हाल ही में नासा के शक्तिशाली टेलीस्कोप जेम्स वेब ने धरती से 2500 प्रकाश वर्ष दूर स्थित साउदर्न रिंग प्लैनेटरी कैरीना नेबुला की तस्वीरें जारी की थी। जिसमें पहाड़ और घाटियों जैसे नजारे दिखाई दिए हैं। इससे पहले हबल टेलिस्कोप ने एक तस्वीर जारी कि थी जिसमें लोगों को जटाधारी शिव नज़र आए। यह तस्वीर फिर से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
दरअसल, 2010 में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के हबल टेलिस्कोप में ने धरती से करीब 7500 प्रकाशवर्ष दूर एक गैसों का एक गुबार देखा था, जो कैरिना नेबुला नवजात तारों के बनने से निकले गैसों की वजह से बना था। लेकिन इसमें लोगों को जटाधारी शिव की तस्वीर दिखाई दी। हाल ही में यह तस्वीर फिर से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। नासा के हबल टेलिस्कोप से ली गई तस्वीरों में कई लोग यह दावा करते हैं कि उन्हें नृत्य करते हुए भगवान शिव दिखाई दिए हैं।
इसके बाद नासा के न्यूकलियर स्पेक्ट्रोस्कोपिक टेलिस्कोप ऐरे (NuSTAR) ने 2014 में एक बार फिर नेबुला की तस्वीर ली थी। इसका नाम 'हैंड ऑफ गॉड' रखा गया था। भगवान के हाथ की तरह दिखाई देने वाली नेबुला पृथ्वी से 17 हजार प्रकाशवर्ष दूर है। साइंस की भाषा में इसे पल्सर विंड नेबुला कहते हैं। लेकिन लोगों ने इसे भगवान शिव का हाथ माना था।
इसी तरह 2017 में हबल टेलिस्कोप को अंतरिक्ष में अलग-अलग आकार के बादलों को समूह भी दिखाई दिए थे, लोगों ने इसमें त्रिशूल की तस्वीर ढूंढ ली थी। तब भी यह फोटो शिव के त्रिशूल के नाम से खूब वायरल हुई थी।
उल्लेखनीय है कि स्विट्जरलैंड में मौजूद दुनिया की सबसे बड़ी प्रयोगशाला के बाहर भगवान शिव की मूर्ति लगी है। दुनिया की सबसे बड़ी प्रयोगशाला सर्न (CERN) के बाहर नटराज की मूर्ति लगी है। यह भी कहा जाता है कि नासा ने एक स्टडी में बताया था कि पृथ्वी पर पहला डीएनए एक आसमानी शिवलिंग से आया था।