Festival Posters

कहीं आपका पुत्र आपके पिछले जन्म का शत्रु तो नहीं?

अनिरुद्ध जोशी
कर्म की थ्योरी जानिए :
शास्त्रों के अनुसार हमारे जितने भी सगे-संबंधी हैं, वे सभी किसी न किसी कारण ही हमारे सगे-संबंधी बने हैं। कुछ भी अकारण या संयोग से नहीं होता है। संयोग भी किसी कारणवश ही होता है। कार्य और कारण की इस श्रृंखला को समझना थोड़ा कठिन है। बहुत सी बातें तर्क या तथ्‍य से परे होती हैं। वह इसलिए, क्योंकि हम उसके पीछे के विज्ञान या कारण को जान नहीं पाते हैं।
 
 
हिन्दू शास्त्रों और ज्योतिषानुसार आपका यह जीवन पिछले जन्म पर आधारित है। जरूरी नहीं है कि पूर्ण जीवन ही पिछले जन्म पर आधारित हो। लेकिन पिछले जन्म का हमारा कुछ हिसाब-किताब अगर बाकी रह जाता है, तो वह उसे हमें इस जन्म में पूरा करना होता है। यहां यह स्पष्ट करना होगा कि सनातन धर्म भाग्यवादियों का धर्म नहीं है। धर्मशास्त्र और नीतिशास्त्रों में कहा गया है कि कर्म के बगैर गति नहीं। आपके द्वारा किया गया कर्म ही आपके भविष्य को निर्धारित करता है।
 
 
धर्म शास्त्रों में मुख्‍यत: 6 तरह के कर्मों का उल्लेख मिलता है- 
1. नित्य कर्म (दैनिक कार्य), 2. नैमित्य कर्म (नियमशील कार्य), 3. काम्य कर्म (किसी मकसद से किया हुआ कार्य), 4. निश्काम्य कर्म (बिना किसी स्वार्थ के किया हुआ कार्य), 5. संचित कर्म (प्रारब्ध से सहेजे हुए कर्म) और 6. निषिद्ध कर्म (नहीं करने योग्य कर्म)। उक्त में से संचित कर्म हमारे अगले जन्म में हमारे साथ रहते हैं।
 
 
हिन्दू दर्शन के अनुसार मृत्यु के बाद मात्र यह भौतिक शरीर या देह ही नष्ट होती है, जबकि सूक्ष्म शरीर जन्म-जन्मांतरों तक आत्मा के साथ संयुक्त रहता है। यह सूक्ष्म शरीर ही जन्म-जन्मांतरों के शुभ-अशुभ संस्कारों का वाहक होता है। संस्कार अर्थात हमने जो भी अच्छे और बुरे कर्म किए हैं, वे सभी और हमारी आदतें। ये संस्कार मनुष्य के पूर्व जन्मों से ही नहीं आते, अपितु माता-पिता के संस्कार भी रज और वीर्य के माध्यम से उसमें (सूक्ष्म शरीर में) प्रविष्ट होते हैं जिससे मनुष्य का व्यक्तित्व इन दोनों से ही प्रभावित होता है। बालक के गर्भधारण की परिस्थितियां भी इन पर प्रभाव डालती हैं। ये कर्म 'संस्कार' ही प्रत्येक जन्म में संगृहीत (एकत्र) होते चले जाते हैं जिससे कर्मों (अच्छे-बुरे दोनों) का एक विशाल भंडार बनता जाता है। इसे 'संचित कर्म' कहते हैं।

 
शत्रु पुत्र :
अब जानिए कि कैसे आपका पुत्र आपके पिछले जन्म का शत्रु हो सकता है? शास्‍त्रों में 4 तरह के पुत्र बताए गए हैं- ऋणानुबंध पुत्र, शत्रु पुत्र, उदासीन पुत्र और सेवक पुत्र। इस बार जानिए शत्रु पुत्र के संबंध में।
 
 
प्रचलित मान्यता के अनुसार यदि आपने पूर्व जन्म में किसी को किसी भी प्रकार का दारुण दु:ख पहुंचाया है और वह व्यक्ति आपसे किसी भी तरह से बदला लेना चाहता है। लेकिन वह बदला नहीं ले पा रहा है और इसी तड़प में मर जाता है तो निश्चित ही वह व्यक्ति इस जन्म में आपका पुत्र बनकर लौटेगा और फिर वह अपना बदला पूरा करने में कामयाब होगा।
 
इसका यह मतलब कि यदि आपका पुत्र आपको मृत्युतुल्य कष्ट दे रहा है, तो समझना कि वह आपके पिछले जन्म का शत्रु हो सकता है या वह व्यक्ति जिसको आपने कभी मृत्युतुल्य कष्ट दिया था। ऐसी संतान आपके जीवन को हर तरह के कष्ट से भर देगी। आपका जीवन नर्क से भी बदतर होगा। ऐसी संतान आपको मारती है, सताती है, कड़वा बोलती है या आपकी धन और संपत्ति को पूर्णत: बर्बाद कर आपको भीख मांगने पर मजबूर कर देती है।
 
 
इसके ठीक विपरीत भी हो सकता है। यह भी हो सकता है कि कोई पिता अपने पुत्र का शत्रु हो जाए और वह अपने पुत्र को मृत्युतुल्य कष्ट दे या उसका जीवन नष्ट कर दे। उससे उसका बचपना छीन ले, जवानी में भी सुख से जीने नहीं दे और अंतत: वह आत्महत्या कर ले या वह बुढ़ापे में मृत्युतुल्य कष्ट झेलते हुए मर जाए।
 
ज्योतिषानुसार :
ज्योतिष शास्त्र में संतान सुख के विषय पर बड़ी गहनता से विचार किया गया है। भाग्य में संतान सुख है या नहीं, संतान सुख कब मिलेगा, पुत्र होगा या पुत्री, दोनों का सुख प्राप्त होगा या नहीं, संतान होगी तो वह कैसी निकलेगी, शत्रु या मित्र? संतान सुख प्राप्ति में क्या बाधाएं हैं और उनका क्या उपचार है? इन सभी प्रश्नों का उत्तर पति और पत्नी की जन्म कुंडली के विस्तृत व गहन विश्लेषण से प्राप्त हो सकता है। जन्म लग्न और चन्द्र लग्न में जो बली हो, उससे 5वें भाव से संतान सुख का विचार किया जाता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

जनवरी माह 2026 में कैसा रहेगा 12 राशियों का राशिफल

नए साल 2026 के संकल्प: क्यों 90% लोग फेल हो जाते हैं और आप कैसे सफल हो सकते हैं?

न्यू ईयर राशिफल 2026: किस राशि के लिए शुभ और किसके लिए है अशुभ?

जनवरी 2026 में 4 राशियों को होगा बड़ा फायदा

2026 में ऑनलाइन ज्योतिष (Astrology) परामर्श के लिए 10 भरोसेमंद ज्योतिष वेबसाइट्‍स

सभी देखें

धर्म संसार

New Year Horoscope 2026: साल 2026 में चमकने वाली हैं इन 5 राशियों की किस्मत, जानें ग्रहों के गोचर का पूरा हाल

01 January Birthday: आपको 1 जनवरी, 2026 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 01 जनवरी 2026: गुरुवार का पंचांग और शुभ समय

नववर्ष 2026 में मंदिर न जा पाएं तो करें यहां दर्शन

January 2026 Vrat Dates: जनवरी माह 2026 के प्रमुख व्रत एवं त्योहारों की लिस्ट

अगला लेख