मैं तो दादाजी के दरवाजे का दरबान हूं- शिवानन्द महाराज

नर्मदापुरम् में स्वर्णाभूषणों से हुआ हवन

पं. हेमन्त रिछारिया
शुक्रवार, 18 जुलाई 2025 (11:20 IST)
दादाजी शिवानन्द महाराज कई वर्षों से सतत नर्मदा परिक्रमा पर हैं उनकी अखंड नर्मदा परिक्रमा अनवरत जारी रहती है। प्रतिवर्ष चातुर्मास के दौरान वे विभिन्न स्थानों पर अपना चातुर्मास व्यतीत कर अनेक धार्मिक आयोजन करते हैं। इसी क्रम में इस वर्ष वे पवित्र पावन मां नर्मदा के तट पर स्थित नर्मदापुरम् नगर में अपना चातुर्मास कर रहे हैं।ALSO READ: गुरु पूर्णिमा से मध्यप्रदेश के 'नर्मदापुरम्' में प्रारंभ होगा 84 दिवसीय जनकल्याणार्थ महायज्ञ
 
दादाजी शिवानन्द महाराज जी का स्वयं के बारे में कहना है कि 'मैं तो दादाजी के दरवाजे का दरबान हूं, वे टुकड़ा (प्रसाद) डालते हैं तो मेरा उदरपोषण होता है। सारी सिद्धियां दादाजी श्री धूनीवाले की हैं अपना क्या है। वे जिससे जो करवाना चाहते हैं करवा लेते हैं। इतना भव्य आयोजन उन्हीं के आशीर्वाद से सम्पन्न हो रहा है। दादाजी हैं तो क्या कमी है।' 
 
अपनी सिद्धियों के बारे में शिवानन्द महाराज का कहना है कि सिद्धियां प्रदर्शन या विज्ञापन के लिए नहीं होती। सिद्धियां भजन, तप एवं अपने ईष्ट की कृपा से प्राप्त होती हैं। सिद्ध महात्मा कभी भी अपनी सिद्धियों का विज्ञापन नहीं करते अपितु वे अपनी सिद्धियों से जनकल्याण करते हैं जिसके लिए सिद्धियां उन्हें प्राप्त हुई हैं। 
 
शिवानन्द महाराज कहते हैं कि 'मेरे लिए सभी श्रद्धालु समान है कोई बड़ा या छोटा नहीं है। दादाजी दरबार में हम सभी दादाजी के सेवक हैं।' सिद्धयोगी शिवानन्द महाराज की ऐसी बाल सुलभ सरलता एवं अहंकार शून्यता जनमानस को सहज ही उनकी ओर आकर्षित कर लेती हैं।' सिद्धयोगी शिवानन्द महाराज जी के दर्शन एवं भेंट हेतु नित्य हजारों की संख्या में श्रद्धलुगण दादाजी दरबार पहुंच रहे हैं।
नर्मदापुरम् दादाजी दरबार में स्वर्णाभूषणों से हुआ हवन
 
नर्मदापुरम् में स्थित धूनीवाले दादाजी दरबार में गुरुवार को लगभग 11 तौले के स्वर्णाभूषणों से हवन हुआ। आयोजन के बारे में ज्योतिषाचार्य पं. हेमन्त रिछारिया ने बताया कि नगर में धूनीवाले दादाजी कृपापात्र शिष्य शिवानन्द दादाजी महाराज के सानिध्य में दादाजी का भव्य दरबार सजाया गया है, जिसमें प्रतिदिन सायंकाल हवन किया जाता है। 
 
हवन की आहुति में विभिन्न प्रकार के फल, सूखे मेवे और जड़ी-बूटियों सहित केसर की आहुति दी जाती है। गुरुवार को इस महायज्ञ में महा-आहुति के रूप में लगभग 11 तौले स्वर्ण के आभूषण राजराजेश्वरी मां नर्मदा जी के निमित्त हवन में भेंट की गईं। दादाजी दरबार में प्रतिदिन 5100 नर्मदेश्वरों का नित्य अभिषेक भी किया जा रहा है। संत गौरीशंकर जी महाराज और श्री धूनीवाले दादाजी का रजत निर्मित (चांदी) का भव्य दरबार नर्मदापुरम् के श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। 
 
इस भव्य दरबार के दर्शन और महायज्ञ में आहुति देने के लिए प्रतिदिन भारी भीड़ उमड़ रही है। गुरुवार को इस आयोजन में सोहागपुर विधायक ठाकुर श्री विजयपाल सिंह, बुधनी के पूर्व विधायक राजेन्द्र सिंह जी, जिला निर्वाचन पर्यवेक्षक कैलाश दुबे जी, पं अविनाश मिश्रा सहित नगर के अनेक गणमान्य लोगों ने दादाजी दरबार पहुंचकर अखंड परिक्रमावासी योगी शिवानन्द महाराज जी से आशीर्वाद प्राप्त किया एवं अखंड धूनी का दर्शन किया। 
 
ज्योतिषाचार्य पं हेमन्त रिछारिया ने बताया कि दादाजी दरबार में प्रज्वलित धूनी अहर्निश जागृत रहती है। इस धूनी के दर्शन और परिक्रमा कर श्रद्धालुगण धन्यता की अनुभूति करते हैं। महाआरती के पश्चात दादाजी शिवानन्द महाराज जी सभी श्रद्धालुओं को विभूति का वितरण करते हैं। यह सिद्ध व अभिमन्त्रित विभूति प्राप्त करने के श्रद्धालुगण बड़ी संख्या में दादाजी दरबार की आरती में सम्मिलित होते हैं।ALSO READ: नर्मदापुरम् में चल रहे महायज्ञ में स्वर्णाभूषणों से होगा हवन

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