प्रेम गीत : देखो रात हुई और चांद खिला

राकेशधर द्विवेदी
देखो रात हुई और चांद खिला 
हम दीवाने यूं ही मचलते हैं
 
हाल दिलों का क्या कहें हम
सिर्फ तुमको देखा करते हैं
 
कुछ मद्धम-मद्धम बारिश की बूंदे 
ऊपर से आ गई, टकराई है
 
हमने सोचा कि तुम्हारे आंसू बहे
तुम्हें याद हमारी आई है
 
इन रातों में सौगातों में 
एक हल्का पवन का झोंका चला
 
दिल ने हमसे फिर से कहा 
कि तुमने कोई पैगाम दिया
 
इस पैगाम को नजरों में लेकर
हम यूं ही भटकते रहते है
 
तेरी याद में गीत गुनगुनाते हैं
तेरी याद में गजल सुनाते हैं॥

(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

इस Mothers Day अपनी मां को हाथों से बनाकर दें ये खास 10 गिफ्ट्स

मई महीने के दूसरे रविवार को ही क्यों मनाया जाता है Mothers Day? जानें क्या है इतिहास

वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है ब्राउन राइस, जानें 5 बेहतरीन फायदे

इन विटामिन की कमी के कारण होती है पिज़्ज़ा पास्ता खाने की क्रेविंग

गर्मियों में ये 2 तरह के रायते आपको रखेंगे सेहतमंद, जानें विधि

थाइलैंड के मनमौजी और ऐय्याश राजा की कहानी 5 पत्‍नियां, कई रखैल और 13 बच्‍चे

करवट लेने पर भी आते हैं चक्कर तो हो सकते हैं ये 6 कारण

खून की कमी को दूर करने के लिए डाइट में शामिल करें ये जूस

ICMR का प्रोटीन सप्लीमेंट से बचने को लेकर अलर्ट, बताया क्‍या होती है हेल्दी डाइट?

कबूतर से हैं परेशान तो बालकनी में लगाएं ये 4 पौधे, कोई नहीं फटकेगा घर के आसपास

अगला लेख