मत्स्य पुराण के अनुसार श्राद्ध के विविध प्रकार

पं. हेमन्त रिछारिया
हमारे सनातन धर्म में श्राद्ध के विभिन्न प्रकार बताए गए हैं। मत्स्य पुराण में तीन प्रकार के श्राद्ध का उल्लेख है-
 
- 'नित्यं नैमित्तिकं काम्यं त्रिविधं श्राद्धमुच्यते।'
 
मत्स्य पुराण के अनुसार नित्यं, नैमित्तिक व काम्य ये तीन प्रकार के श्राद्ध होते हैं। वहीं यमस्मृति में पांच प्रकार के श्राद्धों का वर्णन मिलता है एवं भविष्य पुराण में बारह प्रकार के श्राद्धों का उल्लेख है। 
 
किंतु इन सभी में पांच प्रकार के श्राद्ध विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण है जिनमें सभी प्रकार के श्राद्धों का सार समाहित है। वे हैं-
 
1. नित्य- प्रतिदिन किए जाने वाले श्राद्ध को नित्य-श्राद्ध कहते हैं।
 
2. नैमित्तिक- जो श्राद्ध किसी एक व्यक्ति के निमित्त किया जाता है उसे नैमित्तिक-श्राद्ध कहते हैं। शास्त्रों में इसका उल्लेख एकोद्दिष्ट-श्राद्ध के नाम से भी मिलता है।
 
3. काम्य- जो श्राद्ध किसी विशेष आकांक्षा या कामना की पूर्ति हेतु किया जाता है वह काम्य-श्राद्ध कहलाता है।
 
4. वृद्धि-श्राद्ध- किसी मांगलिक अवसर अथवा शुभ अवसर पर किए जाने वाला श्राद्ध वृद्धि-श्राद्ध कहलाता है।
 
5. पार्वणश्राद्ध- अमावस्या, पितृ पक्ष या तिथि पर किया जाने वाला श्राद्ध पार्वण-श्राद्ध कहलाता है। यह श्राद्ध माता-पिता दोनों की तीन-तीन पीढ़ियों के व्यक्तियों अथवा निकट के संबंधियों के निमित्त पिंड दान आदि द्वारा किया जाता है।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमंत रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केंद्र 
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com
 
ALSO READ: श्राद्ध पक्ष में नित्य तर्पण और आमान्न दान का है बहुत महत्व, इन बातों का रखें विशेष ध्यान

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Astrology : किस राशि के लोग आसानी से जा सकते हैं आर्मी में?

Vastu Tips : वास्तु के अनुसार इन 4 जगहों पर नहीं रहना चाहिए, जिंदगी हो जाती है बर्बाद

Mangal Gochar : मंगल का मीन राशि में प्रवेश, 12 राशियों का राशिफल जानें

Shani Sade Sati: 3 राशि पर चल रही है शनिदेव की साढ़ेसाती, 2 पर ढैया और किस पर कब लगेगा शनि?

Vastu Tips : वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में 2 वास्तु यंत्र रखने से होता है वास्तु दोष दूर

बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर, 4 राशियों को होगा नुकसान, जानें उपाय

Sabse bada ghanta: इन मंदिरों में लगा है देश का सबसे वजनी घंटा, जानें क्यों लगाते हैं घंटा

अब कब लगने वाले हैं चंद्र और सूर्य ग्रहण, जानिये डेट एवं टाइम

वर्ष 2025 में क्या होगा देश और दुनिया का भविष्य?

वैष्णव संत रामानुजाचार्य के बारे में 5 खास बातें

अगला लेख