प्रेम गीत : मचलती तमन्नाओं ने

Webdunia
डॉ. रूपेश जैन 'राहत'
 
मचलती तमन्नाओं ने आजमाया भी होगा
बदलती रुत में ये अक्स शरमाया भी होगा
 
पलट के मिलेंगे अब भी रूठ जाने के बाद
लड़ते रहे पर प्यार कहीं छुपाया भी होगा
 
अंजाम-ए-वफ़ा हसीं हो यही दुआ मांगी थी
इन जज्बातों ने एहसास जगाया भी होगा
 
सोचना बेकार जाता रहा बेवजह के शोर में
तुम आए हो तो किसी ने बुलाया भी होगा
 
किस तरह अब आकर तुम से मिल जाऊं
तुझे हाल-ए-दिल किसी ने बताया भी होगा
 
छुप-छुप के सबसे, पढ़ता है कोई बार-बार
किताब में बारहा मेरा नाम आया भी होगा
 
ये उलझी हुई कहानी यूं बोल न पड़े 'राहत'
उसने मेरी याद का दिया जलाया भी होगा

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

अपनों का दिन बनाएं मंगलमय, भेजें सुन्दर आध्यात्मिक सुप्रभात् संदेश

रात को शहद में भिगोकर रख दें यह एक चीज, सुबह खाने से मिलेंगे सेहत को अनगिनत फायदे

इम्युनिटी बढ़ाने के साथ दिन भर तरोताजा रखेंगे ये गोल्डन आइस क्यूब, जानिए कैसे तैयार करें

कॉर्टिसोल हार्मोन को दुरुस्त करने के लिए डाईट में शामिल करें ये 4 चीजें, स्ट्रेस को कहें बाय-बाय

क्या प्रोटीन सप्लीमेंट्स लेने से जल्दी आता है बुढ़ापा, जानिए सच्चाई

सभी देखें

नवीनतम

जानिए कौन हैं घिबली' आर्ट की शुरुआत करने वाले हयाओ मियाजाकी, कितनी संपत्ति के हैं मालिक

क्या नेपाल भी सैन्य शासन की ओर बढ़ रहा है?

ब्लैकहेड्स हटाने के 7 आसान उपाय, मिनटों में पाएं साफ और चमकदार त्वचा

ईद उल-फ़ित्र पर क्या-क्या बनाएं, जानें ईद उल फितर के पकवानों की सूची

ईद के इस चांद की तरह दमकता रहे आपका हर दिन, रब से बस यही दुआ मांगते हैं ईद के दिन... खास अंदाज में कहें ईद मुबारक

अगला लेख