28 सितंबर को भरणी नक्षत्र, अगर मृत परिवारजन जीवन में नहीं कर पाया है कोई भी तीर्थयात्रा, तो अवश्‍य करें भरणी श्राद्ध

Webdunia
मथुरा। कई लोग अपने जीवन में कोई भी तीर्थयात्रा नहीं कर पाते, ऐसे लोगों की मृत्यु होने पर उन्हें मातृ गया, पितृ गया, पुष्कर तीर्थ और बद्रीकेदार आदि तीर्थों पर किए गए श्राद्ध का फल मिले, इसके लिए भरणी श्राद्ध करना जरूरी माना गया है।
 
द्वारकाधीश मंदिर के मशहूर ज्योतिषाचार्य अजय कुमार तैलंग ने बताया कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद पितृ पक्ष में भरणी श्राद्ध करना आवश्यक होता है। इस बार यह भरणी श्राद्ध 28 सितंबर को किया जा सकेगा, क्योंकि उस दिन भरणी नक्षत्र होगा।
   
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि कई लोग अपने जीवन में कोई भी तीर्थयात्रा नहीं कर पाते। ऐसे लोगों की मृत्यु होने पर उन्हें मातृ गया, पितृ गया, पुष्कर तीर्थ और बद्रीकेदार आदि तीर्थों पर किए गए श्राद्ध का फल मिले, इसके लिए भरणी श्राद्ध किया जाता है।
 
उन्होंने बताया कि भरणी श्राद्ध पितृ पक्ष के भरणी नक्षत्र के दिन ही किया जाता है। यह एकोदिष्ट उद्देश्य के लिए किया जाता है। व्यक्ति के निधन के पहले वर्ष में भरणी श्राद्ध नहीं किया जाता है। इसका कारण है कि प्रथम वार्षिक श्राद्ध होने तक मृत व्यक्ति को प्रेतत्व रहता है। ऐसे में पहले वर्ष किसी भी श्राद्ध का अधिकार नहीं होता।
 
तैलंग के अनुसार, प्रथम वर्ष के बाद भरणी श्राद्ध अवश्य करना चाहिए। वास्तव में भरणी श्राद्ध प्रतिवर्ष करने का शास्त्र संकेत देते हैं लेकिन एक ही बार करने वाले व्यक्ति कम से कम प्रथम वर्ष भरणी श्राद्ध न करें तो उचित होगा। प्रत्‍येक वर्ष भरणी श्राद्ध करना हमेशा श्रेयस्कर रहता है। इसे प्रथम महालय में न करते हुए दूसरे वर्ष से अवश्य करें।
 
उन्होंने बताया कि नित्य तर्पण में मृत व्यक्ति को पितृत्व का अधिकार प्राप्त होने पर ही उसके नाम का उच्चारण करें। इसे पहले साल न किया जाए तो बेहतर होगा। (वार्ता)

ALSO READ: Pitru Paksha 2018 : सिर्फ चौदह दिनों का है पितृ पक्ष, श्रद्धापूर्वक श्राद्ध से वर्षभर प्रसन्न रहेंगे पितर, ऐसे करें श्राद्ध

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

हिन्दू नववर्ष को किस राज्य में क्या कहते हैं, जानिए इसे मनाने के भिन्न भिन्न तरीके

कब मनेगी ईद 31 मार्च या 1 अप्रैल, जानिए सही तारीख

नवरात्रि की प्रथम देवी मां शैलपुत्री की कथा

चैत्र नवरात्रि 2025 पर अपनों को शेयर करें ये विशेस और कोट्स, मां दुर्गा के आशीर्वाद से जीवन होगा मंगलमय

गुड़ी पड़वा विशेष: गुड़ी पर क्यों चढ़ाते हैं गाठी/पतासे का हार, जानिए इसका धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

सभी देखें

धर्म संसार

29 मार्च 2025 : आपका जन्मदिन

29 मार्च 2025, शनिवार के शुभ मुहूर्त

नवरात्रि में देश के इन पांच दुर्गा मंदिरों में दर्शन का है विशेष महत्व, आप भी लीजिए दर्शन का लाभ

रमजान के पवित्र महीने में क्यों रखे जाते हैं रोजे, जानिए क्यों मनाई जाती है मीठी ईद

चैत्र नवरात्रि में कौन सा रंग पहनें? जानें 9 दिन के 9 रंगों का शुभ महत्व

अगला लेख