जीवन में आनंद, सुख और प्रसन्नता चाहिए तो अपनाएं ये 20 बातें

डॉ. साधना सुनील विवरेकर
* जीवन का आनंद लेना सीखना होगा
 
 
आज व्यस्तता, तनाव व असमाधानी वृत्ति ने अधिकतर लोगों का सुख-चैन छीन रखा है। धन दौलत, महंगी कार, बड़े बंगले, पद, पहचान, प्रभाव व पैसा होने पर भी आत्मिक संतुष्टि, तृप्ति व समाधान का अभाव जीवन को नीरस बना रहा है। ऐसे में निर्मल आनंद कैसे मिले? यह सीखना होगा, समझना होगा व छोटी-छोटी खुशियों का महत्व समझना होगा अन्यथा पूरी जिंदगी बीत जाएगी, कट जाएगी लेकिन जिंदगी जी नहीं जाएगी। 
 
कुछ सामान्य बातों में बदलाव, दिनचर्या में सुधार व स्वयं के स्वभाव में निखार लाकर जीवन का आनंद उठाया जा सकता है।
 
1. जीवन अनमोल है सर्वोपरी हैः- जिस दिन अपने मनुष्य होने की कद्र करेंगे और ईश्वर का वरदान समझ जिंदगी का महत्व समझेंगे, सारी तकलीफें तुच्छ लगेंगी।
 
2. अपने आप से प्यार करें:- स्वयं पर नाज करें, अपने आपको महत्व देना सीखें व स्वार्थ नहीं पर अपनी भावनाओं को न दबाते हुए खुद के लिए जीना सीखें।
 
 
3. अपने शौक पूरे करें:- अपने शौक चाहे बागवानी हो या संगीत, नृत्य हो या घूमना, पढ़ना, लिखना हो या व्याख्यान सुनना, मूवी देखना हो या सीरियल देखना बिना गिल्ट पूरा करते रहने की कोशिश करें, स्वीकार करें।
 
4. माफ करना सीखें, माफी मांगने में देर न लगाएं:- रिश्तों में अक्सर बिगाड़ आ जाता है। मन माफिक अपेक्षित व्यवहार न मिलने से, तो माफ करने का बड़प्पन रखें साथ ही लगे, कि कोई नाराज है तो माफी मांग तुरंत रिश्तों की खटास दूर कर लें।
 
 
5. 'इगो छोड़े':- अहं भाव 'इगो' हर रिश्ते को खोखला करता है व हम दुखी होते हैं। 'इगो' को दूर रखने से स्वाभाविक आनंद की अनुभूति महसूस करेंगे।
 
6. भूलना सीखेः- रिश्तेदार हो या दोस्त या सहकर्मी उन्होंने क्या बुरा किया, क्या नुकसान पहुंचाया इसका हिसाब रखने की बजाय भूलना सीखने से खुशी की मात्रा बढ़ेगी। उनकी गलतियों की सजा भगवान के लिए छोड़ दें। 
 
7. तुलना करना, जलना छोड़ें:- ईश्वर ने सबको अपने-अपने हिस्से की खुशियां प्रदान की हैं जो हमें दिया उससे खुश हो। दूसरे से तुलना करने, ईर्ष्या करने से कुछ नहीं बदलेगा।
 
 
8. दोस्तों व परिवार का महत्व समझेः- अच्छे दोस्त खुशी देंगे, उनका महत्व समझें। उनको व परिवार वालों को समय दें, समय बिताए। प्रेम से सबका दिल जीतें यही आपकी अमूल्य संपत्ति है।
 
9. तनाव छोड़ें:- छोटी-छोटी बातों का व्यर्थ तनाव न लें। समय सब ठीक कर देता है। अपनी परेशानियों को मित्रों व परिवार, पत्नी से शेयर करें। समाधान निकल ही आएगा।
 
10. तारीफ करना सीखें:- दूसरों की खुलकर प्रशंसा करने की मानसिकता विकसित करें। आपका कुछ कम नहीं होगा लेकिन खुशी अवश्य मिलेगी।
 
 
11. देने का सुखः- कई बार छोटी-छोटी आपके लिए अनुपयोगी वस्तुएं जरूरतमंदों को देने से अनजाने ही आनंद की अनुभूति दे जाती है। खिलौने, गरम कपड़े, किताबें, साड़ियां बांटते रहें।
 
12. मोबाइल व इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दूरी बनाएः- दिन भर उनके बिना भी जीने से, फेसबुक या इंस्टाग्राम पर लाइक्स की परवाह न करने से आनंद आ ही जाएगा।

 
13. उम्र की गिनती भूलना सीखें:- बार-बार उम्र के आंकड़े को महत्व देने से निराशा हाथ लगती है। मन के अंदर छिपे बच्चे को जीवंत रखें।
 
14. स्वास्थ्य का ध्यान रखें:- जीवन का हर सुख तभी है जब शरीर स्वस्थ है। अतः सुबह की सैर, योगा व नियंत्रित भोजन से स्वयं को स्वस्थ रखें।
 
15. दूसरों को तकलीफ न पहुंचाए:- आपका व्यवहार, वाणी व विचारों की अभिव्यक्ति किसी की भावनाओं व आत्म सम्मान को ठेस न पहुंचाए तो आप आनंद में रहेंगे व क्लेश से बचेंगे।

 
16. स्वार्थ व लालच में न आएः- केवल अपने बारे में सोचने व स्वार्थ से लालच में आने से तनाव ही मिलेगा।
 
17. अच्छाई ढूंढे़ लोगों में:- सामने वाले में हमेशा अच्छाई ढूंढ़ने का प्रयास करने से सकारात्मकता आती है जो आनंद का मूलमंत्र है।
 
18. आत्मावलोकन करने का प्रयासः- हमें अक्सर अपनी गलती दिखाई या महसूस नहीं होती। दिनभर में दस मिनिट खुद को तलाशिए, सुधार अपने आप होगा। कई समस्याएं अपने आप सुलझेंगी। 
 
19. ईश्वर पर असीम विश्वास रखें:- ईश्वर पर विश्वास रखने से सारी चिंताएं दूर होंगी। अपने कार्य सच्चाई व ईमानदारी से करने के बाद सब कुछ उस पर छोड़ दीजिए सब अच्छा ही होगा। प्रकृति से सानिध्य स्थापित करें।
 
20. स्वयं में लाना होगा बदलावः- अंत में सारे दुःख व परेशानियों का समाधान केवल स्वयं में बदलाव लाकर ही संभव है।

(इस लेख में व्यक्त विचार/विश्लेषण लेखक के निजी हैं। इसमें शामिल तथ्य तथा विचार/विश्लेषण 'वेबदुनिया' के नहीं हैं और 'वेबदुनिया' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।)
 

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