जिंदगी की दिशा बदल देंगे सत्य साईं बाबा के 20 अमूल्य विचार

Webdunia
सत्य साईं बाबा सभी धर्म के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत थे। उनका मानना था कि हर व्यक्ति का कर्तव्य यह सुनिश्चित कराना है कि सभी लोगों को आजीविका के लिए मूल रूप से जरूरी चीजों तक पहुंच मिले। उनके विचार बहुत प्रभावशाली हैं।
 
यहां आपके लिए प्रस्तुत हैं सत्य साईं बाबा के 20 अमूल्य विचार-
 
 
* यदि तुम प्रभु में सर्वदा पूर्ण विश्वास बना कर रखोगे, तो तुम्हें उसकी अनुकंपा अवश्य ही प्राप्त होगी। अनुकंपा कर्म का दुःख दूर करती है। प्रभु मनुष्य को कर्म से पूर्ण रूप में बचा सकते हैं।
 
* कर्तव्य ही भगवान है तथा कर्म ही पूजा है। तिनके सा कर्म भी भगवान के चरणों में डाला फूल है।
 
* सभी से प्रेम करो। सभी की सेवा करो।
 
* सहायता सर्वदा करो। दुःख कभी मत दो।
 
* देना सीखो, लेना नहीं। सेवा करना सीखो, राज्य नहीं।
 
* दिन का आरंभ प्रेम से करो। प्रेम से दिन व्यतीत करो। प्रेम से ही दिन को भर दो। प्रेम से दिन का समापन करो। यही प्रभु की ओर का मार्ग है।
 
* ये तीन बातें सर्वदा स्मरण रखो- संसार पर भरोसा ना करो। प्रभु को ना भूलो। मृत्यु से ना डरो।
 
* तुम मेरी ओर एक पग लो, मैं तुम्हारी ओर सौ पग लूंगा।
 
* सभी कर्म विचारों से उत्पन्न होते हैं। तो विचार वो हैं जिनका मूल्य है।
 
* प्रभु के साथ जीना शिक्षा है, प्रभु के लिए जीना सेवा है। प्रभुमय जीना ही बोध है।
 
* अहंकार लेने और भूलने में जीता है। प्रेम देने तथा क्षमा करने में जीता है।
 
* प्रेम रहित कर्तव्य निंदनीय है। प्रेम सहित कर्तव्य वांछनीय है। कर्तव्य रहित प्रेम दिव्य है।
 
 
* शिक्षा हृदय को मृदु बनाती है। यदि हृदय कठोर है, शिक्षित होने का अधिकार नहीं मांगा जा सकता।
 
* विचार के रूप में प्रेम सत्य है। भावना के रूप में प्रेम अहिंसा है। कर्म के रूप में प्रेम उचित आचरण है। समझ के रूप में प्रेम शांति है।
 
* शिक्षा का मंतव्य धनार्जन नहीं हो सकता। अच्छे मूल्यों का विकास ही शिक्षा का एकमात्र मंतव्य हो सकता है।
 
* समय से पहले आरंभ करो। धीरे चलो। सुरक्षित पहुंचों।

 
* उतावलापन व्यर्थता देता है। व्यर्थता चिंता देती है। इसलिए उतावलेपन में मत रहो।
 
* तुम एक नहीं तीन प्राणी हो- एक जो तुम सोचते हो तुम हो, दूसरा जो दूसरे सोचते हैं तुम हो, तीसरा जो तुम यथार्थ में हो।
 
* धन आता और जाता है। नैतिकता आती है तथा बढ़ती है।
 
* यदि धन की हानि हो तो कोई हानि नहीं हुई। यदि स्वास्थ्य की हानि हो तो कुछ हानि हुई। यदि चरित्र की हानि हुई तो समझो सब कुछ ही क्षीण हो गया।
 
 
संकलन : आरके. 

ALSO READ: 24 अप्रैल : आध्यात्मिक गुरु सत्य साईं बाबा की पुण्यतिथि

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Vasumati Yog: कुंडली में है यदि वसुमति योग तो धनवान बनने से कोई नहीं रोक सकता

Parshuram jayanti 2024 : भगवान परशुराम जयंती पर कैसे करें उनकी पूजा?

मांगलिक लड़की या लड़के का विवाह गैर मांगलिक से कैसे करें?

Parshuram jayanti 2024 : भगवान परशुराम का श्रीकृष्ण से क्या है कनेक्शन?

Akshaya-tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन क्या करते हैं?

Aaj Ka Rashifal: पारिवारिक सहयोग और सुख-शांति भरा रहेगा 08 मई का दिन, पढ़ें 12 राशियां

vaishkh amavasya 2024: वैशाख अमावस्या पर कर लें मात्र 3 उपाय, मां लक्ष्मी हो जाएंगी प्रसन्न

08 मई 2024 : आपका जन्मदिन

08 मई 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

Akshaya tritiya : अक्षय तृतीया का है खास महत्व, जानें 6 महत्वपूर्ण बातें

अगला लेख