क्या इस मंदिर के दरवाजे खुद-ब-खुद खुलते और बंद होते हैं? जानिए 5 रहस्य

अनिरुद्ध जोशी
गुरुवार, 5 दिसंबर 2019 (11:57 IST)
भारत में कई चमत्कारिक और ररहस्यमी मंदिर है। उन्हीं में से एक ऐसा मंदिर है जिसके दरवाजे रात अपने आप ही बंद हो जाते हैं और सुबह होते ही खुल जाते हैं। इस मंदिर के संबंध में इसके अलावा और भी चमत्कार जुड़े हुए हैं। हालांकि यह कितना सच है यह कहना मुश्‍किल है क्योंकि यह शोध का विषय है।
 
 
लोग मानते हैं कि वृन्दावन में श्रीकृष्ण का एक ऐसा मंदिर है जो अपने आप ही खुलता और बंद हो जाता है। यह भी माना जाता है कि इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण रोज रात को खुद शयन करने आते हैं। उनके सोने के लिए मंदिर के पुजारी रोज पलंग लगाते हैं और जिस पर साफ-सुधरी गादी एवं बिस्तर के ऊपर चादर बिछाते हैं।
 
 
लेकिन कहते हैं कि जब मंदिर खुलता है तो उस बिस्तर की हालत देखकर सभी अचंभित हो जाते हैं, क्योंकि उसे देखकर लगता है कि यहां कोई सोया था। सबसे आश्‍चर्य की बात यह भी कि यहां प्रतिदिन माखन मिश्री का प्रसाद चढ़ाया जाता है और जो बच जाता है उसे मंदिर में ही रख दिया जाता है, लेकिन सुबह तक वह प्रसाद भी समाप्त हो जाता है। आखिर कौन खा जाता होगा वह प्रसाद?
 
 
लोगों की मान्यता है कि इस मंदिर के दरवाजे रात में अपने आप बंद हो जाते हैं इसलिए मंदिर के पुजारी अंधेरा होने से पहले प्रसाद और पलंग का इंजजाम करके रखते हैं और रात की अंतिम आरती के बाद चले जाते हैं। रात में यहां कोई भी नहीं रुकता है। स्थानीय लोगों के अनुसार ऐसा बरसों से होता आ रहा है। कुछ लोग इसे अंधविश्‍वास मानते हैं और कुछ लोग इसे श्रीकृष्‍ण का चमत्कार। हालांकि सच क्या है यह तो शोध का विषय ही है।
 
 
हालांकि सच ये हैं कि निधिवन में श्रीकृष्ण राधा का एक ऐसा मंदिर है जहां राधा और कृष्ण के शयन करने की मान्यता है। मान्यता अनुसार इस मंदिर को तानसेन के गुरु संत हरिदास ने अपने भजन से राधा−कृष्ण के युग्म रूप को साक्षात प्रकट किया था। यहां कृष्ण और राधा विहार करने आते थे। यहीं पर स्वामीजी की समाधि भी बनी है। जानिए इस मंदिर के बारे में 5 रहस्य।
 
 
1.जनश्रुति है कि प्रतिदिन मंदिर के अंदर स्थित रंगमहल में कृष्ण−राधा का पलंग लगा दिया जाता है और पूरा रंगमहल सजा दिया जाता है तथा राधाजी का श्रृंगार सामान रख कर मंदिर के दरवाजे बन्द कर दिए जाते हैं। जब प्रातः दरवाजे खुलते हैं तो सारा सामान अस्त−व्यस्त मिलता है। मान्यता है कि रात्रि में राधा−कृष्ण आकर इस सामान का उपयोग करते हैं।
 
 
2.हालांकि शाम के बाद यह मंदिर बंद हो जाता है और यह भी कहा जाता है कि अगर यहां कोई छुपकर रासलीला देखता है तो वह अगले दिन पागल हो जाता है।
 
 
3.कहते हैं कि यहां तुलसी के दो पौधे एक साथ लगे हैं। रात के समय जब राधा और कृष्ण रास रचाते हैं तो यही तुलसी के पौधे गोपियां बनकर उनके साथ नाचते हैं। इन तुलसी का एक भी पत्ता यहां से कोई नहीं ले जाता है। जिसने भी गुपचुप यह कार्य किया वह भारी आपदा का शिकार हो जाता है।
 
 
4.इस मंदिर के परिसर में उगने वाले पेड़ भी अजीब है। यहां के पेड़ की शखाएं नीचे की ओर बढ़ती है।
 
 
5.यहां के आसपास के अधिकतर घरों में खिड़कियां नहीं हैं और जिनके घरों में हैं वे शाम की आरती के बाद खिड़कियां इस डर से बंद कर देते हैं कि कोई मंदिर की दिशा में देखे नहीं, अन्यथा वह अंधा हो जाएगा।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Dussehra 2025: दशहरा पर शस्त्र पूजा का क्या है शुभ मुहूर्त, कैसे करते हैं पूजन?

Dussehra ke upay: यह रुपए 100 की चीज दशहरे पर घर लाएं, खुलेंगे किस्मत के ताले

Papankusha Ekadashi 2025: पापाकुंशा एकादशी कब है, जानें पूजन के शुभ मुहूर्त, विधि, महत्व और लाभ

विजयादशमी दशहरे पर कौनसे 10 महत्वपूर्ण कार्य करना बहुत जरूरी

Dussehra 2025: दशहरा पर रावण दहन का सही समय क्या है, जानें महत्व और मुहूर्त

सभी देखें

धर्म संसार

Vijayadashami 2025: दशहरे पर खरीदें ये 5 शुभ वस्तुएं: घर आएगी सुख समृद्धि

चंडी होम व कन्या पूजन से सम्पन्न हुआ इस वर्ष का आर्ट ऑफ लिविंग का नवरात्रि उत्सव

भीतर के अंधकार को मिटाने का पर्व है - विजयादशमी

Vijayadashami 2025: विजयादशमी पर करें मन रूपी रावण का दहन

Shardiya navratri 2025: शारदीय नवरात्रि पर नवमी की देवी सिद्धिदात्री की कथा, मंत्र और पूजा विधि

अगला लेख