रोमांस कविता: दिल न लगइयो यार...!

रोमांस
शम्भू नाथ
दिल टूट जाता है,
बड़ी तकलीफ होती है,
जब बंधन छूट जाता है।
 
नजरों में घूमती है,
बीती हुई कहानी।
मुझ पर गुजर रही है,
बताता हूं जो जुबानी।
 
आंखों से अश्क गिर-गिर,
यूं सूख जाता है।
बड़ी तकलीफ होती है,
जब बंधन छूट जाता है।
 
जुल्मी बना जमाना,
करता उसे हूं याद।
दर-दर भटक रहा हूं,
किससे करूं फरियाद।
 
मौसम बना बेढंगा,
जो रूठ जाता है।
बड़ी तकलीफ होती है,
जब बंधन छूट जाता है।
 
ख्वाबों में हमको कब तक,
जगाती रहोगी तुम।
अपना शिकार हरदम,
बनाती रहोगी तुम।
 
रोता हूं छुप-छुपकर,
जब यार दूर जाता है।

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