शिव पुराण, विष्णु पुराण में क्या है अंतर, अनमोल है यह जानकारी

Webdunia
रविवार, 3 जुलाई 2022 (10:07 IST)
Difference between Shiva Purana and Vishnu Purana : हिन्दू धर्म के अनुसार दो तरह के ग्रंथ है श्रुति और स्मृति। श्रुति के अंतर्गत वेद आते हैं और स्मृति के अंतर्गत पुराण। पुराणों की संख्या कुल 18 है जिनमें से अधिकतर वेदव्यासजी ने लिखे हैं। उन्हीं में से दो है शिव पुराण और विष्णु पुराण। आओ जानते हैं इन दोनों में क्या है अंतर।
 
 
पुराणों के नाम : अग्नि, भागवत, भविष्य, ब्रह्म, ब्रह्मांड, गरुड़, कूर्म, लिंग, मार्कंडेय, मत्स्य, नारद, पद्म, शिव, स्कंद, ब्रह्मवैवर्त, वामन, वराह, और विष्णु। उक्त अट्ठारह के अट्ठारह ही उप-पुराण हैं। सभी पुराणों का मूल विषय है ईश्वर (ब्रह्म), सृष्टि, आत्मा, देवी-देवता, धर्म-कर्म, कथा और तत्व ज्ञान।
 
1. शिव पुराण में भगवान शिव और उनके अवतारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है जबकि विष्णु पुराण में भगवान विष्णु और उनके अवतारों के के साथ ही उनके भक्तों बारे में जानकारी दी गई है।
 
2. शिव पुराण शैवपंथियों का ग्रंथ है तो विष्णु पुराण वैष्णवपंथियों का ग्रंथ है। 
 
3. शिव पुराण की अपेक्षा विष्णु पुराण छोटा है। 
 
4. विष्णु पुराण की रचना महर्षि वशिष्ठ के पुत्र ऋषि पराशर ने की है जबकि शिव पुराण की रचना महर्षि वेदव्यास के शिष्य रोमाशरण द्वारा लिखा गया है।
 
5. शिव पुराण में ही प्रसिद्ध विद्येश्वर संहिता, रुद्र संहिता, शतरुद्र संहिता, कोटिरुद्र संहिता, उमा संहिता, कैलास संहिता, वायु संहिता (पूर्व भाग) और वायु संहिता (उत्तर भाग) है जबकि विष्णु पुराण में श्रीहरि और श्रीकृष्ण की वंदना है। 
 
6. शिव पुराण को महापुराण भी कहा जाता है जबकि विष्णु पुराण को नहीं।
 
7. विष्णु पुराण में राजवंशों के उल्लेख के साथ ही कलियुग की भविष्यवाणी भी मिलती है जबकि शिव पुराण में सिर्फ शिवजी की महिमा का ही ‍वर्णन है।
 
8. विष्णु पुराण में एकादशी व्रत की महिमा गंगा नदी में स्नान करना, विष्णु की पूजा, तुलसी की पूजा और उसका सेवन करना, गाय की पूजा और उसकी सेवा करना, श्राद्धकर्म करना, वेद अध्यन करना, तीर्थ परिक्रमा करना और माता-पिता की सेवा करना, संध्यावंदन करना यह सभी पुण्य कर्मों का उल्लेख मिलता है। जबकि शिव पुराण की संहिताओं में शिव के रूप, कार्य, अवतार आदि की महिमा के वर्णन के साथ ही ब्रह्म, ब्रह्मांड तत्व का ज्ञान मिलता है। 
 
9. विष्णु पालनहार है, जीवन देने वाले हैं और सृष्टि का संचालन करने वाले हैं जबकि शिव मृत्यु के देवता हैं, संहारक हैं, वैरागी और योगी हैं। इसीलिए दोनों ही पुराण में अलग अलग विषयों को समेटा गया है। 
 
10. शिव पुराण में शिव सबसे महान है जबकि विष्णु पुराण में विष्णुजी सबसे महान और सर्वोच्च देव हैं। दरअसल विष्णु पुराण में विष्णुजी को केंद्र में रखकर सृष्टि उत्पत्ति, पालन और संहार के ज्ञान के साथ ही मनुष्य के धर्म कर्म को समझाया गया है जबकि शिव पुराण में शिव को केंद्र में रखकर इसी बात को अलग तरह और अलग कथाओं के माध्यम से समझाया गया है। 
 
11. शिव पुराण के अनुसार श्रीविष्णु की उत्पत्ति आदिदेव महादेव ने की है जबकि विष्णु पुराण के अनुसार शिवजी की उत्पत्ति विष्णुजी से हुई हैं।
 
12. ऐसा कहते हैं कि शिव पुराण की मूल विचारधारा एकेश्‍वरवाद और द्वैतवाद की है जबकि‍ विष्णु पुराण अद्वैतवाद का समर्थन करता है।

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