घर के पूजा घर में सुबह और शाम को कितने बजे तक दीया जलाना चाहिए?

WD Feature Desk
शनिवार, 4 मई 2024 (14:38 IST)
Sham ko diya jalane ka time:हिन्दू धर्म में घर के पूजाघर में प्रतिदिन सुबह और शाम को होने वाली पूजा में भी दीपक जलाने की परंपरा है। दीपक जलाने और पूजा करने का एक समय होता है। उसी समय में दीया जलाना चाहिए। इसी के साथ यह भी जरूरी है कि दीपक की लौ उचित दिशा में रखें। आओ जानते हैं दीपक जलाने के शुभ नियम। 
ALSO READ: एकादशी पर श्रीहरि विष्णु के साथ करें इन 3 की पूजा, घर में लक्ष्मी का स्थायी वास हो जाएगा
दीपक जलाने का मंत्र deepak jalane ka mantra :- किसी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाते समय इस मंत्र का जप करने से शीघ्र ही सपलता मिलती है।
 
दीपज्योति: परब्रह्म:
दीपज्योति: जनार्दन:
दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नमोस्तुते...
शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां
शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति: नमोस्तुति...
ALSO READ: Hanuman jayanti 2024: हनुमान जयंती कैसे मनाएं, जानें नियम और पूजा विधि
दीया की लौ किस दिशा में रखें?
दीपक की लौ पूर्व दिशा की ओर रखने से आयु में वृद्धि होती है। 
दीपक की लौ पश्चिम दिशा की ओर रखने से दु:ख बढ़ता है।
दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर रखने से धनलाभ होता है। 
दीपक की लौ दक्षिण दिशा की ओर रखने से हानि होती है। 
यह हानि किसी व्यक्ति या धन के रूप में भी हो सकती है।
पूजाघर में किस समय जलाएं दीपक?
 
सुबह का समय:-
1. सूर्योदय के समय घर में दीपक जलाना चाहिए जबकि मंगल आरती होती है।
 
2. सूर्योदय के समय नहीं लगा पाएं तो 6 बजकर 30 मिनट पर पूजा आरती के समय लगा सकते हैं। 
 
3. पूजा करती के समय भी नहीं लगा पाएं तो 7 बजकर 30 मिनट पर श्रृंगार आरती के समय लगाएं।
 
4. इसके बाद करीब 10 बजकर 30 मिनट पर भोग आरती होती है तब भी दीपक लगा सकते हैं। 
 
4. दीपक यदि मंगल आरती के समय लगाते हैं तो यह सबसे श्रेष्ठ है। प्रात: 5 बजे से 10 बजे के बीच दीपक जलाना शुभ होता है।
ALSO READ: वास्तु शास्त्र के अनुसार हमेशा कंगाल रहते हैं इन 4 घरों में रहने वाले लोग
शाम का समय:-
1. सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में दीपक लगना चाहिए। 
 
2. शास्त्रानुसार प्रदोषकाल सूर्यास्त से 2 घड़ी (48 मिनट) तक रहता है। 
 
3. कुछ विद्वान मतांतर से इसे सूर्यास्त से 2 घड़ी पूर्व व सूर्यास्त से 2 घड़ी पश्चात् तक भी मान्यता देते हैं। इसी के साथ संधिकाल प्रारंभ होता है।
 
3. शाम को करीब संध्या आरती 7 बजकर 15 मिनट से शयन आरती 8 बजकर 30 मिनट के बीच कभी भी दीप प्रज्वलित किया जा सकता है।
 
4. शयन आरती रात्रि 8:30 बजे होती है उसके बाद दीपक जलाने का कोई मतलब नहीं। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Mokshada ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी कब है, क्या है श्रीकृष्‍ण पूजा का शुभ मुहूर्त?

Surya in vrishchi 2024: सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर, 4 राशियों के लिए बहुत ही शुभ

दत्तात्रेय जयंती कब है? जानिए महत्व

विवाह पंचमी कब है? क्या है इस दिन का महत्व और कथा

काल भैरव जयंती पर करें मात्र 5 उपाय, फिर देखें चमत्कार

सभी देखें

धर्म संसार

वर्ष 2025 में गृह प्रवेश के शुभ मुहूर्त कौन कौनसे हैं?

वर्ष 2025 में वाहन खरीदने के शुभ मुहूर्त कौन कौनसे हैं?

शनि ने चली मार्गी चाल, जानिए 12 राशियों का हाल

IRCTC के स्पेशल पैकेज में कम बजट में करें प्रभु जगन्नाथ की नगरी का टूर

शुक्र का धन राशि में गोचर, 4 राशियों को होगा धनलाभ

अगला लेख