chhat puja

LGBTQA समुदाय को लेकर क्‍या बोले मनोचिकित्सक...

Webdunia
सोमवार, 10 अप्रैल 2023 (14:41 IST)
मुंबई। भारत में मनोचिकित्सकों की शीर्ष संस्था ने कहा है कि एलजीबीटीएक्यूए समुदाय के सदस्यों के साथ देश के अन्य नागरिकों की तरह सुलूक किया जाना चाहिए तथा उनकी शादी, दत्तक ग्रहण, शिक्षा, रोजगार, संपत्ति अधिकार एवं स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच होनी चाहिए।

‘इंडियन साइकेट्रिक सोसाइटी’ (आईपीएस) ने तीन अप्रैल को एक बयान में कहा था कि ऐसा संकेत करने वाला कोई सबूत नहीं है कि ‘लेज़्बीअन, गे, बाइसेक्शुअल, ट्रांसजेंडर, क्वीर, एसेक्शुअल‘ (एलजीबीटीक्यूए) लोग शादी, दत्तक ग्रहण, शिक्षा, रोजगार, संपत्ति अधिकार एवं स्वास्थ्य देखभाल में हिस्सा नहीं ले सकते हैं और इस बाबत किया जाने वाला भेदभाव मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है। इस संस्था का मुख्यालय हरियाणा के गुरुग्राम में है।

बयान में कहा गया है कि आईपीएस ने 2018 में भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत समलैंगिकता और एलजीबीटीक्यूए वर्ग को अपराध की श्रेणी से बाहर करने का समर्थन किया था और कहा था कि यह सामान्य है और कोई बीमारी नहीं है। फोटो सौजन्‍य : यूएनआई
Edited By : Chetan Gour (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

उद्धव और राज ठाकरे ने फिर किया शक्ति प्रदर्शन, जानिए किस मुद्दे को लेकर मंच से भरी हुंकार

मोकामा हत्याकांड में चुनाव आयोग का बड़ा एक्शन, पटना के ग्रामीण SP समेत 4 अधिकारियों का ट्रांसफर

तालिबान ने भारत को दिया बड़ा ऑफर! दहशत में आ जाएगा पाकिस्तान

ISRO रचेगा नया इतिहास, लांच करेगा सबसे भारी उपग्रह, प्रक्षेपण को है तैयार

मोकामा हत्याकांड पर तेजस्वी यादव बोले, क्या चुनाव आयोग मर गया है?

सभी देखें

नवीनतम

राजस्‍थान में भीषण सड़क हादसा, खड़े ट्रक से टकराई टेंपो ट्रैवलर, 18 लोगों की मौत

LIVE: राजस्‍थान में भीषण सड़क हादसा, 18 श्रद्धालुओं की मौत

ISRO ने रचा इतिहास, लांच किया सबसे भारी उपग्रह, भारतीय सेना को मिली नई ताकत

उत्तराखंड के CM धामी के आवास पर मनाया इगास पर्व, मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं

सुदृढ़ न्यायिक व्यवस्था से ही पूरे होंगे सुशासन के लक्ष्य : योगी आदित्यनाथ

अगला लेख