खरगोन हिंसा मामले पर संजय राउत ने BJP पर साधा निशाना, बोले- पूरी घटना पर भगवान राम भी बेचैन होंगे...

Webdunia
रविवार, 17 अप्रैल 2022 (15:57 IST)
मुंबई। शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि श्रीराम के नाम पर सांप्रदायिकता को भड़काना ‘भगवान राम के आदर्शों’ का अपमान है और भगवान राम भी मध्य प्रदेश के खरगोन की पूरी घटना को लेकर बेचैन होंगे।

खरगोन में रामनवमी के दिन सांप्रदायिक झड़पें हुई थीं,जिनके कारण कर्फ्यू लगा दिया गया था। राउत ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर चुनाव जीतने के लिए धार्मिक मतभेद के बीज बोने की रणनीति अपनाने का आरोप लगाया।

शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में अपने साप्ताहिक स्तंभ ‘रोखठोक’ में राउत ने लिखा, अगर कोई कट्टरवाद की आग भड़काना चाहता है और चुनाव जीतने के लिए शांति भंग करना चाहता है, तो वह दूसरे विभाजन का बीज बो रहा है। राउत ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक हैं।

देश के विभिन्न हिस्सों में 10 अप्रैल को रामनवमी के दिन हुई सांप्रदायिक झड़पों का जिक्र करते हुए राउत ने कहा कि ये अच्छे संकेत नहीं हैं। उन्होंने कहा, पहले रामनवमी पर शोभायात्रा संस्कृति और धर्म के बारे में होती थी, लेकिन अब तलवारें लहराई जाती हैं और सांप्रदायिक फूट डाली जाती है। मस्जिदों के बाहर हंगामा किया गया, जिसके परिणामस्वरूप हिंसा हुई।

राउत ने भाजपा पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों ने राम मंदिर आंदोलन बीच में ही छोड़ दिया, वे अब भगवान राम के नाम पर तलवारें दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा, इसे हिंदुत्व नहीं कहा जा सकता। भगवान राम के नाम पर सांप्रदायिक आग लगाना राम के आदर्शों का अपमान है।

शिवसेना नेता ने कहा, मध्य प्रदेश के खरगोन की घटना पर भगवान राम भी बेचैन होंगे। राउत ने कहा कि हिंदू और मराठी नववर्ष के मौके पर दो अप्रैल को गुड़ी पड़वा पर मुंबई सहित महाराष्ट्र भर में सांस्कृतिक शोभायात्राएं निकाली गईं, लेकिन इन शोभायात्राओं के मुस्लिम बहुल इलाकों से गुजरने के बाद भी कोई हिंसा नहीं हुई।

उन्होंने साबरकांठा में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए पूछा, कोई हिंसा नहीं थी। रामनवमी पर सारी हिंसा क्यों होनी चाहिए? क्या कोई विश्वास कर सकता है कि मुसलमान प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात में रामनवमी के दिन शोभायात्रा पर पत्थर फेंकेंगे?

राउत ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे पर भाजपा के एजेंडे को लागू करने का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा, (एजेंडा है) राष्ट्रपति शासन लगाने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करना।

मनसे प्रमुख ने हाल में कहा था कि अगर महाराष्ट्र सरकार तीन मई तक मस्जिदों के ऊपर से लाउडस्पीकर हटाने में विफल रहती है, तो मस्जिदों के बाहर और अधिक ऊंचे स्वर में ‘हनुमान चालीसा’ बजाया जाएगा। उन्होंने देश में समान नागरिक संहिता को लागू करने और जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए एक कानून बनाने की भी वकालत की थी।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

महाराष्‍ट्र की राजनीति में नई दुकान... प्रोप्रायटर्स हैं ठाकरे ब्रदर्स, हमारे यहां मराठी पर राजनीति की जाती है

उत्तराधिकारी की घोषणा टली, 90 साल के दलाई लामा बोले, मैं 30-40 साल और जीवित रहूंगा

20 साल बाद उद्धव-राज साथ, किसे नफा, किसे नुकसान, क्या महाराष्ट्र की राजनीति में लौट पाएगी 'ठाकरे' की धाक

तेजी से बढ़ता स्‍मार्ट और सबसे स्‍वच्‍छ इंदौर आखिर सड़क पर हुए भ्रष्‍टाचार के गड्ढों में क्‍यों गिर रहा है?

अमेरिका के खिलाफ भारत ने लिया बड़ा एक्शन, WTO में जवाबी टैरिफ का रखा प्रस्ताव

सभी देखें

नवीनतम

Bihar : मतदाता पुनरीक्षण पर भड़कीं राबड़ी देवी, बोलीं- निर्वाचन अधिकारियों को दस्तावेज न दिखाएं

बिहार में मतदाता सूची के सत्यापन का काम जोरों पर, 7.38 करोड़ गणना फार्मों का हुआ वितरण

अर्जेंटीना पहुंचे PM मोदी, राष्ट्रपति जेवियर मिलेई के साथ इन मुद्दों पर चर्चा

तेजस्वी यादव ने किया दावा, महागठबंधन में शामिल होंगे पशुपति पारस

इजराइली हवाई हमले में 14 फिलिस्तीनियों की मौत, भोजन की तलाश में निकले 10 अन्य लोग भी मारे गए

अगला लेख