सत्यवती ने पराशर ऋषि से 'सुहागरात' मनाने की रखी थीं ये शर्तें

अनिरुद्ध जोशी
*ऋषि पराशर बहुत विद्वान और योग सिद्धि संपन्न प्रसिद्ध ऋषि थे। एक दिन वे यमुना पार करने के लिए नाव पर सवार हुए। वह नाव एक मछुआरे धीवर की पुत्री सत्यवती चला रही थी। ऋषि पराशर उसके रूप और यौवन को देखकर विचलित और व्याकुल हो उठे।
 
*ऋषि पराशर ने उस निषाद कन्या सत्यवती से प्यार करने की इच्छा जताई। सत्यवती ने कहा कि यह तो अनैतिक होगा। मैं किसी भी प्रकार के अनैतिक संबंध से संतान पैदा करने के लिए नहीं हुई हूं, लेकिन ऋषि पराशर नहीं माने और उससे प्रणय निवेदन करने लगे।
 
*तब सत्यवती ने ऋषि के सामने 3 शर्तें रखीं। पहली यह कि उन्हें ऐसा करते हुए कोई नहीं देखे। ऐसे में तुरंत ही ऋषि पाराशर ने एक कृत्रिम आवरण बना दिया।
 
 
*दूसरी शर्त यह कि उनकी कौमार्यता किसी भी हालत में भंग नहीं होनी चाहिए। ऐसे में ऋषि ने आश्वासन दिया कि बच्चे के जन्म के बाद उसकी कौमार्यता पहले जैसी ही हो जाएगी।

वीडियो जरूर देखें
*तीसरी शर्त यह कि वह चाहती है कि उसकी मछली जैसी दुर्गंध एक उत्तम सुगंध में परिवर्तित हो जाए। तब पराशर ऋषि ने उसके चारों ओर एक सुगंध का वातावरण निर्मित कर दिया जिसे कि 9 मील दूर से भी महसूस किया जा सकता था।
 
 
*उक्त 3 शर्तों को पूरा करने के बाद सत्यवती और ऋषि पराशर ने नाव में ही सुहागरात मनाई। इसके परिणामस्वरूप एक द्वीप पर उनको एक पुत्र हुआ जिसका नाम कृष्णद्वैपायन रखा। यही पुत्र आगे चलकर महर्षि वेद व्यास के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
 
 
*धृतराष्ट्र, पांडु और विदुर को महर्षि वेद व्यास का ही पुत्र माना जाता है। इन्हीं 3 पुत्रों में से एक धृतराष्ट्र के यहां जब कोई पुत्र नहीं हुआ तो वेदव्यास की कृपा से ही 99 पुत्र और 1 पुत्री का जन्म हुआ।
 
*यदि सत्यवती ऋषि पराशर के साथ सुहागरात नहीं मनाती तो महाभारत कुछ और होती। चलो ऐसा कर भी लिया था तो यदि वह महाराजा शांतनु से विवाह नहीं करती तो भी महाभारत का इतिहास कुछ और ही होता। हालांकि इसे सुहागरात कहना उचित नहीं। ।।इति महाभारत कथा।।

सम्बंधित जानकारी

Vasumati Yog: कुंडली में है यदि वसुमति योग तो धनवान बनने से कोई नहीं रोक सकता

Parshuram jayanti 2024 : भगवान परशुराम जयंती पर कैसे करें उनकी पूजा?

मांगलिक लड़की या लड़के का विवाह गैर मांगलिक से कैसे करें?

Parshuram jayanti 2024 : भगवान परशुराम का श्रीकृष्ण से क्या है कनेक्शन?

Akshaya-tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन क्या करते हैं?

Aaj Ka Rashifal: पारिवारिक सहयोग और सुख-शांति भरा रहेगा 08 मई का दिन, पढ़ें 12 राशियां

vaishkh amavasya 2024: वैशाख अमावस्या पर कर लें मात्र 3 उपाय, मां लक्ष्मी हो जाएंगी प्रसन्न

08 मई 2024 : आपका जन्मदिन

08 मई 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

Akshaya tritiya : अक्षय तृतीया का है खास महत्व, जानें 6 महत्वपूर्ण बातें

अगला लेख