देव उठनी एकादशी पर सुनी जाती है सत्यभामा की यह कथा

Webdunia
भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी सत्यभामा को अपने रूप पर बड़ा गर्व था। वे सोचती थीं कि रूपवती होने के कारण ही श्रीकृष्ण उनसे अधिक स्नेह रखते हैं। एक दिन जब नारदजी उधर गए तो सत्यभामा ने कहा कि आप मुझे आशीर्वाद दीजिए कि अगले जन्म में भी भगवान श्रीकृष्ण ही मुझे पति रूप में प्राप्त हों। 
 
नारदजी बोले, 'नियम यह है कि यदि कोई व्यक्ति अपनी प्रिय वस्तु इस जन्म में दान करे तो वह उसे अगले जन्म में प्राप्त होगी। अतः आप भी श्रीकृष्ण को दान रूप में मुझे दे दो तो वे अगले जन्मों में जरूर मिलेंगे।' 
 
सत्यभामा ने श्रीकृष्ण को नारदजी को दान रूप में दे दिया। जब नारदजी उन्हें ले जाने लगे तो अन्य रानियों ने उन्हें रोक लिया। 
 
इस पर नारदजी बोले, 'यदि श्रीकृष्ण के बराबर सोना व रत्न दे दो तो हम इन्हें छोड़ देंगे।'
 
तब तराजू के एक पलड़े में श्रीकृष्ण बैठे तथा दूसरे पलड़े में सभी रानियां अपने−अपने आभूषण चढ़ाने लगीं, पर पलड़ा टस से मस नहीं हुआ। यह देख सत्यभामा ने कहा, यदि मैंने इन्हें दान किया है तो उबार भी लूंगी। यह कह कर उन्होंने अपने सारे आभूषण चढ़ा दिए, पर पलड़ा नहीं हिला। वे बड़ी लज्जित हुईं। 
 
सारा समाचार जब रुक्मिणी जी ने सुना तो वे तुलसी पूजन करके उसकी पत्ती ले आईं। उस पत्ती को पलड़े पर रखते ही तुला का वजन बराबर हो गया। नारद तुलसी दल लेकर स्वर्ग को चले गए। रुक्मिणी श्रीकृष्ण की पटरानी थीं। तुलसी के वरदान के कारण ही वे अपनी व अन्य रानियों के सौभाग्य की रक्षा कर सकीं। 
 
तब से तुलसी को यह पूज्य पद प्राप्त हो गया कि श्रीकृष्ण उसे सदा अपने मस्तक पर धारण करते हैं। एकादशी को तुलसीजी का विशेष व्रत व पूजन किया जाता है।
 
विशेष : इस साल 2020 में देवोत्थान एकादशी के दिन रवि योग के साथ सिद्धि योग भी बन रहा है, जो इस दिन की महत्ता को दर्शाता है।

यह अत्यंत शुभ योग होता है और शुभ कार्यों की सिद्धि प्रदान करता है।

यह योग शुभ कार्यों के लिए उत्तम मुहूर्त होता है।

देवउठनी एकादशी का आरंभ सर्वार्थसिद्धि योग से हो रहा है, रवि योग और सिद्धि योग भी इसी दिन बन रहा है, यह बेहद दुर्लभ संयोग है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Tula Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: तुला राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

Job and business Horoscope 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों के लिए करियर और पेशा का वार्षिक राशिफल

मार्गशीर्ष माह की अमावस्या का महत्व, इस दिन क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए?

क्या आप नहीं कर पाते अपने गुस्से पर काबू, ये रत्न धारण करने से मिलेगा चिंता और तनाव से छुटकारा

Solar eclipse 2025:वर्ष 2025 में कब लगेगा सूर्य ग्रहण, जानिए कहां नजर आएगा और कहां नहीं

सभी देखें

धर्म संसार

26 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

2025 predictions: बाबा वेंगा की 3 डराने वाली भविष्यवाणी हो रही है वायरल

26 नवंबर 2024, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

परीक्षा में सफलता के लिए स्टडी का चयन करते समय इन टिप्स का रखें ध्यान

Education horoscope 2025: वर्ष 2025 में कैसी रहेगी छात्रों की पढ़ाई, जानिए 12 राशियों का वार्षिक राशिफल

अगला लेख