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क्या कर्नाटक के सीएम बनेंगे डीके शिवकुमार? सिद्धारमैया कैंप में लगी सेंध

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 27 नवंबर 2025 (14:44 IST)
Power struggle in Karnataka Congress: वर्ष 2003 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद से ही पार्टी के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार मुख्‍यमंत्री पद की कुर्सी हासिल करने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें असफलता ही हाथ लगी थी। अब उनकी कोशिशें कामयाब होती दिख रही हैं। सिद्धारमैया समर्थक राज्य के गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने यह कहकर डीके की कोशिशों को मजबूती दी है कि अगर कांग्रेस हाईकमान शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला करता है, तो वह इसे पूरी तरह से स्वीकार करेंगे। परमेश्वर खुद भी मुख्‍यमंत्री पद के दावेदार हैं। 
 
परमेश्वर के बयान के बाद माना जा रहा है कि सिद्धारमैया कैंप कमजोर हुआ है। दरअसल, लंबे समय से शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच कुर्सी को लेकर खींचतान चल रही है। शिवकुमार ने कहा कि जब मुझसे मुख्यमंत्री पद की इच्छाओं के बारे में पूछा जाता है, तो मैं जवाब देता हूं कि मैं भी इस रेस में हूं। लेकिन अगर पार्टी हाईकमान किसी और को मुख्‍यमंत्री बनाती है तो वे इस फैसले को स्वीकार करेंगे। अंतिम फैसला कांग्रेस आलाकमान को ही करना है।
 
क्या राजी होंगे सिद्धारमैया : जी परमेश्वर का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि वह कांग्रेस में एक वरिष्ठ दलित चेहरा हैं और सिद्धारमैया के करीबी माने जाते रहे हैं। उनके बयान का निहितार्थ है कि सिद्धारमैया समर्थक खेमे में भी अब नेतृत्व परिवर्तन को लेकर लचीलापन आ सकता है। हालांकि सिद्धारमैया कई बार कह चुके हैं कि वे पूरे 5 साल तक मुख्‍यमंत्री रहेंगे। हालांकि बड़ा सवाल यह है कि क्या सिद्धारमैया कुर्सी छोड़ने के लिए राजी होंगे?
 
क्या है 'गुप्त समझौता' : दिलचस्प बात यह है कि परमेश्वर ने सिद्धारमैया और शिवकुमार के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भी 'उपयुक्त उम्मीदवार' बताया, लेकिन साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच किसी भी कथित सत्ता-साझाकरण समझौते की कोई जानकारी नहीं है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है, जब उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार लगातार हाईकमान पर कथित समझौते को लागू करने का दबाव बना रहे हैं। इस 'गुप्त समझौते' के मुताबिक ढाई साल सिद्धारमैया मुख्‍यमंत्री रहेंगे, जबकि अगले ढाई साल डीके शिवकुमार मुख्‍यमंत्री पद संभालेंगे। सिद्धा का ढाई साल का कार्यकाल हाल ही में पूरा हुआ है। 
 
सबकी नजरें पार्टी आलाकमान पर : दरअसल, डीके ने पहली बार खुलकर संकेत दिया कि 2023 के चुनावों में कांग्रेस की जीत के तुरंत बाद सत्ता साझा करने के संबंध में एक गोपनीय समझौता हुआ था। उन्होंने कहा कि यह डील पांच-छह नेताओं के बीच हुई थी और वह इसे सार्वजनिक रूप से उजागर नहीं करना चाहते। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री बनने की मांग नहीं की है और वह पार्टी को शर्मिंदा या कमजोर नहीं करना चाहते। उन्होंने दोहराया है कि मुख्यमंत्री पद या सत्ता हस्तांतरण के संबंध में अंतिम निर्णय पार्टी आलाकमान ही लेगा। हालांकि कर्नाटक की राजनीति में अब सभी की निगाहें कांग्रेस हाईकमान के उस अंतिम फैसले पर टिकी हैं, जो राज्य के नेतृत्व की दिशा तय करेगा।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 

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