वशिष्ठ ऋषि और उनकी वंश परंपरा

अनिरुद्ध जोशी
बहुत से ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य एवं दलित समाज के लोग वशिष्ठ गोत्र लगाते हैं। वे सभी वशिष्ठ कुल के हैं। वशिष्ठ नाम से कालांतर में कई ऋषि हो गए हैं। एक वशिष्ठ ब्रह्मा के पुत्र हैं, दूसरे इक्क्षवाकु के काल में हुए, तीसरे राजा हरिशचंद्र के काल में हुए और चौथे राजा दिलीप के काल में, पांचवें राजा दशरथ के काल में हुए और छठवें महाभारत काल में हुए। पहले ब्रह्मा के मानस पुत्र, दूसरे मित्रावरुण के पुत्र, तीसरे अग्नि के पुत्र कहे जाते हैं। पुराणों में कुल बारह वशिष्ठों का जिक्र है।
 
हालांकि विद्वानों के अनुसार कहते हैं कि एक वशिष्ठ ब्रह्मा के पुत्र हैं, दूसरे इक्क्षवाकुवंशी त्रिशुंकी के काल में हुए जिन्हें वशिष्ठ देवराज कहते थे। तीसरे कार्तवीर्य सहस्रबाहु के समय में हुए जिन्हें वशिष्ठ अपव कहते थे। चौथे अयोध्या के राजा बाहु के समय में हुए जिन्हें वशिष्ठ अथर्वनिधि (प्रथम) कहा जाता था। पांचवें राजा सौदास के समय में हुए थे जिनका नाम वशिष्ठ श्रेष्ठभाज था। कहते हैं कि सौदास ही सौदास ही आगे जाकर राजा कल्माषपाद कहलाए। छठे वशिष्ठ राजा दिलीप के समय हुए जिन्हें वशिष्ठ अथर्वनिधि (द्वितीय) कहा जाता था। इसके बाद सातवें भगवान राम के समय में हुए जिन्हें महर्षि वशिष्ठ कहते थे और आठवें महाभारत के काल में हुए जिनके पुत्र का नाम पराशर था। इनके अलावा वशिष्ठ मैत्रावरुण, वशिष्ठ शक्ति, वशिष्ठ सुवर्चस जैसे दूसरे वशिष्ठों का भी जिक्र आता है। फिर भी उक्त सभी पर शोध किए जाने की आवश्यकता है। वेदव्यास की तरह वशिष्ठ भी एक पद हुआ करता था। 
 
*वशिष्ठ जो ब्रह्मा के पुत्र थे उनके नाम से ही कुल परंपरा का प्रारंभ हुआ तो आगे चलकर उनके कुल के अन्य वेदज्ञों लोगों ने भी अपना नाम वशिष्ठ रखकर उनके कुल की प्रतिष्ठा को बरकरार रखा। पहले वशिष्ठ की मुख्यत: दो पत्नियां थीं। पहली अरुंधती और दूसरी उर्जा। उर्जा प्रजापति दक्ष की तो अरुंधती कर्दम ऋषि की कन्या थी। प्रारंभिक वशिष्ठ शंकर भगवान के साढू तथा सतीदेवी के बहनोई थे। वशिष्ठ ने ही श्राद्धदेव मनु (वैवस्तवत मनु) को परामर्ष देकर उनका राज्य उनके पुत्रों को बटवाकर दिलाया था। 
 
*वशिष्ठ का कामधेनु और सूर्यवंश की पुरोहिताई के कारण ऋषि विश्वामित्र से झगड़ा हुआ था। विश्वामित्र अत्रिवंशी ययाति कुल से थे। वेद वक्ताओं में वशिष्ठ ऋग्वेद के 7 वे मण्डल के प्रणेता हैं तथा 9वें मंडल में भी इनके वंशधरों के अनेक मंत्र हैं।
 
*इक्ष्वाकु ने 100 रात्रि का कठोर तप करके सूर्य देवता की सिद्धि प्राप्त थी की और वशिष्ठ को गुरु बनाकर उनके उपदेश से अपना पृथक राज्य और राजधानी अयोध्यापुरी स्थिपित कराई और वे प्राय: वहीं रहने लगे। प्रथम वशिष्‍ठ ही पुष्कर में प्रजापति ब्रह्मा के यज्ञ के आचार्य रहे थे।
 
*वशिष्ठ राम के काल में हुए जिन्होंने अयोध्या के राजपुरोहित के पद पर कार्य किया था। उन्होंने ही दशरथ को पुत्रेष्ठि यज्ञ कराया, श्री रामजी को जातकर्म चौल, यज्ञोपवीत विवाह कराया और राम की राज्याभिषेक की पूरी व्यवस्था इन्हीं के द्वारा हुई।
 
*वशिष्ठ महाभारत के काल में हुए थे। प्रथम वशिष्ठ की पत्नीं अरुंधती से उत्पन्न पुत्रों के कुल में ही आगे चलकर महाभारत के काल में एक और वशिष्ठ नाम से प्रसिद्ध हुए ऋषि थे जिनके पुत्र का नाम शक्ति मुनि और पौत्र का नाम पराशर था। पराशर के पुत्र महाभारत लिखने वाले मुनि वेद व्यास थे।
 
*वशिष्ठ ऋषि की संपूर्ण जानकारी वायु, ब्रह्मांड एवं लिंग पुराण में मिलती है। वशिष्ठ कुल ऋषियों एवं गोत्रकारों की नामावली मत्स्य पुराण में दर्ज है। इस वंश में क्रमश: प्रमुख लोग हुए- 1. देवराज, 2. आपव, 3. अथर्वनिधि, 4. वारुणि, 5. श्रेष्ठभाज्, 6. सुवर्चस्, 7. शक्ति और 8. मैत्रावरुणि। एक अल्प शाखा भी है, जो जातुकर्ण नाम से है।
 
*वशिष्ठ वंश के रचित अनेक ग्रन्थ अभी उपलब्ध हैं। जैसे वशिष्ठ संहिता, वशिष्ठ कल्प, वशिष्ठ शिक्षा, वशिष्ठ तंत्र, वशिष्ठ पुराण, वशिष्ठ स्मृति, वशिष्ठ श्राद्ध कल्प, आदि इनमें प्रमुख हैं।

सम्बंधित जानकारी

Bhai dooj katha: भाई दूज की पौराणिक कथा

Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन सामग्री सहित सरल विधि

Diwali Laxmi Pujan Timing: दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहूर्त और चौघड़िया

Narak chaturdashi 2024: नरक चतुर्दशी पर हनुमानजी की पूजा क्यों करते हैं, क्या है इसका खास महत्व?

दिवाली के पांच दिनी उत्सव में किस दिन क्या करते हैं, जानिए इंफोग्राफिक्स में

November 2024 Monthly Horoscope : नवंबर में इन 4 राशि वालों की चमकेगी, जानें मंथली होरोस्कोप

दिवाली के दिन सुबह-सुबह कर लें ये काम, आपके घर पर बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा

दिवाली पूजा के बाद दीयों का क्या करते हैं? भूलकर भी न करें ये चूक, इन 5 कामों को करने से बनी रहेगी सुख-समृद्धि

भाई दूज पर देखिये भाई-बहन के रिश्ते पर आधारित ये हिंदी फ़िल्में, रिश्ते को मिलेगी और भावनात्मक गहराई

अभी तक नहीं बना पाएं हैं दीपावली की मिठाई? तो तुरंत ट्राई के ये लो कैलोरी मिठाइयों की रेसिपी

अगला लेख