पंचमी के श्राद्ध की खास बातें, क्या करें और क्या न करें

Webdunia
शुक्रवार, 24 सितम्बर 2021 (14:39 IST)
इस बार पितृ पक्ष ( Pitru Paksha 2021 Start Date) 20 सितंबर 2021, सोमवार को भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आरंभ हो गए हैं। पितृ पक्ष का समापन 6 अक्टूबर 2021, बुधवार को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को होगा। आओ जानते हैं कि पितृ पक्ष के छठे दिन के पंचमी श्राद्ध ( Panchami Shradh 2021 ) के दिन क्या करें।
 
 
अश्‍विन माह की पंचमी तिथि 25 सितंबर को प्रात: 10:38 से प्रारंभ होगी। अभिजीत, कुतुप या रोहिणी मुहूर्त में श्राद्ध करते हैं। अभिजीत मुहूर्त 11:48:35 से 12:36:51 तक तक रहेगा। इस दिन भरणी नक्षत्र रहेगा। कुतुप काल में, अभिजीत मुहूर्त में या मध्याह्न समय में श्राद्ध करें।
 
विक्रम संवत - 2078, आनन्द
पूर्णिमांत - आश्विन माह
अमांत - भाद्रपद माह
 
क्या करें
1. जिन लोगों का देहांत इस दिन अर्थात तिथि अनुसार दोनों पक्षों (कृष्ण या शुक्ल) चतुर्थी तिथि हो हुआ है उनका श्राद्ध इस दिन किया जाता है। 
 
2. चतुर्थी और पंचमी को उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु गतवर्ष ही हुई हो।
 
3. श्राद्ध पक्ष की इस तिथि को कुंवारा पंचमी भी कहते हैं। इस दिन ऐसे परिजनों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी अविवाहित रहते हुए ही मृत्यु हो गई हो।
 
4. इस दिन प्रात:काल उठकर स्नाआदि से निवृत होकर पूजन के स्थान को साफ स्वच्छ करके तैयार करें। 
 
5. महिलाएं शुद्ध होकर पितरों के लिए भोजन बनाएं। 
 
7. अब योग्य और अविवाहित ब्राह्मण को न्योदार देकर उनसे पितरों की पूजा और तर्पण कराएं। पितरों का पूजन करने के बाद उन्हें भोग लगाएं। पितरों के निमित्त अग्नि में खीर अर्पित करें।
 
8. अब उक्त भोजन में से गाय, कौवा, कुत्ता, देव और पीपल के लिए भोजन अलग से निकालकर उन्हें अर्पित करें।
 
9. अंत में ब्राह्मण भोज कराएं। ब्राह्मण भोज के साथ ही जमाई, भांजा, मामा और नाती को भी भोजन कराएं। सभी को यथाशक्ति दक्षिणा दें।
 
ये कार्य न करें : 
इस दिन गृह कलह न करें, चरखा, मांसाहार, बैंगन, प्याज, लहसुन, बासी भोजन, सफेद तील, मूली, लौकी, काला नमक, सत्तू, जीरा, मसूर की दाल, सरसो का साग, चना आदि वर्जित माना गया है। कोई यदि इनका उपयोग करना है तो पितर नाराज हो जाते हैं। शराब पीना, मांस खाना, श्राद्ध के दौरान मांगलिक कार्य करना, झूठ बोलना और ब्याज का धंधा करने से भी पितृ नाराज हो जाता हैं।
 

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