Mandir Mystery : इस मंदिर में स्थापित हैं 1 लाख छिद्रों वाले शिवलिंग

Webdunia
गुरुवार, 10 फ़रवरी 2022 (17:41 IST)
Lakshmaneshwar Mahadev Temple Kharod
नमस्कार! 'वेबदुनिया' के मंदिर मिस्ट्री चैनल में आपका स्वागत है। इस चैनल में हम आपको मंदिरों के अनसुलझे रहस्यों के बारे में बताते रहे हैं। इस बार हम बताते हैं छत्तीसगढ़ राज्य के खरौद शहर में स्थित लक्ष्मणेश्वर मंदिर के रहस्यमय शिवलिंग के बारे। कहते हैं कि इस शिवलिंग में एक लाख छिद्र है। आओ जानते हैं इन छिद्रों का रहस्य। आप भी इसके रहस्य और चमत्कार को जानकार आश्चर्य करेंगे।

 
 
पाताल में चला जाता है इस शिवलिंग पर अर्पित किया जल
 
छत्तसीगढ़ का काशी : यह मंदिर छत्तीसगढ़ के शिवरीनारायण मंदिर से कुछ किलोमीटर दूर पर खरौद नामक शहर में स्थित है। खरौद छत्तीसगढ़ का प्रमुख कला केंद्र है और इस स्थान पर मोक्ष की प्राप्ति भी होती है इसीलिए इसे छत्तीसगढ़ का काशी भी कहा जाता है। मान्यता अनुसार श्रीराम ने खर और दूषण का यहीं पर वध किया था। इसीलिए इस जगह का नाम खरौद है। कहा जाता हैं कि यहां पूजा करने से ब्रह्महत्या के दोष का भी निवारण हो जाता है।
 
 
क्या है शिवलिंग की पौराणिक कथा : कहते हैं कि रावण का वध करने के बाद लक्ष्मणजी ने भगवान राम से ही इस मंदिर की स्थापना करवाई थी। यह भी कहते हैं कि लक्ष्मणेश्वर महादेव मंदिर के गर्भगृह में मौजूद शिवलिंग की स्थापना स्वयं लक्ष्मण ने की थी। कथा के अनुसार शिवजी को जल अर्पित करने के लिए लक्ष्मण जी पवित्र स्थानों से जल लेने गए थे, एक बार जब वे आ रहे थे तब उनका स्वास्थ्य खराब हो गया। कहते हैं कि शिवजी ने बीमार होने पर लक्ष्मण जी को सपने में दर्शन दिए और इस शिवलिंग की पूजा करने को कहा। पूजा करने से लक्ष्मणजी स्वस्थ हो गए। तभी से इसका नाम लक्ष्मणेश्वर है। मंदिर के प्राचीन शिलालेख अनुसार आठवीं शताब्दी राजा खड्गदेव ने इस मंदिर के निर्माण में योगदान दिया था। यह भी उल्लेख है कि मंदिर का निर्माण पाण्डु वंश के संस्थापक इंद्रबल के पुत्र ईसानदेव ने करवाया था। 
 
कहते हैं इसे लक्षलिंग : यह मंदिर अपने आप में बेहद अद्भुत और आश्चर्यों से भरा है। कहते हैं कि इस शिवलिंग में एक लाख छिद्र है इसीलिए इसे लक्षलिंग या लखेश्वर कहा जाता है। इन एक लाख छेदों में से एक छेद ऐसा है जो पाताल से जुड़ा है। इसमें जितना भी जल डाला जाता है वह सब पाताल में समा जाता है जबकि एक छेद ऐसा भी है जो हमेशा जल से भरा रहता है जिसे अक्षय कुण्ड कहा जाता है। लक्षलिंग जमीन से करीब 30 फीट ऊपर है और इसे स्वयंभू भी कहा जाता है।
 
 
आपको कैसी लगी हमारी यह जानकारी? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं और इसी तरह की रहस्यमयी बातों को जानने के लिए हमारे चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें और बेल आयकॉन के बटन को दबाना न भूलें ताकि आपको नोटिफिकेशन मिल सके।
 
-धन्यवाद।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पर्स में रखें ये 5 चीजें, कभी नहीं होगी धन की कमी बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा

चैत्र नवरात्रि पर IRCTC का वैष्‍णोदेवी स्पेशल टूर पैकेज, जानिए कम खर्च में कैसे जा सकते हैं माता रानी के दरबार में

चैत्र नवरात्रि 2025 की अष्टमी तिथि कब रहेगी, क्या रहेगा पूजा का शुभ मुहूर्त?

बुध ग्रह मीन राशि में अस्त, 3 राशियां रहेंगी मस्त

बुध हुए मीन राशि पर अस्त, जानें 5 राशियों पर क्या होगा असर

सभी देखें

धर्म संसार

नवसंवत्सर 2082 में होंगे 4 ग्रहण, जानिए कौन सा ग्रहण कब होगा!

शनि राहु का मिलन, संसार के लिए खतरे की घंटी (SATURN Transit 2025) 12 राशिफल, उपाय

चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से, कैसे करें देवी आराधना, जानें घट स्थापना के मुहूर्त

नवसंवत्सर 2082 के आगमन से क्या बदलेगा आपका भाग्य...!

गुड़ी पड़वा से शुरू हो रही है 8 दिन की चैत्र नवरात्रि, हाथी पर सवार होकर आएंगी माता रानी, जानिए फल

अगला लेख