अब तक कोई नहीं कर पाया 'रस्सी का भारतीय जादू'

अनिरुद्ध जोशी
रविवार, 5 फ़रवरी 2017 (00:02 IST)
भारत में मदारियों का सड़क पर खेल दिखाकर अपना गुजर बसर करने का काम अब ग्रामिण क्षेत्रों में ही सिमट कर रह गया है। वैसे भी अब मदारी कम ही बचे हैं। बचपन में स्कूल से लौटते वक्त या दोपहर की शिफ्ट हो तो जाते वक्त अक्सर बाजार के आसपास किसी न किसी तरह की जादू की, नट, बॉयोस्कोप की या अन्य तरह की गतिविधियों को देखने का मौका मिल जाया करता था। अक्सर लोगों ने बचपन में मदारी के सांप, भालू और बंदर के करतब देखें होंगे, लेकिन कितने हैं जिन्होंने रस्सी का वह जादू देखा होगा, जिसमें रस्सी खुद ब खुद उठकर आसमान में चली जाती है?
आज पश्‍चिमी देशों में तरह-तरह की जादू-विद्या लोकप्रिय है और समाज में हर वर्ग के लोग इसका अभ्यास करते हैं। एक समय था, जब भारत में जादूगरों और सपेंरों की भरमार थी। इस देश में एक से एक जादूगर, सम्मोहनविद, इंद्रजाल, नट, सपेरे और करतब दिखाने वाले होते थे। बंगाल का काला जादू तो विश्वप्रसिद्ध था। हालांकि अब सबकुछ लुप्त हो गया। अंग्रेजों भारतीय लोगों और मदारियों से जादू सीखा और उसको मोडिफाइ करने विश्व के सामने प्रस्तुत किया और वे विश्व प्रसिद्ध बन गए लेकिन बेचारे हमारे मदारी तो मदारी ही बने रहे। खैर.. 
 
पश्चिम की कल्पना में भारत सदा से बेहिसाब संपत्ति और अलौकिक घटनाओं का एक अविश्वसनीय देश रहा है, जहां बुद्धिमान, जादूगर, सिद्ध आदि व्यक्तियों की संख्या सामान्य से कुछ अधिक थी। विदेशी भ्रमणकर्ताओं और व्यापारियों ने भारत से कई तरह का जादू सीखा और उसे अपने देश में ले जाकर विकसित किया। बाद में इसी तरह के जादू का इस्तेमाल धर्म प्रचार के लिए किया गया। आजकल भारत जादू के मामले में पिछड़ गया है। एक समय था, जब सोवियत संघ और रोम में जादूगरों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और हजारों जादूगरों का कत्ल कर दिया गया था, लेकिन आजकल अमेरिका और योरप के कई देशों में आज भी जादूगरों की धूम है।
 
रस्सी का जादू : भारत में सड़क या चौराहे पर जादूगर एक जादू दिखाते थे जिसे रस्सी का जादू या करतब कहा जाता था। बीन या पुंगी की धुन पर वह रस्सी सांप के पिटारे से निकलकर आसमान में चली जाती थी और कहते हैं कि जादूगर उस हवा में झूलती रस्सी पर चढ़कर आसमान में कहीं गायब हो जाता था। कुछ देर बाद वह फिर नीचे उतरता था और सभी इस जादू को देखकर हतप्रभ रह जाते थे। खास बात यह थी कि इस जादू में वह जादूगर किसी भी प्रकार का तामझाम नहीं करता था।
 
हालांकि कुछ लोग कहते हैं कि वह खुद आसमान में नहीं जाता था सिर्फ रस्सी ही स्वत: ही उठकर आसमान में चली जाती थी। चमत्कार तो यह था कि यह कोई खेल या हाथ की सफाई नहीं थी। उस जादूगर को आसपास से दर्शकों की भीड़ घेरे रहती थी। जादू दिखाकर वह अपना सामान समेटकर चला जाता था। सवाल उठता है कि यदि यह हाथ की सफाई ये मात्र खेल था जो फिर इसके लिए उसे बड़े स्तर पर तामझाम करने होते। रस्सी को आसमान में ऊपर उठाने के लिए किसी विशालकाय मंच की आवश्यकता होती लेकिन ऐसा कुछ नहीं था।
 
अंग्रजों के काल में किसी ने यह जादू दिखाया था। वह एक मदारी था जो हर जगह यह जादू दिखाता था। उसके बाद से इस जादू के बारे में सुना ही जाता है। अब इसे दिखाने वाला कोई नहीं रहा है। यही कारण है कि इस जादू को दिखाना अब किसी भी जादूगर के बस की बात नहीं रही। यह विद्या लगभग खो-सी गई है। इसके खो जाने के कारण अब यह संदेह किया जाता है कि कहीं ऐसा जादू दिखाया भी जाता था या नहीं?
 
करने वाले अभी भी करते हैं : लोगों का मानना था रस्सी का जादू आज भी लोग करने का दावा करते हैं, लेकिन वो उस तरह नहीं कर पाते हैं जैसे कि प्राचीनकाल में किये जाने का उल्लेख मिलता है। इस जादू में एक रस्सी हवा में सीधी खड़ी की जाती है। ये रस्सी ऊपर ही चलती चली जाती है। एक लड़का इस रस्सी पर चढ़ता है और चलते-चलते गायब हो जाता है। फिर मदारी नीचे से आवाज लगाता है। लड़का नहीं सुनता। गुस्से में मदारी भी रस्सी पर चढ़ता है और गायब हो जाता है। फिर लड़के के शरीर के कटे हुए टुकड़े जमीन पर गिरते हैं। फिर मदारी रस्सी से नीचे उतरता है। कटे टुकड़े एक बास्केट में रखता है। ढक्कन बंद करता है। कुछ देर तक माहौल भयानक और भावुक हो जाता है। डरपोक लोग किसी अनहोनी की आशंका के चलते वहां से चले जाते हैं। लेकिन अंत में उस बास्केट से लड़का जिन्दा निकल आता है।
 
कहा जाता है कि इस जादू की ट्रिक राजा भोज की कहानियों से प्रेरित है। राजा भोज ने आसमान में एक धागा फेंका था और उस पर चढ़ के वह स्वर्ग चले गए थे। इब्न-बतूता ने अपनी किताब में भारत में इस तरह के जादू के होने का जिक्र किया है। जहांगीर की आत्मकथा में भी इसके बारे में उल्लेख मिलता है। इस आत्मकथा का अनुवाद 1829 में हुआ था। इसके बाद ब्रिटिश लोग अस जादू की ओर आकर्षित हुए और 1934 में लंदन में ऐलान हुआ कि जो भी इस जादू को करेगा उसे 500 सोने के सिक्के दिए जाएंगे, लेकिन इस जादू को करने के लिए कोई भी सामने नहीं आया। हालांकि उस काल में ऐसे किसी मदारी के पास वॉट्सप होता तो निश्चित ही उसे यह खबर पता चल जाती।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन, पढ़ें 24 नवंबर का राशिफल

24 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

24 नवंबर 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

Budh vakri 2024: बुध वृश्चिक में वक्री, 3 राशियों को रहना होगा सतर्क

Makar Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: मकर राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय