Chanakya Niti : चाणक्य के अनुसार ये 10 तरह के लोग पिशाच के समान होते हैं, दूर रहें इनसे

WD Feature Desk
मंगलवार, 11 जून 2024 (15:47 IST)
Chanakya Niti: चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य ने नीति, धर्म, राजनीति और समाज की कई बातें लिखी हैं। चाणक्य के अनुसार ऐसे कई लोग हैं जिनकी प्रवृत्ति पिशाच के समान है। ऐसे लोगों को समाज स्वीकार नहीं करता है और उनका समाज में कहीं भी स्वागत या सम्मान नहीं होता है। ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखने में ही भलाई है अन्यथा ये लोग आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं।
 
1. मूर्ख : चाणक्य के अनुसार ऐसे लोगों का कहीं भी सम्मान नहीं होता है। वह अपनी बुद्धि हीनता के कारण हर समय नीचता का प्रदर्शन करता है और पिशाच की तरह व्यवहार करता है। ऐसे लोगों को कोई पसंद नहीं करता और सभी उससे बचना चाहते हैं।
 
2. अधार्मिक : चाणक्य के अनुसार, जो व्यक्ति सदाचार और धर्म को त्याग कर या अधर्म का रास्ता अपनाकर धन अर्जित करता है, उसे भी कहीं भी सम्मान नहीं मिलता। ऐसा व्यक्ति न केवल समाज में बल्कि अपनों के बीच में भी सम्मान खो बैठता है।
 
3. स्वार्थी : कुछ लोग अपना स्वार्थ साधने के लिए मीठी-मीठी बातें या फिर दूसरों की चापलूसी करते हैं। अधिकतर ऐसे लोग अयोग्य होते हैं और इन्हें सदैव अपनी चोरी पकड़े जाने का भया बना रहता है। इनकी अयोग्यता का राज खुलने पर यह भी सम्मान के पात्र नहीं रह जाते हैं। ऐसे लोग समाज या देश की चिंता नहीं करते केवल अपने बारे में सोचते हैं। स्वार्थी व्यक्ति नैतिकता और मूल्यों की परवाह नहीं करते हैं। वे अपने स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। ऐसे लोग धोखेबाज और बेईमान भी होते हैं।
 
4. हिंसक : आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो व्यक्ति पशु-पक्षियों, बच्चों, मजदूर वर्ग, वृद्धजनों आदि पर अत्याचार करता रहता है। वह भी पिशाच के समान है। उसे भी कहीं भी सम्मान नहीं मिलता है। ऐसे लोगों को सम्मान देने वाले लोग भी सम्मान के पात्र नहीं रह जाते हैं।
5. दुष्ट स्त्री- दुष्ट स्त्री कई प्रकार की होती है। कर्कशा, चरित्रहीन या बुरे स्वभाव की स्त्री से दूर रहने में ही भलाई है अन्यथा आपका मान-सम्मान तो जाएगा ही, साथ में धन और कीमती समय भी जाता रहेगा। महाभारत और चाणक्य का मानना था कि सज्जन पुरुष अगर ऐसी ही किसी स्त्री के संपर्क में आते हैं तो उन्हें अपयश ही प्राप्त होता है।
ALSO READ: Chanakya niti: चाणक्य के अनुसार कैसा होना चाहिए देश के प्रधान को?
6. हमेशा दुखी रहने वाले लोग- बहुत से लोग हैं, जो बिना बात के ही दुखी रहते हैं। ऐसे लोगों से हमेशा दूर रहें। महाभारत और चाणक्य के अनुसार कुछ लोग भगवान द्वारा बहुत कुछ दिए जाने के बाद भी हमेशा विलाप करते रहते हैं तथा अपना दुख प्रकट करते रहते हैं तो ऐसे लोगों से दूर ही रहना चाहिए। क्यों?
 
