मणिपुर हिंसा पर RSS की टिप्पणी को लेकर क्या बोलीं सुप्रिया सुले?

कहा कि मणिपुर भारत का अभिन्न अंग है, उससे उचित व्यवहार हो

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
मंगलवार, 11 जून 2024 (17:33 IST)
Supriya Sule: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) नेता सुप्रिया सुले (Supriya Sule) ने पुणे में मंगलवार को मणिपुर में हिंसा (Manipur violence) पर चिंता व्यक्त की और आश्चर्य जताया कि पूर्वोत्तर राज्य के साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है, जबकि यह देश का अभिन्न अंग है। यहां पत्रकारों से बातचीत में बारामती के सांसद ने कहा कि जम्मू में आतंकवादी हमला उस समय हुआ, जब नरेन्द्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।
 
भागवत की टिप्पणी के बारे में पूछा गया था : सुले से जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत की उस टिप्पणी के बारे में पूछा गया कि पूर्वोत्तर राज्य में 1 साल बाद भी शांति नहीं आ पाई है तो उन्होंने कहा कि हम मणिपुर के मुद्दे पर सरकार से महीनों से सवाल पूछ रहे हैं। मणिपुर की स्थिति पर संसद में काफी चर्चा हुई। मणिपुर देश का अभिन्न अंग है। वहां के लोग, महिलाएं, बच्चे सभी भारतीय हैं।

ALSO READ: मोदी के आभामंडल में डूबे कार्यकर्ता, भागवत के बाद अब आर्गेनाइजर ने दिखाया BJP को आईना
 
भागवत ने सोमवार को कहा था कि संघर्षग्रस्त राज्य की स्थिति को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मणिपुर में मुख्यमंत्री के काफिले पर भी हमला हुआ। इससे पता चलता है कि कहीं न कहीं कुछ गलत हो रहा है। मणिपुर के बारे में एक शब्द भी नहीं बोला जाता जबकि हमने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी। 'इंडिया' गठबंधन के नेता राज्य में गए लेकिन हमें रोक दिया गया। मणिपुर भारत का अभिन्न अंग है और उसके साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है?
 
सुले ने कहा कि दोबारा निर्वाचित सांसद के रूप में संसद में बेरोजगारी का मुद्दा उठाना उनकी प्राथमिकता होगी। उन्होंने दोहराया कि हिंजवाडी स्थित राजीव गांधी इन्फोटेक पार्क से कंपनियों के जाने का मुद्दा चिंताजनक है। मराठा चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ने एनसीपी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार से अनुरोध किया है कि वे एक बैठक बुलाएं और कंपनियों से महाराष्ट्र न छोड़ने का आग्रह करें। राकांपा (शरदचंद्र पवार) नेता ने कहा कि आईटी पार्क में 6 लाख से अधिक लोग काम कर रहे हैं और अगर कंपनियां यहां से जा रही हैं तो यह चिंताजनक है।

ALSO READ: पद संभालने के बाद बोले अमित शाह, सहकारिता मंत्रालय में नीतियों को जमीनी स्तर तक ले जाने पर रहेगा जोर
 
मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी, 2024 को लेकर उठे विवाद के बारे में सुले ने सवाल किया कि केंद्र सरकार बाहरी एजेंसियों से परीक्षा क्यों करा रही है? उन्होंने कहा कि इतनी सारी परीक्षाओं की क्या जरूरत है? अगर आप मुझसे पूछें तो जब 'इंडिया' सरकार सत्ता में आएगी तो मेरी पहली मांग इन परीक्षाओं को रोकने की होगी। छात्र परीक्षा देकर ही थक जाते हैं। उन्हें बहुमुखी प्रतिभावान और बहु-प्रतिभाशाली होना चाहिए। अगर छात्रों को फिर से नीट जैसी प्रवेश परीक्षा देनी पड़े तो बोर्ड परीक्षाओं का क्या महत्व है? इसके अलावा अनियमितता और घटिया प्रबंधन है और इसके लिए केंद्र जिम्मेदार है।

ALSO READ: चंद्रबाबू नायडू का ऐलान, अमरावती ही होगी आंध्रप्रदेश की राजधानी
 
शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे को कैबिनेट में स्थान नहीं मिला: शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे द्वारा 7 लोकसभा सीटें जीतने के बावजूद उनकी पार्टी को कैबिनेट में स्थान नहीं मिलने पर निराशा व्यक्त करने के बारे में पूछे जाने पर सुले ने कहा कि उनकी मांग उचित है, क्योंकि उन्होंने संसद में उनका प्रदर्शन देखा है और उन्हें संसद रत्न पुरस्कार भी मिला है। उन्होंने कहा कि बारणे को भाजपा के साथ कई वर्षों का अनुभव है और वे जानते हैं कि भाजपा सहयोगियों के साथ कैसा व्यवहार करती है?(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Exit Poll : वोटिंग खत्म होने के बाद RSS मुख्यालय पहुंचे देवेंद्र फडणवीस, मोहन भागवत से की मुलाकात

Exit Poll 2024 : झारखंड में खिलेगा कमल या फिर एक बार सोरेन सरकार

महाराष्ट्र में महायुति या एमवीए? Exit Poll के बाद बढ़ा असमंजस

महाराष्‍ट्र बिटकॉइन मामले में एक्शन में ईडी, गौरव मेहता के ठिकानों पर छापेमारी

BJP महासचिव विनोद तावड़े से पहले नोट फॉर वोट कांड में फंसे राजनेता

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: अडाणी पर गरमाई सियासत, अमेरिका में गिरफ्तारी वारंट जारी

एशियन चैंपियन्स ट्रॉफी की विजेता टीम के हर खिलाड़ी को बिहार सरकार देगी 3 लाख रुपए

मणिपुर में विधायक के आवास पर हमला, नकदी और 1.5 करोड़ के आभूषण लूटे

राहुल गांधी का सवाल, अब तक क्यों गिरफ्‍तार नहीं हुए अडाणी?

दिल्ली का खान मार्केट दुनिया का 22वां सबसे महंगा खुदरा स्थान : सीएंडडब्ल्यू

अगला लेख