे और इस पालकी के पीछे चांदी के हौदे में सवार जूना अखाड़ा के आचार्य पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरि थे।
 
पेशवाई में अन्य हौदों में काशी सुमेरूपीठाधीश्वर नरेंद्रानंद सरस्वती, अग्नि अखाड़ा के ब्रह्मर्षि महामंडलेश्वर कैलाशानंद जी महाराज, अग्नि अखाड़ा के सभापति महंत मुक्तानंद जी महाराज, अग्नि अखाड़ा के सचिव महंत आनंद चैतन्य ब्रह्मचारी सवार थे।
 
पेशवाई के मेला क्षेत्र में पहुंचने पर मंडलायुक्त आशीष गोयल, कुम्भ मेलाधिकारी विजय किरण आनंद, कुम्भ मेला डीआईजी केपी सिंह और प्रशासन के अन्य अधिकारियों ने जूना अखाड़ा के आचार्य पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरि और अन्य साधु संतों का माला पहनाकर मेला क्षेत्र में स्वागत किया।
 
कुम्भ मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने कहा, 'यह हमारा सौभाग्य है कि इस तरह की व्यवस्था में योगदान करने का हमें मौका मिला है। हमारा प्रयास है कि सभी साधु संतों और धार्मिक अधिष्ठानों के सानिध्य में यह मेला सकुशल संपन्न कराएं और लोगों को बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध कराके जिससे सभी अच्छा अनुभव लेकर जाएं।'
 
जिन मार्गों से पेशवाई निकली उसे आम यातायात के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया था और पूरी शोभा यात्रा के दौरान, रैपिड एक्शन फोर्स, स्थानीय पुलिस बल और पीएसी के जवान भारी तादाद में तैनात थे।
 
उल्लेखनीय है कि कुम्भ मेले के लिए यह पहली पेशवाई थी। इसके बाद 27 दिसंबर को श्री पंच दशनाम आवाह्न अखाड़ा, एक जनवरी, 2019 को श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी, दो जनवरी को श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी, तीन जनवरी को श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा और श्री शम्भू पंच अटल अखाड़ा, 10 जनवरी को श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन, 11 जनवरी को श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन और 13 जनवरी को श्री पंचायती अखाड़ा निर्मला की पेशवाई निकलेगी। (भाषा) 

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