दुखी लोगों के साथ रहकर अच्छे-भले सुखी लोग भी दुखी हो जाते हैं। बार-बार दुख पर चर्चा करना और दुख के बारे में ही सोचते रहने से एक दिन आपके जीवन में भी दुख प्रवेश कर जाएगा और आप भी दुखी ही रहेंगे। हंसना, रोना, सुखी रहना और दुखी रहना यह संक्रमण रोग की तरह होता है। हर व्यक्ति के जीवन में दुख होता है लेकिन उस दुख का रोना रोते रहो और उसका विस्तार करते रहो या उस दुख में ही सुखी रहो यह कहां तक उचित है।
 
7. अहंकारी : चाणक्य के अनुसार अहंकारी लोग भी पिशाच के समान होते हैं। ऐसे लोग दूसरों की बातों और विचारों की उपेक्षा करते हैं और केवल खुद की सुनते और मानते हैं। अहंकारी व्यक्ति दूसरों के साथ विनम्रता से पेश नहीं आते हैं। अहंकारी व्यक्ति दूसरों की परवाह नहीं करता। ऐसे लोगों को समाज स्वीकार नहीं करता। उन्हें भी सम्मान नहीं मिलता है।
ALSO READ: Chanakya niti : अपने बच्चों को दे रहे हैं शिक्षा तो चाणक्य की ये बात भी मान लें, वर्ना पछताएं
8. ईर्ष्यालु : ईर्ष्यालु व्यक्ति दूसरों की सफलता से जलते हैं और उन्हें नीचा दिखाने का प्रयास करते हैं। ऐसे लोग नकारात्मक विचार और दूसरों के प्रति द्वेष भावना रखते हैं। ईर्ष्यालु व्यक्ति दूसरों की मदद नहीं करते और उनके साथ सहयोग नहीं करते हैं। ईर्ष्यालु दूसरों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करते हैं। यह कभी भी हिंसक हो सकते हैं। समाज में ऐसे लोगों का भी सम्मान नहीं होता है। 
 
9. आलसी और गैर जिम्मेदार : चाणक्य के अनुसार आलसी और गैर जिम्मेदार व्यक्ति भी पिशाच के समान होते हैं। आलसी व्यक्ति अपने कार्यों में लापरवाही बरतते हैं और उन्हें समय पर पूरा नहीं करते हैं। ऐसे लोग अपनी जिम्मेदारियों को नहीं निभाते और उन्हें नजरअंदाज करते हैं।
 
10. नशेड़ी : चाणक्य के अनुसार किसी भी प्रकार का नशा करने वाला व्यक्ति भी पिशाच के समान है क्योकि वह गैर जिम्मेदार, आलसी और हिंसक हो सकता है। समाज में ऐसे लोगों का सम्मान नहीं होता है।
ALSO READ: Chanakya niti: चाणक्य के अनुसार इन 5 गुणों वाले लोग जल्दी बन जाते हैं धनवान
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

इन 3 राशियों पर रहती है माता लक्ष्मी की अपार कृपा, धन की नहीं रहती है कमी

देवशयनी एकादशी, कौनसे मंत्र से सुलाते हैं श्रीहरि विष्णु जी को?

शिवलिंग पर चढ़ाया प्रसाद क्यों नहीं खाना चाहिए? जानें महत्व और विधान

भगवान जगन्नाथ को पहले क्या कहते थे और किस आदिवासी जाति के वे देवता हैं?

जगन्नाथ रथ यात्रा देखने जा रहे हैं तो आस-पास इन जगहों पर भी जा सकते हैं घूमने

सभी देखें

धर्म संसार

06 जुलाई 2024 : आपका जन्मदिन

06 जुलाई 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

वास्तु में क्या महत्व है पंचसूलक का, होगा जीवन में मंगल ही मंगल

अमरनाथ यात्रा पर जा रहे हैं तो रखें 15 सावधानियां

शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से हैं परेशान तो इन 8 अचूक उपाय से पाएंगे आराम

अगला लेख
More