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Kalbhairav Ashtami 2025: कालभैरव को क्या चढ़ाएं, जानें भोग और प्रसाद संबंधी 10 चीजें

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WD Feature Desk

, बुधवार, 12 नवंबर 2025 (09:09 IST)
Kalbhairav Puja Prasad: भैरव हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता माने जाते हैं और इन्हें विशेष रूप से शिव के रौद्र रूप के रूप में पूजा जाता है। भैरव का स्वरूप बहुत ही शक्ति और भयावह होता है, और वे भक्तों की रक्षा करते हैं, विशेष रूप से उन भक्तों की जो कठिन समय से गुजर रहे होते हैं। भैरव की पूजा विशेष रूप से रात्रि में की जाती है, और शनिवार या रविवार जैसे खास दिनों में इनकी पूजा का महत्व अधिक बढ़ जाता है।ALSO READ: Kaal Bhairav Jayanti 2025: अष्ट भैरव में से काल भैरव के इस मंत्र से मिलेगा उनका आशीर्वाद
 
भैरव को क्या चढ़ाएं? भगवान कालभैरव की पूजा में कुछ विशिष्ट भोग और प्रसाद चढ़ाए जाते हैं, जो उनके रौद्र रूप के साथ मेल खाते हैं। भैरव को भोग चढ़ाते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि सामग्री शुद्ध और ताजगी से भरी हो। वैसे केवल पवित्र प्रसाद ही चढ़ाने का रिवाज होता है।
 
1. गुड़ की मिठाई और इमरती: काल भैरव जिनकी पूजा मुख्यतः मोक्ष और तंत्र सिद्धि के लिए होती है, उनको अर्पित किए जाने वाले भोग और प्रसाद में गुड़ से बनी मिठाइयां, जैसे गुड़ के लड्डू, इमरती या जलेबी विशेष रूप से पसंद की जाती हैं।
 
2. लाल और काले रंग के फूल: भैरव को लाल और काले रंग के फूलों की अर्पित किये जाते हैं। ये फूल उनकी उग्रता और शक्ति को दर्शाते हैं। खासकर, लाल रंग का कुबेर पुष्प का प्रयोग किया जा सकता है।
 
3. कच्ची शराब (शराब): कुछ स्थानों पर, विशेष रूप से भैरव मंदिरों में, कच्ची शराब यानी देशी शराब चढ़ाने का रिवाज है। यह भैरव की पूजा में एक प्रमुख भोग मानी जाती है। हालांकि, यह आदत विशेष रूप से कुछ स्थानीय परंपराओं के अनुसार होती है, और यह सभी भक्तों के लिए अनिवार्य नहीं है।
 
4. नीला रंग: भैरव को कभी-कभी नीला रंग भी पसंद किया जाता है, इसलिए नीले रंग की चादर, वस्त्र या अन्य सामग्री चढ़ाई जा सकती है।
 
5. चांदी और तांबे के पात्र: भैरव को चांदी और तांबे के पात्रों में भी भोग अर्पित किया जाता है, क्योंकि यह धातुएं उनकी पूजा में शुद्धता और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती हैं। 
 
आइए अब यहां जानते हैं भैरव जी के प्रसाद के बारे में...
 
भैरव की पूजा के पश्चात, जो प्रसाद भक्तों को वितरित किया जाता है, उसमें विशेष रूप से कुछ खास सामग्री शामिल होती हैं:
 
1. पंचामृत: भैरव को अर्पित पंचामृत का प्रसाद बहुत खास होता है। इसमें दूध, दही, घी, शहद और चीनी का मिश्रण होता है। इसे भैरव की पूजा के बाद भक्तों में बांटा जाता है, और यह स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के लिए शुभ माना जाता है।
 
2. शक्कर और तिल: तिल और शक्कर का प्रसाद भी भैरव की पूजा में वितरित किया जाता है, खासकर तिल गुड़ के लड्डू। यह मिठाई भक्तों को प्रसन्न करने और अच्छे भाग्य के लिए बांटी जाती है।
 
3. लड्डू: लड्डू भैरव को बहुत प्रिय होते हैं, खासकर बेसन के लड्डू और सूजी के लड्डू। ये लड्डू स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पूजा के बाद प्रसाद के रूप में बहुत से भक्तों में बांटे जाते हैं।
 
4. काले तिल और चावल: काले तिल और चावल को भी भैरव को अर्पित किया जाता है। तिल को धार्मिक रूप से एक पवित्र और शुभ पदार्थ माना जाता है। इन्हें पूजा में अर्पित करने से संकट दूर होने की उम्मीद होती है।
 
5. फल: भैरव को केला, सेब, नारियल जैसे फल अर्पित किए जाते हैं, जो उनके प्रति श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक होते हैं।
 
अत: पूजा में इन सामग्रियों का उपयोग करके भक्त भैरव से सुरक्षा, समृद्धि और मानसिक शांति की कामना करते हैं।

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: Kaal Bhairav Puja 2025: काल भैरव अष्टमी पर करें इस तरह भगवान की पूजा, सभी संकट होंगे दूर

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