आखिर बदल ही गया मौसम, सच हुई अमृता फडणवीस की भविष्यवाणी

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
वर्ष 2019 की ही बात है जब देवेन्द्र फडणवीस ने ताबड़तोड़ तरीके से रात के समय मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। ...और मात्र 80 घंटे तक मुख्‍यमंत्री रहने के बाद उन्हें 'बेआबरू' होकर पद छोड़ना पड़ा था। क्योंकि जिन अजित पवार के भरोसे उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, ऐन वक्त पर उन्होंने फडणवीस को अंगूठा दिखा दिया था। जिस तरह अब उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा दिया था, उसी तरह देवेन्द्र फडणवीस को भी 2019 में इस्तीफा देना पड़ा था। 
 
मैं पलट के आऊंगी, आखिर क्या संकेत दे रही हैं अमृता फडणवीस

2019 में फडणवीस के इस्तीफे के बाद उनकी पत्नी अमृता फडणवीस द्वारा ट्‍वीट किया गया एक शेर काफी चर्चा में रहा था। एक बैंकर, गायक और सोशल वर्कर के रूप में चर्चित अमृता ने कुछ इस तरह ट्‍वीट किया था- 'पलट के आऊंगी शाखों पर खुशबुएं लेकर, खिज़ां की ज़द में हूं मौसम ज़रा बदलने दे'। हालांकि संख्‍या बल के हिसाब से उस समय किसी को उम्मीद नहीं थी कि अमृता की ये पंक्तियां हकीकत हो सकती हैं। 
 
लेकिन, ढाई साल के बाद ही ये पंक्तियां सच हो गईं। दरअसल, अमृता का इन पंक्तियों के माध्यम से यह कहना था कि अभी हालात अनुकूल नहीं हैं, जैसे ही हालात बदलेंगे हम फिर वापसी करेंगे। आखिरकार हालात बदल ही गए। महाराष्ट्र में एक बार फिर भाजपा की सरकार बन रही है। हालांकि ये और बात है कि मुख्‍यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस नहीं होंगे। लेकिन, वे सत्ता के बड़े केन्द्र के रूप में जरूर उभरे हैं।
अब शिवसेना का क्या होगा? : उल्लेखनीय है कि बहुमत खोने के बाद उद्धव ठाकरे ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। दरअसल, इस पूरे घटनाक्रम को देखें तो सबसे ज्यादा नुकसान उद्धव ठाकरे ने ही उठाया है। मुख्‍यमंत्री पद से ज्यादा नुकसान उन्हें पार्टी का हुआ है। 56 में से 39 विधायकों ने उद्धव का साथ छोड़ दिया। राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद शिवसेना संगठन को भी इसका नुकसान उठाना पड़ेगा क्योंकि जो नेता शिवसेना छोड़कर गए हैं, उनके समर्थक कार्यकर्ता भी शिवसेना से बाहर आ जाएंगे या उद्धव गुट से दूरी बना लेंगे। 
 
हालांकि इससे पहले भी शिवसेना टूटी है, लेकिन इतनी बड़ी टूट कभी नहीं देखी गई। पहले भी छगन भुजबल, नारायण राणे और संजय निरूपम जैसे नेता शिवसेना छोड़कर गए हैं, लेकिन उनके जाने के बाद भगवा पार्टी को इतना नुकसान नहीं हुआ था, लेकिन एकनाथ शिंदे समेत 39 विधायकों के जाने से आने वाले समय में शिवसेना को बड़ा नुकसान हो सकता है। यह भी संभव है कि शिवसेना के टुकड़े हो जाएं। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

India-Pakistan Conflict : सिंधु जलसंधि रद्द होने पर प्यासे पाकिस्तान के लिए आगे आया चीन, क्या है Mohmand Dam परियोजना

Naxal Encounter: कौन था बेहद खौफनाक नक्‍सली बसवराजू जिस पर था डेढ़ करोड़ का इनाम?

ज्‍योति मल्‍होत्रा ने व्‍हाट्सऐप चैट में हसन अली से कही दिल की बात- कहा, पाकिस्‍तान में मेरी शादी करा दो प्‍लीज

भारत के 2 दुश्मन हुए एक, अब China ऐसे कर रहा है Pakistan की मदद

गुजरात में शेरों की संख्या बढ़ी, खुश हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

सभी देखें

नवीनतम

अवैध बांग्लादेशियों पर भारत सख्त, विदेश मंत्रालय की यूनुस सरकार को दो टूक

Weather Update: दक्षिण पश्चिम मानसून ने दी दरवाजे पर दस्तक, 25 मई तक केरल तट से टकराएगा, IMD का अलर्ट

LIVE: रूस पहुंचा भारतीय सांसदों का प्रतिनिधिमंडल, बेनकाब होगा पाकिस्तान

ट्रंप प्रशासन का बड़ा फैसला, हार्वर्ड में नहीं मिलेगा विदेशी छात्रों को प्रवेश

श्रीनगर में भीषण गर्मी की मार, टूट गया 57 साल का रिकॉर्ड

अगला लेख