Hanuman Chalisa

Shradh Paksha 2025: श्राद्ध पक्ष में प्रतिपदा का श्राद्ध कैसे करें?

WD Feature Desk
सोमवार, 8 सितम्बर 2025 (10:04 IST)
Shradh 2025: आप 8 सितंबर 2025 को प्रतिपदा तिथि में श्राद्ध विधि संपन्न कर सकते हैं। यह अवधि अनुष्ठान के लिए उपयुक्त मानी जाती है। इस अवसर पर विधिपूर्वक तर्पण, पिंडदान, ब्राह्मणों को भोजन, दान और शांति पाठ करें। साथ ही संयम, शुद्धता और शांत मन बनाए रखें। श्राद्ध पक्ष 2025 का प्रतिपदा श्राद्ध अर्थात् श्राद्ध के पहले दिन के रूप में प्रतिपदा तिथि पर किया जाने वाला श्राद्ध करने की विधि, महत्व इस प्रकार हैं:ALSO READ: shradh paksha 2025 : गयाजी में क्यों किया जाता है पिंडदान? जानिए क्यों कहलाती है मोक्ष नगरी और कैसे मिला ये नाम
 
प्रतिपदा श्राद्ध का महत्व: प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध उन पितरों के लिए किया जाता है जिनका निधन किसी भी माह की प्रतिपदा तिथि को हुआ हो। यह श्राद्ध पितृ पक्ष का पहला श्राद्ध होता है, जिसे विधि-विधान से करने पर पितर प्रसन्न होकर परिवार को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इस समयावधि में शाकाहारी भोजन, शांत मन, स्वच्छता अनिवार्य बताई गई है। साथ ही पूर्वजों की आत्मा की शांति हेतु शांति पाठ, मंत्रोच्चारण, सूर्य देव की आराधना करें।
 
श्राद्ध की विधि: 
1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। जिस स्थान पर श्राद्ध करना है, उसे गोबर से लीपकर या गंगाजल छिड़क कर शुद्धिकरण कर लें।
 
2. दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बैठें। तांबे के लोटे में गंगाजल, दूध, जौ, चावल, सफेद फूल और काले तिल मिलाकर तर्पण करें।
 
3. पितरों के लिए आटे और चावल से बने पिंडों को तैयार करें और उन्हें अर्पित करें। 
 
4. श्राद्ध के लिए घर की महिलाएं सात्विक भोजन (जैसे खीर, पूड़ी, सब्ज़ियां) बनाएं।
 
5. किसी श्रेष्ठ ब्राह्मण, दामाद या भतीजे को घर पर भोजन के लिए आमंत्रित करें। भोजन के बाद उन्हें सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा और वस्त्र देकर आदरपूर्वक विदा करें।ALSO READ: Shradh paksh 2025: श्राद्ध विधि: पिंडदान और तर्पण करने का सही तरीका और नियम
 
6. भोजन का कुछ हिस्सा गाय, कुत्ता, कौवा, चींटी और देवता के लिए अलग निकालकर रखें। इसे पंचबलि श्राद्ध कहा जाता है।
 
7. श्राद्ध के दौरान पूरी श्रद्धा के साथ अपने पितरों का स्मरण और आह्वान करके प्रार्थना करें।
 
पितृ पक्ष में ध्यान रखने योग्य बातें
 
• श्राद्ध कर्म में शुद्धता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
 
• श्राद्ध हमेशा श्रद्धा भाव से किया जाना चाहिए।
 
• पितृ पक्ष में तामसिक भोजन (मांस, मछली, प्याज, लहसुन) से परहेज करें।
 
• इन दिनों कोई भी नया कार्य या शुभ कार्य शुरू नहीं करना चाहिए।
 
• पितरों को जल अर्पित करते समय दक्षिण दिशा की ओर मुख रखें।
 
• किसी भी प्रकार के विवाद या क्रोध से बचें और सात्विक आचरण अपनाएं।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: Shradh paksh 2025: श्राद्ध के 15 दिनों में करें ये काम, पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Budh vakri gochar 2025: बुध ग्रह ने चली वक्री चाल, जानिए क्या होगा 12 राशियों का राशिफल

Vivah Panchami upaay : विवाह पंचमी पर किए जाने वाले 5 मुख्य उपाय

Dreams and Destiny: सपने में मिलने वाले ये 5 अद्‍भुत संकेत, बदल देंगे आपकी किस्मत

Sun Transit 2025: सूर्य के वृश्‍चिक राशि में जाने से 5 राशियों की चमक जाएगी किस्मत

Margashirsha Month 2025: आध्यात्मिक उन्नति चाहते हैं तो मार्गशीर्ष माह में करें ये 6 उपाय

सभी देखें

धर्म संसार

Vakri Guru Fal: बृहस्पति का कर्क राशि में वक्री गोचर, 3 राशियों को रहना होगा संभलकर

सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर, 3 राशियों को रहना होगा 1 माह तक सतर्क

Lal Kitab Mesh Rashifal 2026: मेष राशि (Aries) - बृहस्पति बचाएंगे, राहु मालामाल करेंगे, शनि निपटेंगे रोग शत्रुओं से

Som Pradosh 2025: सोम प्रदोष आज, जानें व्रत का महत्व, विधि और पूजा मुहूर्त

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (17 नवंबर, 2025)

अगला लेख