14 सितंबर को राधा अष्टमी व्रत, जानिए राधा रानी के बारे में

Webdunia
इस वर्ष मंगलवार, 14 सितंबर 2021 को श्री राधा अष्टमी पर्व मनाया जाएगा। यह त्योहार प्रतिवर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवती शक्ति और भगवान श्री कृष्ण की बाल सहचरी राधा जी का जन्म हुआ था।
 
राधा रानी के पिता वृषभानु और माता का नाम कीर्ति था। राधा जी ने अधिकतर समय वृंदावन में ही बिताया था। राधा-कृष्ण के मिलन को लेकर कई स्थानों पर अलग-अलग वर्णन है। कहा जाता है कि पहली बार राधा जी ने कृष्‍ण जी को तब देखा था, जब मां यशोदा ने उन्हें ओखले से बांध दिया था। कहीं-कहीं यह वर्णन भी मिलता हैं कि वे पहली बार अपने पिता वृषभानु के साथ गोकुल आई थी, तब उन्होंने कृष्ण जी को पहली बार देखा था। कुछ विद्वानों लिखते हैं कि दोनों की पहली बार मुलाकात संकेत तीर्थ पर हुई थी और वहीं दोनों प्रेम बंधन में बंध गए थे। 
 
ब्रह्मवैवर्त पुराण में बताया जाता है कि एक बार राधा रानी गोलोक में कहीं दिखाई नहीं दे रही थीं तब भगवान श्री कृष्ण दूसरी सखी के साथ विहार करने लगे। इस बात से राधा रानी क्रोधित हो गईं। यह देखकर कृष्ण के मित्र श्रीदामा ने राधा जी को श्राप दिया कि आपको पृथ्वी लोक में जन्म लेकर श्री कृष्ण का विरह सहन करना होगा। और फिर इसी श्राप के फलस्वरूप राधा जी ने पृथ्वी पर वृषभानु के परिवार में जन्म लिया। यह भी माना जाता है कि राधा रानी ने कीर्ति जी के गर्भ से जन्म नहीं लिया था‌। वो वृषभानु जी को तपस्थली पर मिली थीं। ऐसा माना जाता है कि राधा जी वृंदावन की अधीश्वरी हैं। राधा जी को भगवान श्री कृष्ण की जीवन ऊर्जा भी माना जाता है। राधा और कृष्ण एक साथ मौजूद हैं इसलिए उन्हें ‘राधाकृष्ण’ भी कहा जाता है। 
 

भाद्रपद शुक्ल अष्टमी का दिन राधा अष्टमी और राधा जयंती के रूप में मनाया जाता है। राधा जी के जन्मस्थान बरसाना में यह दिन बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह भगवान श्री कृष्ण और राधा के बीच प्रेम के निस्वार्थ बंधन को समर्पित दिन है। राधा के बिना श्री कृष्ण का व्यक्तित्व अपूर्ण माना जाता है। यदि श्रीकृष्ण के साथ से राधा जी को हटा दिया जाए तो श्रीकृष्ण का व्यक्तित्व माधुर्यहीन हो जाता। ऐसा माना जाता हैं कि राधा के ही कारण श्रीकृष्ण रासेश्वर हैं। 

ALSO READ: श्रीकृष्‍ण के रिश्तों की 20 रोचक बातें, जानकर हैरान रह जाएंगे


सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

केतु मचाएगा देश और दुनिया में तबाही, 18 माह संभलकर रहना होगा

बाबा वेंगा की साइलेंट किलर वाली भविष्यवाणी हुई सच! जानिए कैसा रहेगा वर्ष 2025

शनि मंगल का षडाष्टक योग और खप्पर योग कब तक रहेगा, 4 राशियों को रहना होगा सतर्क

राहु के कुंभ राशि में गोचर से देश और दुनिया में होंगे ये 5 बड़े बदलाव

2025 में कब मनाई जाएगी अपरा एकादशी, जानें पूजन के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

सभी देखें

धर्म संसार

वट सावित्री पूजा का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

नौतपा के 9 दिनों का महत्व और 9 रोचक तथ्य

प्रेमानंद महाराज ने गृहस्थ जीवन से पहले जीवनसाथी से कौन से सवाल पूछने की दी सलाह

ज्येष्ठ मास का दूसरा बड़ा मंगल आज, जानें हनुमान जी को चोला चढ़ाने के 5 बेहतरीन फायदे

राहु का कुंभ में गोचर, इन लक्षणों से जानिए कि क्या हो रहा है दुष्प्रभाव, बचने के उपाय

अगला लेख