'बंगाल के गद्दारों को गोली मारो## को' नारे से तृणमूल ने खुद को किया अलग

Webdunia
बुधवार, 20 जनवरी 2021 (18:04 IST)
कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के एक रैली में 'बंगाल के गद्दारों को गोली मारो ## को' का नारा लगाने के एक दिन बाद पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी ने बुधवार को खुद को इससे अलग कर लिया और यह नारा लगाने वाले कार्यकर्ताओं को फटकार लगाई।

तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि पार्टी इसका समर्थन नहीं करती। उन्होंने कहा कि कुछ युवकों ने जोश में आकर ऐसी नारेबाजी कर दी थी। उन्होंने कहा, रैली में ऐसा नारा नहीं लगना चाहिए था। ऐसी नारेबाजी करने वालों ने ठीक नहीं किया। 'गोली मारो' शब्दों को शब्दश: नहीं लेना चाहिए।

तृणमूल के कई समर्थकों ने मंगलवार को दक्षिण कोलकाता में एक शांति रैली के दौरान विवादास्पद नारेबाजी की थी, जिसमें राज्य के दो मंत्री शामिल हुए थे।भाजपा के एक नेता ने जनवरी 2020 में दिल्ली में 'देश के गद्दारों को गोली मारो ## को' नारा लगाया था, जिसकी तृणमूल सहित कई विपक्षी पार्टियों ने निंदा की थी।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने तृणमूल पर इसको लेकर निशाना साधते हुए कहा कि तब पार्टी आग बबूला हो रही थी और अब खुद ही ऐसा नारा लगा रही है।घोष ने कहा, तृणमूल ही राज्य की राजनीति में बंदूकों और बम की संस्कृति लाई। अब वे खुलेआम रैलियों में इसे स्वीकार भी कर रहे हैं।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

रॉबर्ट वाड्रा से ED की साढ़े 5 घंटे की पूछताछ, जानिए कौनसे दागे सवाल

मुर्शिदाबाद हिंसा पर UP सीएम के बयान पर भड़कीं ममता बनर्जी, बताया सबसे बड़ा भोगी

दामाद के साथ क्यों भागी थी सास, सुनाई पूरी कहानी, पति को लेकर किया हैरान करने वाला खुलासा

चीन को भारी पड़ा अमेरिका को जवाब देना, अब ट्रंप सरकार ने लगाया 245% टैरिफ

मुर्शिदाबाद दंगा में भाजपा-BSF की मिलीभगत, बांग्लादेशी घुसपैठिए बुलाकर दंगे करवाए, ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर लगाया आरोप

सभी देखें

नवीनतम

Jammu and Kashmir : कश्मीर पर पाकिस्तान के जहरीले बोल, भारत ने लताड़ा- Pok पर अवैध कब्जा, जल्द करे खाली

हम हिंदुओं की तरह नहीं हैं, क्‍या है पाक आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर की स्‍पीच के मायने

National Herald case: मोदी सरकार भ्रष्टाचारियों को सलाखों के पीछे डालेगी, किसने कहा ऐसा

राजद विधायक को महंगी पड़ी रंगदारी, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में

Election rules dispute: सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर जवाब देने के लिए EC को दिया 3 सप्ताह का समय

अगला लेख